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होशंगाबाद जिला
जान लेते पुण्य के सिक्के
Posted on 04 Dec, 2012 11:45 AMनर्मदा में सिक्कों को लूटने-बीनने के चक्कर में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई बच्चों की मौत हो चुकी है और कई कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के शिकार हो गए हैं। होशंगाबाद इलाके में इस तरह के लालच में फंसकर दर्जनों बच्चों ने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी है। इस समस्या का जायजा ले रहे हैं प्रशांत कुमार दुबे।हल-बैल की खेती याद कर रहे हैं मुसीबत में फंसे किसान
Posted on 17 Aug, 2012 04:09 PMपरंपरागत खेती में बैलों से जुताई, मोट और रहट से सिंचाई और बैलगाड़ी के जरिये फसलों व अनाज की ढुलाई की जाती थी। खे
जैविक खेती से धान की पैदावार बढ़ाने की मेडागास्कर पद्धति
Posted on 17 Aug, 2012 03:09 PMजैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता उत्तरोतर बढ़ती जाती है। मिट्टी में पानी का भराव नहीं होने पर वायु संचरण से गोबर
बांधों से आई बाढ़ की आफत
Posted on 17 Aug, 2012 12:31 PMआजकल बाढ़ प्राकृतिक होने की बजाय मानव निर्मित ज्यादा दिखाई देने लगी है। बाढ़ से बचने के लिए हमें नदियों के जल-भर
महिलाएं ही बचा सकती हैं खेती को
Posted on 03 Jul, 2012 02:05 PMयह कहा जा सकता है कि कृषि में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। खासतौर पर जंगल और पहाड़ में खेती उन पर ही निर्भर
खरपतवार को दोस्त बनाकर बिना जुताई की खेती
Posted on 01 May, 2012 05:11 PMमध्य प्रदेश के होशंगाबाद शहर से भोपाल की ओर मात्र 3 किलोमीटर दूर है टाईटस फार्म। यहां पिछले 25 साल से कुदरती खेती का अनोखा प्रयोग किया जा रहा है। राजू टाईटस जो स्वयं पहले रासायनिक खेती करते थे, अब कुदरती खेती के लिए विख्यात हो गए हैं। उनके फार्म को देखने देश-विदेश के कई लोग आते हैं। होशंगाबाद जिले में हाल ही में 3 किसानों की आत्महत्याएं हुई हैं, इससे वे विचलित हैं, पर निराश नहीं। वे कुदरती ख
स्वाद में बेजोड़ हैं देशी बीज
Posted on 09 Apr, 2012 01:47 PMबाबूलाल दाहिया के पास धान की 70 किस्में हैं। जिसमें कुछ सुगंधित हैं तो कुछ बिना सुगंध की। कम अवधि में पकने वाली
क्यों बढ़ रहा है जल-संकट
Posted on 05 Apr, 2012 06:22 PMकुछ समय पहले तक गांव में कच्चे घर होते थे। घर के आगे पीछे काफी जगह होती थी। खेती-किसानी के काम में घरों में ज्या
केंचुआ: एक सदाबहार हलवाहा
Posted on 26 Mar, 2012 01:51 PMअब हमें मिट्टी के संरक्षण और संवर्धन पर जोर देना चाहिए। गोबर खाद, हरी खाद, कम्पोस्ट खाद, केंचुआ खाद, जीवामृत आदि
सतपुड़ा की अनूठी खेती पद्धति है उतेरा
Posted on 23 Mar, 2012 03:44 PMकई फसलें एक साथ बोने से पोषक तत्त्वों का चक्र बराबर बना रहता है। अनाज के साथ फलियों वाली फसलें बोने से नाइट्रोजन