ओड़िशा

Term Path Alias

/regions/orissa

सामुदायिक स्वामित्वः जल जीवन मिशन के साहसिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ओडिशा के अनुभव
इस ब्लॉग में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत ओडिशा में सभी घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करें | Get information about the target of providing tap water to all households in Odisha under ‘Jal Jeevan Mission’ in this blog Posted on 07 Feb, 2024 02:34 PM

जल जीवन मिशन ने एक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन के साथ भारत के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कवर करने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लोगों के आंदोलन के रूप में इसे प्राप्त करने की परिकल्पना करता है, जहाँ लोगों और उनके प्रतिनिधि संस्थानों द्वारा पेयजल आपूर्ति का स्वामित्व और प्रबंधन किया जाता है। एक बार लक्ष्य हासिल करने के बाद, यह वित-पोषण और कार्यों के विकेंद्रीकरण के सिद्धांतो

जल जीवन मिशन
ओडिशा : महिलाओं द्वारा जलापूर्ति योजना का नेतृत्व
जानिए सुनंदा दास की मेहनत और संकल्प ने कैसे जल जीवन मिशन के तहत पुरुष प्रधान क्षेत्र जैसे प्लंबिंग और जरूरतमंद पानी की आपूर्ति की मरम्मत का प्रशिक्षण प्राप्त करके गांव के सभी सार्वजनिक हैंडपंपों और घरेलू नलों में पानी की गुणवत्ता परीक्षण और गांव में स्वच्छता और साफ-सफाई का प्रबंधन, पारिवारिक नल कनेक्शनों से लेकर खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्रयासों की निरंतरता, गांव की सफाई और स्वास्थ्य और स्वच्छता के रखरखाव के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया और गुणवत्तापूर्ण पेयजल तक पहुंच ने स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों को कम कर दिया है |  Know how Sunanda Das's hard work and determination led to water quality testing in all public hand pumps and domestic taps of the village and management of sanitation and hygiene in the village, from household tap connections to Open Defecation Free (ODF) under Jal Jeevan Mission. Continuity of efforts, village cleanliness and maintenance of health and hygiene created a conducive environment and access to quality drinking water has reduced health emergencies Posted on 03 Feb, 2024 01:24 PM

सुनंदा दास कई लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं क्योंकि वह खोरधा जिले के अर्थटांड़ गांव में पाइप जलापूर्ति (पीडब्ल्यूएस) योजना के लिए एक स्वरोजगार मैकेनिक (एसईएम) के रूप में कुशलतापूर्वक काम करती हैं। अर्थटांड़ एक राजस्व ग्राम है, जिसमें 1,790 की आबादी वाले 407 घर हैं जहां सुनंदा अपने परिवार के साथ पिछले 18 सालों से रह रही है।

महिलाओं द्वारा जलापूर्ति योजना का नेतृत्व
स्कूलों में 'WASH' से कौंध जनजातीय लोगों के चेहरों पर खिली मुस्कान
स्कूलों में वॉश के संबंध में डब्ल्यूएचओ / यूनीसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (जेएमपी) की रिपोर्ट 2019 में पाया गया है कि विश्व स्तर पर लगभग 584 मिलियन बच्चों के पास पीने के पानी की बुनियादी सुविधाओं की कमी है, लगभग 698 मिलियन बच्चों की बुनियादी स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच नहीं है और लगभग 818 मिलियन बच्चों को उनके स्कूलों में बुनियादी स्वच्छता सेवाओं की आवश्यकता है। Posted on 13 Sep, 2023 05:26 PM

बच्चे किसी भी देश के सामाजिक- आर्थिक विकास के निर्माता होते हैं। और शिक्षा इन भावी निर्माताओं के विकास में ऑक्सीजन की भूमिका निभाती है। सतत विकास लक्ष्य 4 (एसडीजी 4 ) का उद्देश्य 'समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना' है। प्रत्येक बच्चे को स्कूलों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और सफाई (वॉश) सुविधाओं तक पहुंच के साथ शिक्षा का अधिका

कांधा डेंगासरगी गाँव के स्कूल में नल के जल से हाथ धोते विद्यार्थी,Pc--जल जीवन संवाद
हर घर जल स्वास्थ्य, पोषण - और जीवन की गुणवत्ता में सुधार
15 अगस्त, 2019 को शुरू हुए जल जीवन मिशन के बाद यह नल कनेक्शनों की कवरेज में तीन गुना की वृद्धि है। ओडिशा भी नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अपने निरंतर प्रयासों से राष्ट्रीय औसत प्रतिशत के करीब पहुँच रहा है क्योंकि राज्य में अब तक 48% से ज़्यादा ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके हैं, जबकि इस मिशन की शुरुआत के समय ओड़ीशा में कवरेज केवल 3.51% ही था। Posted on 12 Sep, 2023 05:13 PM

आज देश में 50% से ज़्यादा ग्रामीण आबादी को उनके ही घर में नल से पेयजल की आपूर्ति होने लगी है। कुल 19.21 करोड़ ग्रामीण घरों में से अब 9.75 करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नल कनेक्शन से होने लगी है। 15 अगस्त, 2019 को शुरू हुए जल जीवन मिशन के बाद यह नल कनेक्शनों की कवरेज में तीन गुना की वृद्धि है। ओडिशा भी नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अपने निरंतर प्रयासों से राष्ट्रीय औसत प्रतिशत के करीब पहुँच

हर घर जल शुद्ध पेयजल कनेक्शन
मोबाइल एप आधारित रिमोट संचालित पंप प्रणाली
सिंचाई जल की उपयोग दक्षता बहुत गंभीर हो गयी है। कई स्थानों पर तो किसानों को कृषि के लिये बिजली की आपूर्ति केवल रात के समय में ही उपलब्ध रहती है। अतः किसानों को अपनी रात की नींद की कीमत पर खेत में पंप चलाने के लिए जाना पड़ता है। हालांकि कुछ किसानों द्वारा रात की सिंचाई को खेत से वाष्पीकरण के नुकसान को कम करने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इस तरह इससे असुविधाजनक स्थिति बन जाती है। Posted on 09 Jun, 2023 02:21 PM

प्रस्तावना

हम कृषि की विभिन्न उन्नत तकनीकों को अपनाने के कारण खाद्यान उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर चुके हैं जो उत्पादन पद्धति में अधिकत्तम उत्पादन और निम्नतम जोखिम को सुनिश्चित करती हैं। इसके अतिरिक्त मशीनीकरण और कठिन परिश्रम को कम करने वाली तकनीकों ने किसानों की कामकाजी और जीवन स्तर की स्थितियों में सुधार किया है। लेकिन आज भी किसानों को अपने खेत की सिंच

मोबाइल एप आधारित रिमोट संचालित पंप प्रणाली,Pc-भाकृअनूप
फसलों में सिंचाई के लिये अपशिष्टजल का उपयोग
देश में बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण, गहन कृषि और शहरीकरण आदि हमारे विशाल लेकिन सीमित जल संसाधनों पर भारी दबाव डालते हैं। इसके परिणाम स्वरूप, भारत में वर्ष 2050 तक जल की माँग 32 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, जिसमें औद्योगिक और घरेलू क्षेत्र में ही इस पूरी माँग का 85 प्रतिशत हिस्सा होगा। अनियंत्रित शहरीकरण के कारण भूजल का अधिकाधिक दोहन, जलभृतों को पुनः भरित करने में असफलता एवं जलग्रहण (कैचमेंट) क्षमता में कमी आदि जल संतुलन में अनिश्चित दबाव के कई मुख्य कारण हैं। Posted on 22 May, 2023 03:33 PM
प्रस्तावना

वर्तमान में बढ़ती वैश्विक आबादी के साथ जल की आपूर्ति और माँग के बीच का अंतर बहुत बढ़ता ही जा रहा है और यह एक ऐसे खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है। कि दुनिया के कुछ हिस्सों में यह मानव अस्तित्व के लिये खतरा पैदा कर रहा है दुनिया भर में बहुत से वैज्ञानिक जल संरक्षण के नये और आधुनिक तरीकों पर अनुसंधान कर रहे हैं। लेकिन अभी भी इसमें उतनी प्रगति प्राप्त नहीं हु

फसलों में सिंचाई के लिये अपशिष्टजल का उपयोग, PC-organicawater
खरीफ धान के बाद फसल की उत्पादकता को बढाने और आय में वृद्धि के लिये कम से कम सिंचाई के साथ सूरजमुखी की खेती
सूरजमुखी एक उभरती हुई तिलहन फसल है जिसमें खरीफ धान की फसल के बाद एक आपातकालीन (Contingent ) फसल के रूप में समायोजित होने की अनुकूलन क्षमता है या यूं कह सकते हैं कि यह फसल नीची भूमि के पारिस्थितिक तंत्र में अधिक जल आवश्यकता वाली धान की फसल का एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। Posted on 22 May, 2023 12:28 PM

पृष्ठभूमि 

सूरजमुखी एक उभरती हुई तिलहन फसल है जिसमें खरीफ धान की फसल के बाद एक आपातकालीन (Contingent ) फसल के रूप में समायोजित होने की अनुकूलन क्षमता है या यूं कह सकते हैं कि यह फसल नीची भूमि के पारिस्थितिक तंत्र में अधिक जल आवश्यकता वाली धान की फसल का एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। किसी भी फसल की उपज की क्षमता और लाभप्रदता उचित सिंचाई की पद्धतियों और समय पर बुवाई

सूरजमुखी एक उभरती हुई तिलहन फसल,Pc-Jagran
पूर्वी भारत के वर्षा आधारित क्षेत्रों में अनानास की खेती
ओडिसा राज्य एवं पूर्वी भारत के अन्य क्षेत्रों में सिचाई जल की कम आवश्यकता के कारण अनानास की खेती की अनुकूलनशीलता बहुत अधिक प्रचलित है। यह फसल कम से कम सिचाई जल पर भी जीवित रह सकती है या यूं कह सकते है कि इसमें सिचाई जल देना या प्रयोग करना भी जरूरी नहीं है। यह केवल वर्षा जल से ही अपनी सिंचाई की आवश्यकता को पूरी कर सकती है। अतः खरीफ धान के बाद रबी के मौसम में जो भूमि परती रहती है उसमें इस 12 महीने से अधिक अवधि वाली अनानास की फसल को विभिन्न उचित सस्य प्रबंधन विधियों के साथ अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में मध्यम एवं ऊँची भूमि परिस्थितियों के तहत बहुत अच्छी तरह से उगाया जा सकता है। Posted on 18 May, 2023 02:14 PM
प्रस्तावना

पूर्वी भारत में 12.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र वर्षा आधारित धान की खेती के अंतर्गत है। इन वर्षा आधारित क्षेत्रों में अधिकांशतः भूमि वर्षा के बाद रबी मौसम में सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण मुख्य रूप से परती खंड दी जाती है। इस कारण इस भूमि का खेती के लिए उचित उपयोग नहीं हो पाता है। इसी प्रकार की समान परिस्थिति ओडिशा राज्य में भी मौजूद है। दूसरी तरफ धान

पूर्वी भारत के वर्षा आधारित क्षेत्रों में अनानास की खेती,Pc-Advance Agriculture
×