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दिल्ली
सतत कृषि विकास की ओर
Posted on 04 Oct, 2018 01:02 PM वर्तमान सरकार द्वारा अपने गत चार वर्षों के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई है। कृषि एवं ग्रामीण विकास से जुड़ी तमाम नई योजनाएँ भी इसी क्रम में अस्तित्व में आई हैं। इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के सकारात्मक नतीजे भी अब सामने आने लगे हैं और आज देश खाद्यान्न, दूध, फल, सब्जी, मछली, मुर्गीपालन तथा पशुपालन के क्षेत्र में न सिर्फ आत्मनिर्भरता के स्तर से आगे बढ़ चुका है बल्कि विविसतत विकास ग्रामीण विकास का माध्यम मनरेगा
Posted on 02 Oct, 2018 02:50 PM मनरेगा एक ऐसा कार्यक्रम है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का सतत विकास हुआ है और आम आदमी पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ा है। श्रमिकों को सौ दिन तक का रोजगार उपलब्ध हुआ है तथा शहरी पलायन पर भी रोक लगी है। मनरेगा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण काम किया है। इसने परेशानी के समय ग्रामीणों एवं श्रमिकों को बड़ी राहत पहुँचाई है और यह स्वतः ही रोजगार पैदा करने का जरिया बन गया है। वास्तव में मनरेगाजल का भूमंडलीय वितरण
Posted on 02 Oct, 2018 01:48 PMपृथ्वी की सतह का तीन चौथाई से ज्यादा भाग पानी से ढका हुआ है। जल गंधरहित, स्वादरहित ऐसा पदार्थ जो प्राकृतिक रूप से गैस, द्रव और ठोस अवस्था में वायु, तापमान एवं दाब की सापेक्षिक संकीर्ण परास के अंदर पृथ्वी की सतह पर पाया जाता है। यह सभी जीवधारियों के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। यद्यपि पानी पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट तौर से उपलब्ध है फिर भी विश्व के एक बहुत बड़े भाग में प्रयोग में लाने योग्य जल की
सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह तक
Posted on 02 Oct, 2018 01:39 PMदेश प्रतीकात्मक रूप से स्वच्छता के धागे में पिरोया हुआ है, जहाँ हर कोई राष्ट्र के निर्माण में अपनी सेवाएँ दे रहा है। यह महात्मा के लिये सबसे अधिक सन्तोषप्रद होगा।
पर्यावरणीय नैतिकता और गाँधीवादी दृष्टिकोण
Posted on 02 Oct, 2018 01:26 PMआप पर्यावरण और पर्यावरण संबंधी मुद्दों की बुनियादी अवधारणाओं के बारे में जान चुके हैं। आपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकताओं के बारे में भी जानते हैं। पृथ्वी एक है लेकिन विश्व नहीं। हमारे जीवन को बनाए रखने के लिये एक जैवमंडल पर हम सबको निर्भर रहना होता है। अभी तक प्रत्येक समुदाय एवं प्रत्येक देश अपनी उत्तरजीविता के लिये अन्य लोगों पर नमिलिए सीएसआर की बेहतरीन शख्सियतों से
Posted on 01 Oct, 2018 02:35 PMआयोजक - इण्डिया सीएसआर
दिन - सोमवार
तारिख - 01 अप्रैल 2019
स्थान - पीएचडी हाउस, अगस्त क्रान्ति मार्ग, नई दिल्ली।
पर्यावरण संबंधी संस्थाएँ एवं संगठन
Posted on 30 Sep, 2018 03:23 PMपर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण, संरक्षण एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के लिये पर्यावरण की प्रगति आदि के नियंत्रण के लिये हमारे देश की सरकार की भूमिका काफी आलोचनात्मक है। विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्य करने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर, राष्ट्रीय सरकारों तथा सिविल सोसाइटी द्वारा कई पर्यावरण संबंधी संस्थाएँ एवं संगठन स्थापित किए गए हैं। कोई भी पर्यावरणीय संगठ
एसटीपी और नदी अस्मिता
Posted on 30 Sep, 2018 02:27 PMनदी अस्मिता शब्द व्यापक अर्थों वाला शब्द है। वह नदी की अस्मिता को प्रदर्शित करने वाला कुदरती आईना है। इसलिये उस आईने में वही नदी दिखाई देगी जिसकी अस्मिता बरकरार है। ऐसी नदी को अविरल होना अनिवार्य है। उसमें पलने वाले जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित होन
पर्यावरण पर किया जाता प्रहार भी हिंसा ही है
Posted on 30 Sep, 2018 01:20 PMजल, जंगल, जमीन, हवा जैसे प्राकृतिक संसाधनों को भरपूर मुनाफे के लिये बेरहमी से लूटना, दुहना एक तरह की हिंसा
पर्यावरणीय विधान (कानून)
Posted on 30 Sep, 2018 11:32 AM पर्यावरण की चेतना कई पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करती है- जैसे वायु, भूमि और जल का प्रदूषण, मृदा अपक्षीर्णन, औद्योगीकरण, शहरीकरण, प्राकृतिक संसाधनों का अपक्षय (कमी), इत्यादि।