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फतेहपुर जिला
भागीरथ पराक्रमी : स्वामी विज्ञानानन्द
Posted on 15 May, 2017 10:26 AM
बचपन
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्वामी विज्ञानानन्द का आश्रम गंगा नदी के ओम तट पर भिटौरा गाँव में है। वर्ष 1970 के दिनों में रामशंकर पुत्र रामलखन गाँव बड़नपुर जनपद फतेहपुर में अपने माता-पिता और तीन बहनों के साथ रहते थे। जब रामशंकर की उम्र 13-14 वर्ष की रही होगी, उस समय वह दसवीं कक्षा के छात्र थे। अचानक एक दिन कुछ असाधारण करने की लालसा में रामशंकर सब कुछ छोड़ कर घर से बिना किसी को बताये चले जाता है और 33 वर्ष बाद जब वह अपने गाँव लौटा तो वह पिता के द्वारा रखे गये नाम रामशंकर को छोड़ चुका था। रामशंकर अब स्वामी विज्ञानानंद हो चुके थे।
फतेहपुर में सूखे पर फतेह
Posted on 11 Mar, 2017 01:55 PMअनुवाद - संजय तिवारी
किसी सरकारी योजना में ऐसा पहली बार हुआ था कि दोहन की बजाय संवर्धन पर सरकारी धन खर्च किया गया था। सरकारें ट्यूबवेल बनाकर धरती का पानी खींचने में सिद्धहस्त होती हैं लेकिन यहाँ इसके उलट किसी छोटी जलधारा को जीवित किया गया ताकि धरती के पेट में पानी भर सके। छोटी जलधाराएँ न केवल स्थानीय भूजल को बनाकर रखती हैं बल्कि जिन नदियों में उनका मिलन होता है उस बड़ी नदी की सेहत के लिये भी ये छोटी नदियाँ वरदायी होती हैं।
यह देश के 250 सर्वाधिक पिछड़े हुए जिलों में से एक फतेहपुर की कहानी है जहाँ सरकारी पैसे के समुचित उपयोग और जन भागीदारी से समाज ने अपनी सूखी नदी को जिन्दा कर लिया।39 साल के राम ईश्वर फतेहपुर स्टेशन के सामने रिक्शा चलाते थे। खेती करते थे तब भी वो कोई बड़े किसान नहीं थे लेकिन रोजी रोटी चल जाती थी। छोटी जोत में मेहनत से इतना पैदा कर लेते थे कि जीवन चल जाता था। जब पानी की कमी की वजह से छोटी जोत की पैदावार भी जरूरत से छोटी हो गई तो उन्होंंने रिक्शा चलाने का विकल्प चुना। अगर उद्योग धन्धे का विकल्प मिलता तो शायद मिल फैक्टरी में काम भी करते लेकिन फतेहपुर में रोजी रोटी के बहुत सारे विकल्प नहीं हैं। ऐसे में एक सरकारी योजना राम ईश्वर के लिये वरदान बनकर आई।
महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना के तहत फतेहपुर में एक ऐसा काम हाथ में लिया गया जिससे फतेहपुर को सींचने वाली सूखी नदी हरी हो गई। ससुर खदेरी (2) का पुनर्जीवन भारत में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का सफल उदाहरण है जिसने छोटी जोत वाले न जाने कितने किसानों को खेती की तरफ लौटाने का काम किया है।
स्वच्छता के मुद्दे पर फतेहपुर में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
Posted on 31 Dec, 2015 11:54 AMतिथि : 4-5 जनवरी 2016दिन : सोमवार-मंगलवार
स्थान : गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज बिंदकी, फतेहपुर
भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान में 4041 शहर सम्मिलित हैं। इन शहरों की गलियों, सड़कों को साफ करना शामिल है। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत प्रधानमंत्री जी ने स्वयं झाड़ू लगाकर की थी। स्वच्छ भारत अभियान, भारत की सबसे बड़ी स्वच्छता मुहिम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 4-5 जनवरी 2016 को कार्यक्रम का आयोजन बिंदकी में किया जा रहा है। आगामी वर्ष जनवरी 2016 में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्वच्छता पर कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। 4-5 जनवरी 2016 को होने वाले इस कार्यक्रम का मुद्दा है, स्वच्छ भारत अभियान 2014 : प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य, मुद्दे और चुनौतियाँ। इस कार्यक्रम का आयोजन फतेहपुर के गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज बिंदकी, फतेहपुर में होगा।
फतेहपुर के बिंदकी का भी एक लम्बा इतिहास रहा है। राष्ट्रकवि सोहन लाल द्विवेदी की यह जन्मस्थली रही है। बिंदकी के गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज की स्थापना 1996 में एक उच्च कला महाविद्यालय के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह कला के तीन विषयों में उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाला महाविद्यालय बन गया है।
अपनी स्थापना के बाद से ही यह बिंदकी और आस-पास के क्षेत्र की लड़कियों की उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार में योगदान दे रहा है। अगले वर्ष से यहाँ वाणिज्य की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
दूषित पानी से त्रस्त ग्रामीणों ने वोट नहीं देने की ठानी
Posted on 28 Apr, 2011 11:46 AMसभी हैंडपंपों में एक प्लेट लगा दिया है कि पानी पीने योग्य नहीं है। लेकिन प्रशासन ने पानी की को
ससुर खदेरी नदी को पुनर्जीवित करने का भगीरथ-पराक्रम
Posted on 06 Aug, 2014 02:15 PMउत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में एक नदी को पुनर्जीवित करने का भगीरथ-पराक्रम किसी के लिये भी प्रेरणादायक हो सकता है। मानवीय प्रयास द्वारा ससुर खदेरी नामक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित कर दिया गया है।
नाव, न गाड़ी! बाढ़ से निपटने की ये कैसी तैयारी
Posted on 19 Jun, 2014 04:55 PMगंगा-यमुना के दोआब के 139 गांव हर साल जूझते हैं बाढ़ की समस्या से
गोमुख से गंगासागर तक पदयात्रा पर एक संन्यासी
Posted on 19 Jul, 2010 02:00 PMयदि यह पदयात्रा किसी नेता या अभिनेता की होती अथवा कोई रथयात्रा हो रही होती तो मीडिया इसकी पल-पल की जानकारी दे रहा होता, किंतु यह यात्रा एक संन्यासी कर रहा है, लिहाजा इसकी कहीं चर्चा नहीं हो रही, गोमुख से गंगासागर तक किनारे-किनारे पूरे ढाई हज़ार किलोमीटर लंबे मार्ग पर सर्दी, लू के थपेड़ों और बरसात के बीच इस संन्यासी की पदयात्रा गंगा की निर्मलता के लिए हो रही है। वह भी ऐसे मार्ग पर, जो कभी पार
फतेहपुर के ग्रामीण फ्लोराइड के शिकार
Posted on 18 Dec, 2009 06:59 PMबिपिन चन्द्र चतुर्वेदीउत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और कानपुर के बीच बसे फतेहपुर जिले की जमीन खेती के दृष्टि से काफी उपजाऊ मानी जाती है। इस जिले का एक छोर गंगा के तट पर तो दूसरा छोर यमुना के तट पर है। दो नदियों के बीच बसे होने के कारण फतेहपुर जिले में भूजल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसी क्षेत्र में धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है ‘भिटौरा विकासखंड’ जो कि ठीक गंगा के किनारे बसा हुआ है। पुराणों के अनुसार इस स्थान पर महर्षि भृगु ने लम्बे समय तक तप किया था। इसी कारण काफी समय तक इस गांव को ‘भृगु थौरा’ नाम से जाना जाता था, जो बाद में ‘भिटौरा’ हो गया। इस जगह गंगा की धारा उत्तरवाहिनी हो गई है,