झाबुआ जिला

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साफ़ हवा और पानी के लिए हाईकोर्ट का आसरा
Posted on 11 Jun, 2015 10:23 AM

आप मेघनगर आ रहे हैं तो अपने पीने का पानी साथ लेकर आयें, फ़ोन पर पहली बार यहाँ के लोगों की यह बात सुनकर हम भी सकते में पड़ गए कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया हमसे। कोई भी कहीं जाता है तो क्या अपना पानी साथ लेकर जाता है। क्या वहाँ इतना पानी भी नहीं या ये लोग मेहमाननवाज़ी का शिष्टाचार भी भूल गए हैं। पर जब हम मेघनगर पहुँचे तो सारी बात साफ़ हो गई। दरअसल यहाँ की आबो-हवा इतनी बुरी तरह से दूषित हो चुकी है कि न

polluted water
जहाँ चाहो वहाँ था पानी
Posted on 12 May, 2015 10:38 AM

पानी यात्रा-4 संस्मरण

water system
माण्डव : ए लव स्टोरी ऑफ वॉटर
Posted on 12 May, 2015 09:53 AM

पानी यात्रा-3 संस्मरण


... मध्य प्रदेश के धार जिले का माण्डव यानि पर्यटन की दुनिया में भारत का सितारा...!
...बादलों के बीच पहाड़ियों, किलों, खण्डहरों से झाँकते इतिहास के इन्द्रधनुषी पृष्ठ...!
... सिटी ऑफ जॉय... आनन्द की नगरी... शादियाबाद!
... माण्डव यानि बाजबहादुर और रानी रूपमति का पवित्र अनुराग...!
... जिसके पीछे है- संगीत के राग...!
water
कालीबाई की आंखों में भोर की उजास
Posted on 20 Sep, 2014 09:39 AM झाबुआ के मियाटी गांव में कालीबाई कोई इकलौती नहीं, जिनको फ्लोरोसिस रोग लगा हो, यह तो यहां की घर-घर की कहानी है। अगर मियाटी को रेंगते, लुढ़कते और लड़खड़ाते हुए लोगों का गांव कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी

.लगभग डेढ़ दशक पहले झाबुआ जिले के मियाटी गांव के तोलसिंह का ब्याह जुलवानियां की थावरीबाई से हुआ। बाद में उसने थावरीबाई की छोटी बहन कालीबाई से “नातरा” कर लिया। मियाटी की आबोहवा में जाने क्या घुला हुआ था कि काली दिन-ब-दिन कमजोर होती चली गईं। 38 की उम्र आते-आते वह निशक्त हो गईं। हड्डियां ऐसी हो गईं जैसे वह कभी भी झर से झड़कर बिखर जाएंगी। उसके पैर टेढ़े-मेढ़े हो गए और उसके लिए दो कदम चलना भी पहाड़ जैसा हो गया था। लाठी ही उसका एक सहारा रह गई।

शादी के कुछ साल बाद काली का एक बेटा, भूरसिंह पैदा हुआ। काली को भरोसा हुआ कि बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन वह तो जवान होने से पहले ही बूढ़ा हो गया।
Kalibai
एनजीओ लगा रहे शासन को लाखों की चपत
Posted on 01 Feb, 2014 01:01 PM शासन से लाखों कराड़ों के प्राजेक्ट लाकर विकास के नाम पर आदिवासी बाहुल्य जिले में आधिकारियों एवं एनजीओ संचालकों ने खुली लूट खसोट मचा रखी है। यह बात किसी से भी नहीं छिपी है। कागजी घोड़े दौड़ाकर शासन को गुमराह करने में लगे संचालकों की मनमानी सारी हदें पार कर चुकी है। क्षेत्र का विकास एवं गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई कार्ययोजनाएं पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है।
बचपन से पचपन तक फ्लोरोसिस से प्रभावित
Posted on 01 Feb, 2014 12:48 PM

लापरवाही प्रशासन बेखर

पीएचई फ्लोराइड नियंत्रण में जुटा
Posted on 01 Feb, 2014 12:19 PM

जिले में 27 फ्लोराइड पीड़ित मिलने के बाद आयोजित की कार्यशाला

27 प्रभावितों का परीक्षण किया
Posted on 01 Feb, 2014 11:52 AM झाबुआ : जिले में पिछले कई वर्षों से फ्लोराइड के पीड़ित अपनी बीमारी से दो-दो हाथ कर रहे थे लेकिन कलेक्टर जयश्री कियावत ने गंभीरतापूर्वक स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर पीड़ितों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बुलवाया गया। बुधवार को पीड़ितों का स्वास्थ्य परीक्षण डॉक्टरों के दल द्वारा किया गया तथा गंभीर रूप से उक्त बीमारी से पीड़ित मरीजों को तत्काल एंबुलेंस से इंदौर रैफर करवाया गया।
फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में प्रशासनिक अमले ने किया भ्रमण
Posted on 01 Feb, 2014 11:23 AM झाबुआ : जिले के प्रशासनिक अमले ने फ्लोराइड प्रभावित ग्राम जसोदा खुमजी, जसोदा हिरजी विकासखंड रामा का भ्रमण किया। ग्रामीणों को इकट्ठा कर ग्रामों में डॉ. शंखवार एवं उनकी मेडिकल टीम ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
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