जबलपुर जिला

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संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से
Posted on 07 Jan, 2010 07:31 PM पानी
जब समुद्र से आता है तब बादल
और जाता है तो नदी कहलाता है।
बादल उड़ती नदी है
नदी बहता बादल है!

बादल से वर्षा होती है
वर्षा इस धरती की शालभंजिका है।
उसके पदाघात से धरती लहलहा उठती है।
और जब वर्षा नहीं होती
तब यही काम नदी करती है।

वर्षा और नदी- धरती की दो शालभंजिकाएँ।
विचार और कर्म (कल्पना और यथार्थ)
river
नर्मदा की सहायक नदियां
Posted on 18 Jan, 2009 08:20 AM

नर्मदा नदी शहडोल जिले के अमरकंटक (22.40श् उ0, 80*45श् पू0) से 1051 मीटर की ऊंचाई से निकलकर भडोच (21*43श् उ0, 72*57श् पू0) के निकट खंभात की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 1312 कि0मी0 है । यह 1077 कि0मी0 तक मध्यप्रदेश के शहडोल, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, खण्डवा तथा खरगोन जिलों से होकर बहती है । इसके बाद 74 कि0मी0 तक महाराष्ट्र को स्पर्श करती हुई बहती है, जिसमें 34 कि0मी0 तक मध्यप्

नर्मदा की सहायक नदियां
चुटका परियोजना पर पुनर्विचार आवश्यक
Posted on 08 Dec, 2018 03:52 PM

हमारे देश में विकास की हड़बड़ी के साथ जिद और भेड़िया धसान का एक और उदाहरण है, मध्य प्रदेश की ‘जीवनदायिनी’ नदी

चुटका
आदर्श उतर रहे हैं जमीं पर
Posted on 16 Apr, 2015 10:43 AM सामाजिक संररचनाओं की अपनी विशेषताएँ होती हैं महिलाओं के आरक्षण के पश्चात जो सन्देश व्यक्त किए जा रहे थे, उन्हें महिलाएँ खत्म करती जा रही हैं। एक अनोखा उदारहण इस बात की गवाही देता है कि महिलाओं में जागरुकता किस सीमा तक पहुँच गई है। आज मध्य प्रदेश में तीन पंचायतें ऐसी हैं जिनमें पंच और सरपंच सभी महिलाएँ हैं। आँकड़ों की जुबानी कहने को यह आँकड़ा छोटा हो सकता है, लेकिन व्यवस्था में बदलाव की यह आहट भर ह
बलिदान की निरंतरता
Posted on 06 Jul, 2012 04:26 PM

विस्थापन से लगातार पानी में समाहित होती जा रही कृषि भूमि का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इससे लगातार कम हो रही अ

बरगी बांध की डूब में डूबते-उतराते सवाल
Posted on 17 Feb, 2011 11:42 AM


साथियों, 2010 का साल बड़े बाँधों की 50वीं बरसी का साल था। यह 50वां साल हमें समीक्षा का अवसर देता है कि हम यह तय कर सकें कि यह नव-विकास क्या सचमुच अपने साथ विकास को लेकर आ रहा है या इस तरह के विकास के साथ विनाश के आने की खबरें ज्यादा है। इस पूरी बहस में एक सवाल यह भी है कि यह विकास हम मान भी लें तो यह किसकी कीमत पर किसका विकास है? दलित/आदिवासी या हाशिये पर खड़े लोग ही हर बार इस विकास की भेंट क्यों चढ़ें? आखिर क्यों?

खतरे में कुदरती \"वाटर प्यूरीफायर\"
Posted on 21 Sep, 2010 04:01 PM जबलपुर। नर्मदा नदी के तलहटी में पाए जाने वाले कुदरती 'वाटर प्यूरीफायर' के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। रेत के अंधाधुंध उत्खनन होने से ऎसी परिस्थितियां बन रही हैं कि नदी के पानी को शुद्ध करने वाले ये सूक्ष्मजीव नष्ट हो रहे हैं।
सरकार ही प्रदूषित कर रही है नर्मदा
Posted on 28 Jul, 2010 03:24 PM
धार्मिक दृष्टि से अति पवित्र और प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को 15 करोड़ रुपयों की सहायता दी है। इसके अलावा राज्य सरकार भी नर्मदा जल को प्रदूषण से बचाने के लिए कई प्रकार के खर्चीले उपाय कर रही है, लेकिन इस सबके बाद भी नर्मदा में जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। कारण, सरकार स्वयं नर्मदा को गंदा कर रही है।
बैगा जनजाति में वर्षा गीत
Posted on 25 Feb, 2010 05:16 PM झिरामिट झिरामिट पानी बरसय रे,
खेरो अक दूबीहरि आवय रे

कोन तोरे धारय इजोली रे बीजोली कोन तोरे सीचाथय पानी।
भुमिया तोरे धारय इजोली रे बिजोली अहरा टूरा सीचाथय पानी।

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