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देवास जिला
गाँव में आसान हुआ पानी तो सपने भी हुए पूरे
Posted on 16 Aug, 2015 12:11 PMकरीब 15 साल पहले वह शादी के बाद जब से दुल्हन बन कर इस गाँव में आई थी, तब से थोड़े दिनों पहले तक उसकी जिन्दगी धुँआ–धुँआ सी ही थी। जैसे जिन्दगी इन थोड़े ही दिनों में उसे बोझ सी लगने लगी थी। अल सुबह से पानी की चिन्ता सताने लगती तो रात को सुबह जल्दी उठने की चिन्ता बनी ही रहती। इस गाँव में घर के लिए जरूरी पानी जुटाना जैसे बड़ी मशक्कत से कम नहीं हुआ करता था। वह ह
कागजों पर नदी-नालों और जंगल में बना दिए खेत
Posted on 13 Aug, 2015 11:42 AM60 साल के सिद्धूजी इस बात से बेहद खुश थे कि अब वे भी अपनी जमीन के खुद मालिक बनेंगे। दूसरों के खेत में मजदूरी करते हुए उनकी कई पीढियाँ गुजर चुकी है। लेकिन अब उनके भाग जगे हैं, देर से ही सही। उन्हें सरकार ने बकायदा पट्टा लिखकर अपने ही गाँव की 5 बीघा जमीन का मालिक भी करार दे दिया। ख़ुशी के मारे वे रात भर खुली आँखों से सपने देखता रहे। पर दूसरे ही दिन उनके सारे सपअकबर के जमाने का बाँध अब भी रोक रहा पानी
Posted on 04 Aug, 2015 04:19 PMकरीब 400 साल पहले अकबर के समय पत्थरों से बनाया हुआ बाँध आज भी न केवल उसी तरह खड़ा है बल्कि कई किसान अपने खेत में इसके संग्रहित पानी से सिंचाई भी करते हैं। बाँध के आकार–प्रकार और इसकी तकनीक देखकर यही लगता है कि उन दिनों में जबकि आज की तरह के न तो संसाधन हुआ करते थे और न ही तकनीक का ही इतना विकास हुआ था, बावजूद इसके तब के शिल्पकारों और जलविदों की बुद्धि कौशल कोजलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के लिये कार्यशाला का आयोजन
Posted on 04 Aug, 2015 12:47 PM29 जुलाई 2015, देवास। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों और कुप्रभावों से बचने के लिये हमें क्या तैयारी करनी होगी और किस-किस तरह विकास के दिशा को हासिल करते हुए जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करें; इस मुद्दे पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। देवास और बागली ब्लॉक की करीब सौ महिला जन-प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। कार्यशाला का आयोजन ‘अर्थ-डे-नेटवर्क’, बीबीसी मीडिया एक्शन और कॉन्ट्रैक्ट बेस संस
बंजर पड़ी जमीन में पानी से लौटी समृद्धि
Posted on 02 Aug, 2015 10:30 AMक्या आप यकीन कर सकते हैं कि कुछ आदिवासियों ने पहाड़ी इलाके में बहने वाले नाले को पाइप के जरिये पानी को पहाड़ियों के ऊपर चढ़ाकर अपनी जिन्दगी के मायने ही बदल डाले हैं। हमेशा कर्ज में डूबे और फटेहाल रहने वाले इन किसानों की अब जिन्दगी ही बदल गई है। कभी जिनके पास साइकिल तक नहीं हुआ करती थी, वे अब मोटरसाइकिल पर फर्राटे भरते नजर आते हैं। उनके बच्चे अच्छे स्कूलों मेंतालाबों ने सहेजी कई नस्लें
Posted on 23 Jul, 2015 03:33 PMपर्यावरण और जैव विविधता का आपस में बहुत मजबूत सम्बन्ध है। अच्छे पर्यावरण में ही विविध प्रजातियों को पनपने की क्षमता होती है। पर्यावरण यदि प्रदूषित होगा तो वहाँ किसी भी सूरत में जैव विविधता के लिए खतरा ही होगा। जैव विविधता से आशय है जन्तुओं और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियाँ निरापद रूप में अपने सहअस्तित्व में फले-फूले। लेकिन जिस तरह से हमारे आस-पास का पर्यावकागजों पर खोदे मनरेगा के कुएँ
Posted on 03 Jul, 2015 01:13 PMमहात्मा गाँधी के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। पंचायतों ने पैसा हड़पने के लिए ऐसे–ऐसे तरीके ईजाद किये हैं कि सुनने वाले भी चकित रह जाते हैं। कई पंचायतों में तो सरपंच–सचिव और जनपद के कुछ अफसरों–कर्मचारियों की मिली-भगत से बड़े–बड़े कारनामें हुए हैं। ऐसे ही एक कारनामे का खुलासा सूचना के अधिकारनाम पानीगाँव, पर तरस रहे पानी को
Posted on 02 Jul, 2015 12:20 PMकभी यह गाँव इतना पानीदार था कि बुजुर्गों ने इसका नाम ही पानी-गाँव रख दिया था। हालात इतने बुरे हैं कि बरसात के मौसम में भी यहाँ के लोगों को सुबह से शाम तक यहाँ–वहाँ एक–एक केन पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। यहाँ दलित बस्ती की तो और भी बदतर हालत है।
बारिश के पानी को सहेजने की अनूठी तकनीक
Posted on 15 Jun, 2015 04:33 PMआकाश पानी रोकेंगे, पाताल पानी बढ़ाएँगे....