Posted on 24 Aug, 2017 11:10 AM पानी में घिरे हुए लोग प्रार्थना नहीं करते वे पूरे विश्वास से देखते हैं पानी को और एक दिन बिना किसी सूचना के खच्चर या भैंस की पीठ पर घर-असबाब लादकर चल देते हैं कहीं और
Posted on 22 Mar, 2014 11:00 AMउत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर से करीब 8 किलोमीटर पूरब की ओर पूसा रोड पर जाएं तो मुशहरी ब्लॉक से आगे एक झील दिखाई देगी। मुशहरी से शुरू होकर यह झील अर्ध चंद्राकार होते हुए बूढ़ी गंडक के बगल में रजवाड़ा पंचायत तक करीब पांच किलोमीटर लंबाई में फैली है। इसी तरह इसकी चौड़ाई मणिका से मुशहरी पंचायत के बीच करीब आधा किलोमीटर है, जो गर्मी में सिकुड़ जाती है। इसे स्थानीय बोल
Posted on 09 Jun, 2013 11:44 AMअंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं, जलस्त
Posted on 07 Jul, 2012 04:52 PMआमंत्रण सेमिनार नदी जल प्रबंधन : एक समीक्षा संदर्भ : बागमती-गंडक 8 जुलाई, 2012 (10 बजे सुबह से 5 बजे शाम तक) स्था न : स्ना तकोत्त र अर्थशास्त्र2 विभाग, सोशल साइंस ब्लॉ क, विश्व विद्यालय परिसर, मुजफ्फरपुर
महोदय/महोदया, बाढ़ समस्या के समाधन एवं सिंचाई के इंतजाम के नाम पर उत्तर और पूर्वी बिहार की नदियों पर तटबंध बनाये गये। 1950 में बिहार में तटबंधों की लम्बाई 165 किलोमीटर थी। उस समय बाढ़ प्रवण क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर था। आज बिहार की नदियों पर बने तटबंधों की लम्बाई लगभग 3600 किलोमीटर हैं और बाढ़ प्रवण क्षेत्र बढ़कर 79 लाख हेक्टेयर हो गया है।