मुजफ्फरपुर जिला

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बाढ़ से निहत्थे लड़ रहे लोग
Posted on 24 Aug, 2017 11:10 AM
पानी में घिरे हुए लोग प्रार्थना नहीं करते
वे पूरे विश्वास से देखते हैं पानी को
और एक दिन
बिना किसी सूचना के
खच्चर या भैंस की पीठ पर
घर-असबाब लादकर
चल देते हैं कहीं और

निकम्मी नहर की हानिकर योजना के विस्तार में लगी सरकार
Posted on 20 Feb, 2017 04:41 PM
भूजल स्तर कम होने से इस क्षेत्र में कुएँ खोदना बहुत ही आसान थ
canal
पाँच से अधिक तालाब व 60 हजार से अधिक पौधे इस पंचायत में
Posted on 03 Jun, 2016 01:33 PM
तमाम बातों के बावजूद उपलब्धि पाना आसान नहीं था। गाँव कोई भी ह
यादों-स्वादों में ही रह गया देसरिया धान और उसका चिउरा
Posted on 22 Mar, 2014 11:00 AM उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर से करीब 8 किलोमीटर पूरब की ओर पूसा रोड पर जाएं तो मुशहरी ब्लॉक से आगे एक झील दिखाई देगी। मुशहरी से शुरू होकर यह झील अर्ध चंद्राकार होते हुए बूढ़ी गंडक के बगल में रजवाड़ा पंचायत तक करीब पांच किलोमीटर लंबाई में फैली है। इसी तरह इसकी चौड़ाई मणिका से मुशहरी पंचायत के बीच करीब आधा किलोमीटर है, जो गर्मी में सिकुड़ जाती है। इसे स्थानीय बोल
कैप्शन मुशहरी प्रखंड के नजदीक पानी की कमी से मणिका मन का सूखा हिस्सा
सूखे व बाढ़ की मार झेलते बिहार के किसान
Posted on 04 Oct, 2013 11:46 AM बिहार की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है। यहां की लगभग 80 फीसदी आबाद
हाइब्रिड बीज से पौष्टिकता कहां संभव है
Posted on 15 Jul, 2013 05:36 PM बीजग्राम के तहत परंपरागत बीज का उत्पादन किया जाता है ताकि कंपनियों
कहानी कुछ जैविक ग्रामों की
Posted on 09 Jun, 2013 11:44 AM अंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं, जलस्त
नदी जल प्रबंधन पर 8 जुलाई को सेमिनार
Posted on 07 Jul, 2012 04:52 PM आमंत्रण
सेमिनार
नदी जल प्रबंधन : एक समीक्षा
संदर्भ : बागमती-गंडक
8 जुलाई, 2012 (10 बजे सुबह से 5 बजे शाम तक)
स्था न : स्ना तकोत्त र अर्थशास्त्र2 विभाग, सोशल साइंस ब्लॉ क, विश्व विद्यालय परिसर, मुजफ्फरपुर

महोदय/महोदया,
बाढ़ समस्या के समाधन एवं सिंचाई के इंतजाम के नाम पर उत्तर और पूर्वी बिहार की नदियों पर तटबंध बनाये गये। 1950 में बिहार में तटबंधों की लम्बाई 165 किलोमीटर थी। उस समय बाढ़ प्रवण क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर था। आज बिहार की नदियों पर बने तटबंधों की लम्बाई लगभग 3600 किलोमीटर हैं और बाढ़ प्रवण क्षेत्र बढ़कर 79 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कितना कारगर होगा बाढ़ पूर्व तैयारी
Posted on 01 Jun, 2012 02:01 PM

स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सरकार की पहल सहारनीय कही जा सकती है। पिछले 5-6 सालो के शासन के दौरान स्वास्थ्य मिशन

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