दिल्ली

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निखरेगा गाँव तो बढ़ेगा देश
Posted on 10 Jun, 2017 01:39 PM
गाँवों की खुशहाली के रास्ते ही सरकार ने देश की तरक्की का सपना देखा है। इसी को हकीकत में बदलने के लिये केंद्र की राजग सरकार का पूरा जोर ग्रामीण विकास पर है। सरकार के प्राथमिकताओं के केंद्र में गाँव, गरीब और किसान हैं। ग्रामीण विकास के लिये गाँवों की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
kheti
यह नई वेधशाला आसान करेगी मानसून का पूर्वानुमान
Posted on 09 Jun, 2017 04:28 PM
नई दिल्‍ली, 9 जून (इंडिया साइंस वायर) : केरल के मुन्‍नार में बेहद ऊँचाई पर एक नई मेघ भौतिक वेधशाला (हाई एल्‍टीट्यूड क्‍लाउड फिजिक्‍स लैबोरेटरी) स्‍थापित की गई है, जिसके जरिये बादलों की गतिविधियों की निगरानी और मानसून का सटीक अनुमान लगाना अब आसान हो जाएगा।
महासागरों पर आश्रित हमारा भविष्य
Posted on 08 Jun, 2017 09:18 AM
विश्व महासागर दिवस (8 जून) पर विशेष फीचर
. नई दिल्‍ली, 7 जून, (इंडिया साइंस वायर): सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण होने के कारण महासागर अत्यंत उपयोगी है। महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष एक थीम विशेष पर पूरे विश्व में महासागर दिवस से सम्बंधित आयोजन किए जाते हैं। इस वर्ष की थीम 'हमारे महासागर-हमारा भविष्य' है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के तत्‍वाधान में निश्चित किए गए टिकाऊ विकास के लक्ष्यों में महासागरों के संरक्षण एवं उनके टिकाऊ उपयोग को भी शामिल किया गया है। इससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिये इस सप्‍ताह संयुक्‍त राष्‍ट्र महासागर सम्‍मेलन चल रहा है।

नकारने से और नासूर बन जाएगी मौसम परिवर्तन की बीमारी
Posted on 06 Jun, 2017 11:25 AM
ऐसे कठिन समय में दुनिया के अगवा देश के प्रमुख डोनाल्ड ट्रम्प
जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक कचरे के कुप्रभाव से समुद्रतटीय भारतीय धरोहरों को खतरा
Posted on 04 Jun, 2017 03:40 PM
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर विशेष

.5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का तात्पर्य सही मायनों में प्रकृति को प्रभावित करने वाले उन कारकों के विश्लेषण का दिन होता है, जिसे हर आम व्यक्ति अपने स्तर पर विश्लेषित करता है। यूँ तो साल भर पर्यावरण से सम्बन्धित अनेक बैठकें, कार्यक्रम, सम्मेलन गाँवों से लेकर विश्वस्तर तक होते रहते हैं और इनके ही नतीजे हैं, जो वे तथ्य सामने आ सके हैं कि पृथ्वी का कोई कोना ऐसा नहीं बचा है, जहाँ पर्यावरण अपने विशुद्ध रूप में प्रकृति पर विद्यमान हो। पिछले महीने ही तस्मानिया इंस्टीट्यूट फॉर मरीन एंड अंटार्कटिक स्टडीज (आईएमएएस) ने अपने शोधों में पाया है कि चिली और न्यूजीलैंड के बीच दक्षिण प्रशांत महासागर में सुदूर स्थित विश्व धरोहर घोषित हेंडर्सन द्वीप के समुद्र तटों पर 17.6 टन कचरा बिखरा पड़ा है। द्वीप के समुद्रतट पर रोज कचरे के 3,570 टुकड़े बहकर आते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार हेंडर्सन द्वीप पर प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में कचरे के 671.6 टुकड़े मिले हैं। मानव सभ्यता की कल्पना में पृथ्वी के सबसे दूरस्थ भाग की श्रेणी में आने वाले प्राचीन ‘डेजर्टेड आइलैंड’ से भी दूर हेंडर्सन द्वीप के लिये सामने लाए गए प्रदूषण के ये आंकड़े आश्चर्य मिश्रित चिंता में डालने वाले हैं। इस द्वीप में आंकलित कचरे में अधिकांश मात्रा प्लास्टिक कचरे की पाई गई है। जब हेंडर्सन द्वीप जैसे निर्जन स्थान का यह हाल है तो जनसंख्या से अटे पड़े विश्व भागों का अंदाजा किन्हीं आंकड़ों का मोहताज नहीं हो सकता।

आज अहम है पर्यावरण रक्षा का सवाल
Posted on 04 Jun, 2017 11:00 AM


विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर विशेष

.Environment on top priority

World Environment Day
तीन साल : गंगा बदहाल
Posted on 01 Jun, 2017 11:28 AM


चार जून - गंगा दशहरा पर विशेष

.चार जून को गंगा दशहरा है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी अर्थात गंगा अवतरण की तिथि। कहते हैं कि राजा भगीरथ को तारने गंगा, इसी दिन धरा पर आई थी। जब आई, तो एक चक्रवर्ती सम्राट होने के बावजूद, राजा भगीरथ स्वयं गंगा का पायलट बनकर रास्ते से सारे अवरोध हटाते आगे-आगे चले। गंगा को एक सम्राट से भी ऊँचा सम्मान दिया। धरती पुत्र-पुत्रियों ने गंगा की चरण-वन्दना की; उत्सव मनाया। परम्परा का सिरा पकड़कर हम हर साल गंगा उत्सव मनाते जरूर हैं, किंतु राजा भगीरथ ने जैसा सम्मान गंगा को दिया, वह देना हम भूल गये। उल्टे हमने गंगा के मार्ग में अवरोध ही अवरोध खड़े किए। वर्ष 1839 में गंगा से कमाने की पहला योजना बनने से लेकर आज तक हमने गंगा को संघर्ष के सिवा दिया क्या है? हमने गंगा से सिर्फ लिया ही लिया है। दिया है तो सिर्फ प्रदूषण, किया है तो सिर्फ शोषण और अतिक्रमण।

Ganga
वैज्ञानिक करेंगे सागर मंथन
Posted on 01 Jun, 2017 09:56 AM
भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसे गहरे समुद्र में खनन अन्व
sea
बीटी कॉटन को लेकर फिर से कठघरे में बीज कम्पनियाँ
Posted on 30 May, 2017 03:42 PM


नई दिल्‍ली, 30 मई (इंडिया साइंस वायर) : लंबे समय तक विवादों में रहे बीटी कॉटन के बीजों की मार्किटिंग में बीज कम्पनियाँ नियमों की घोर अनदेखी कर रही हैं, जिसका सीधा असर फसल उत्‍पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी पर भी पड़ सकता है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्‍ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।

BT cotton
दुष्काल मुक्ति को चाहिए समग्र प्रयास
Posted on 30 May, 2017 01:19 PM
आंकड़े कह रहे हैं कि भारत के 32 फीसदी इलाकों में उपयोगी जल की
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