प्रस्तावना
हम कृषि की विभिन्न उन्नत तकनीकों को अपनाने के कारण खाद्यान उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर चुके हैं जो उत्पादन पद्धति में अधिकत्तम उत्पादन और निम्नतम जोखिम को सुनिश्चित करती हैं। इसके अतिरिक्त मशीनीकरण और कठिन परिश्रम को कम करने वाली तकनीकों ने किसानों की कामकाजी और जीवन स्तर की स्थितियों में सुधार किया है। लेकिन आज भी किसानों को अपने खेत की सिंचाई करते समय अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आजकल बिजली की आपूर्ति के मुद्दों के कई मामले सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से पंप आधारित सिंचाई जल की उपयोग दक्षता बहुत गंभीर हो गयी है। कई स्थानों पर तो किसानों को कृषि के लिये बिजली की आपूर्ति केवल रात के समय में ही उपलब्ध रहती है। अतः किसानों को अपनी रात की नींद की कीमत पर खेत में पंप चलाने के लिए जाना पड़ता है। हालांकि कुछ किसानों द्वारा रात की सिंचाई को खेत से वाष्पीकरण के नुकसान को कम करने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इस तरह इससे असुविधाजनक स्थिति बन जाती है।
जल उपयोगकर्ता संघों द्वारा संचालित लिफ्ट सिंचाई पंपों को सिंचित कृषि के साथ-साथ मुख्य कृषि मौसम की अवधि के दौरानव्यस्तम समय सारणी का सामना करना पड़ता है। इसलिये यह स्थिति एक पंप संचालक को 24 घंटे कार्य करने पर मजबूर कर देती है अंतर्देशीय झींगा (मछली) पालन की स्थिति में मोटोराइज्ड एरेसन पेडल को एक दिन में कई बार चलाने की आवश्यकता होती है जिसके लिए विशेष रूप से वर्षा के मौसम में एक कुशल मोटर संचालक की आवश्यकता पड़ती है जब वर्षा के बाद विघटित ऑक्सिजन का स्तर तत्काल नीचे चला जाता है। कई बार किसान अपनी फसल के सिंचाई के दायित्व के कारण पूरी तरह से दूर के स्थानों पर सामाजिक कार्य में भाग लेने में असमर्थ हो जाते हैं। किसानों द्वारा उपयुक्त समस्याओं का सामना करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए एक मोबाइल एप आधारित रिमोट संचालित पंप / मोटर साधन का विकास किया गया जो किसी भी समय किसी भी स्थान से किसानों को पारंपरिक रूप से अपने पंप/मोटर के संचालन में सक्षम बना सकता है।
प्रणाली के घटक
- मोबाइल एप आधारित रिमोट संचालित पंपप्रणाली का तीन घटकों के साथ विकास किया गया।
- मोबाइल पंप से जुड़ा एक हार्डवेयर उपकरण
- सर्वर के तौर पर एक क्लाउड प्लेटफॉर्म किसानों के मोबाइल फोन में एंड्रोइड एप
(i) हार्डवेर उपकरण
पंप / मोटर से जुड़ा साधन / युक्ति दूरवर्ती संचालन स्विच की तरह काम करता है। जिसमें स्विच को ऑन या ऑफ करके पावर की आपूर्ति की जाती है। यह इंटरनेट के माध्यम से क्लाउड सर्वर के साथ लगातार संबन्धित रहता है और पंप के संचालन के लिए अनुमति प्रदान करता है। क्लाउड सर्वर इंटरनेट के माध्यम से किसानों के मोबाइल फोन से भी संबन्धित रहता है। अंतत मोबाइल एप में दिया गया कमांड क्लाउड सर्वर में अद्यतन हो जाता है और स्विच ऑन/ऑफ करने के लिए पंप/मोटर से जुड़ा युक्ति में कमांड भेजता है
(ii) सर्वर के तौर पर क्लाउड मंच
यह मोबाइल एप और उपकरण के बीच एक सेतु (संबंध) की तरह कार्य करता है। यह टाइम स्टाम्प के साथ मोबाइल एप के द्वारा भेजी जा रही सभी कमांड्स को निष्पादित और अपडेट करता है। पंप का स्विच ऑन/ऑफ का समय वर्ष महिना दिन घंटा-मिनट सेकंड के प्रारूप के रूप में दर्ज हो जाता है। अतः हम प्रत्येक स्पेल में बड़ी आसानी से पंप संचालन की अवधि की गणना कर सकते हैं क्योंकि पंप / मोटर द्वारा उपयोग की गई बिजली और पंप (लीटर/सेकंड) की डिस्चार्ज की दर ज्ञात हो जाती है तो हम आसानी से सिंचित जल की मात्रा और इसके लिए उपयोग हुई ऊर्जा की खपत की गणना कर सकते हैं।
(iii) एंड्रोइड एप
इस मोबाइल एप में क्लाउड सर्वर से कमांड्स ग्रहण करने के लिये एड्रोइड उपकरण को विकसित किया गया। इस एप में एक ऑन और एक ऑफ बटन रखा जाता है। जब (ऑन/ऑफ) बटन को स्पर्श किया जाता है तब एक नया विंडो खुलता है और एक आउटपुट की संख्या प्राप्त होती है जिससे हमें यह संकेत मिलता है कि दी गई कमांड के लिए सर्वर अपडेट हो चुका है
प्रणाली की लागत
यह अनुमान लगाया गया कि एक सब्जी उत्पादक किसान यदि 4 घंटे के समय तक की प्रत्येक सिंचाई एक महीने में 6-8 बार करता है तो वह एक महीने में 24-32 घंटे तक का समय बचा सकता है। और इससे वह 900-1200 प्रति महीने बचा सकता है जल उपयोगकर्ता संघो द्वारा भी लिफ्ट सिंचाई पंप के संचालन हेतु एक कुशल पंप संचालक के किराये की लागत को बचाया जा सकता है। यह भी अनुमान लगाया कि इस प्रणाली के प्रयोग द्वारा एक मछली पालक किसान प्रति वर्ष र 54000 की बचत कर सकता है। टाइम स्टॉपड मोटर पंप संचालन के आँकड़ों की मदद से सिंचित जल की मात्रा और ऊर्जा के उपयोग की गणना की जा सकती है। इस प्रणाली के निर्माण में कुल लागत करीब 3000 आती है
प्रणाली के लाभ
- किसानों को सुविधा हम सभी को खिलाने वाला किसान एक साधारण मनुष्य हैं जो अपनी सुख-सुविधाओं से समझौता करके अनेक असुविधाजनक स्थितियों में काम करता है। यह तकनीक उसको विशेष रूप से रात के समय बिना खेत में गये अपने घर से आराम से पंप चलाने की सुविधा प्रदान कर सकती है अथवा वह सामाजिक अवसरों में जाने की आवश्यकता के दौरान भी पंप को आसानी से चलाया जा सकता है।
- मछली / झींगा पालक किसान भी किसी व्यक्ति को किराये पर रखे बिना खुद एरेटर मोटर को चला सकते हैं।
- टाइम स्टापड मोटर पंप संचालन के आंकड़ों की मदद से सिंचित जल की मात्रा और ऊर्जा के उपयोग की गणना की जा सकती है। अतः यह तकनीक जल और ऊर्जा के दक्ष उपयोग में मदद करेगी।
समस्याएं
मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता इस प्रणाली के कार्य के लिए बहुत ही आवश्यक है। अतः मेोबाइल नेटवर्क की कमी या नेटवर्क का अस्थायी रूप से ठ्प या खराब होना एक सीमित कारक है विद्युत आपूर्ति इसके लिए दूसरा सीमित कारक है क्योंकि पंप के साथ साथ युक्ति को चलाने के लिए विधुत की आवश्यकता होती है।
तकनीक का प्रदर्शन
इस प्रणाली को भाकृअनूप भारतीय जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर के परिसर में सूक्ष्म सिंचाई से संबन्धित अनुसंधान के भूखंड पर स्थापित किया गया है। इस तकनीक को समय समय पर संस्थान में आने वाले अनुसंधान सलाहकार समिति के सदस्यों और संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने आने वाले विभिन्न प्रशिक्षणार्थीयों के समक्ष प्रदर्शित किया गया है।
निष्कर्ष
इस मोबाइल एप आधारित रिमोट नियंत्रित पंप संचालन प्रणाली से किसानों के कठिन परिश्रम को कम करने में और किसानों की स्थानिक और अस्थायी स्वतंत्रता में वृद्धि होने की आशा है ठीक उसी समय अधिक सिंचाई पर रोक के द्वारा जल और ऊर्जा की बचत भी प्राप्त की जा सकती है। यह कम कीमत वाली युक्ति किसी भी एंड्रोइड आधारित मोबाइल फोन से उपयोग के लिए उपयुक्त। यह तकनीक गरीब किसानों के द्वारा भी अपनाने के लिए उपयुक्त है।
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