भारत

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अब अस्तित्व में आएगी सरस्वती नदी
Posted on 19 Oct, 2016 11:55 AM
हिमालय के आदि बद्री से निकलकर कच्छ के रण से होती हुई पश्चिम म
Saraswati river map
आज का भयावह रोग कैंसर
Posted on 18 Oct, 2016 03:00 PM
कैंसर बहुत पुराना रोग है। कैंसर (Cancer) शब्द का अर्थ है केकड
पर्यावरण में प्लास्टिक
Posted on 17 Oct, 2016 03:53 PM
पिछले कुछ समय में मानव जनित गतिविधियों के कारण समुद्री वातावर
मौसम अप्राकृतिक होने की पाँच वजहें
Posted on 17 Oct, 2016 03:30 PM
भीषण तमतमाती गर्मी, पारा 40-42 डिग्री के आस-पास, झुलसते पेड़-पौधे कि अचानक एक दिन तेज आँधी-तूफान, ओले और भारी बारिश की झड़ी फिर बाढ़ की नौबत आ जाये। पारा एकदम से नीचे गिर जाये। आजकल कुछ इस तरह का मौसम का हाल हो चुका है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मौसम में आ रहे ये तेज गति के बदलाव गम्भीर चेतावनी के सूचक हैं। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि समूची पृथ्वी पर हो रहा है उनके अनुसार 5 कारण इ
ग्लोबल वार्मिंग
भूविज्ञान तथा मानव जीवन
Posted on 16 Oct, 2016 04:52 PM

जल जीवन की बुनियादी आवश्यकता है। हम देखते हैं कि दुनिया में जल की त्राहि-त्राहि चारों ओर

दिल्ली की हवा में घुलता जहर
Posted on 16 Oct, 2016 04:03 PM
केन्द्र व राज्य सरकारें भी पराली नष्ट करने की सस्ती व सुरक्षि
Air pollution
शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन का मानव प्रकृति पर प्रभाव एक वैज्ञानिक विश्लेषण
Posted on 16 Oct, 2016 03:06 PM
भोजन शरीर के विभिन्न आंतरिक क्रियाओं एवं बाह्य कार्य-कलापों हेतु मात्र ऊर्जा का स्रोत ही नहीं है अपितु शरीर को स्वस्थ व बलवान रखने का उत्तम साधन होने के साथ-साथ मनोवृत्ति का निर्धारण भी करता है। पारम्परिक सोच एवं कुछ आधुनिक शोध कार्यों से भी यही निष्कर्ष निकला है कि सात्विक एवं शाकाहारी भोजन मानवीय संवेदनाओं का पालनकर्ता होता है जबकि तामसिक एवं मांसाहारी भोजन हिंसक एवं अमानवीय विचारों का जन्
जल के अभाव में गतिहीन जीवन
Posted on 16 Oct, 2016 11:26 AM

प्रकृति के सभी घटक परस्परावलम्बन में हैं। सब परस्पर आश्रित हैं। हम मनुष्य और सभी प्राणी प

Water crisis
क्यों गिरती है आकाशीय बिजली
Posted on 15 Oct, 2016 04:42 PM
इधर आप यह लेख पढ़ रहे हैं, उधर विश्व में लगभग 1,800 विद्युतीय उत्पाद पनप रहे हैं। इनसे प्रति सेकेंड लगभग 600 कौंधे पैदा हो रही हैं, जिनमें से 100 धरती को भी छू रही हैं, यानी प्रतिदिन लगभग 85 लाख बिजलियाँ धरती पर टूटती हैं।

प्रकृति की अमूल्य औषधीय धरोहर एलोवेरा
Posted on 15 Oct, 2016 04:31 PM
अगर आपने दादी नानी के नुस्खों को सुना होगा तो कहीं न कहीं एलोवेरा के लाभ के बारे में अवश्य जिक्र हुआ होगा। औषधि की दुनिया में एलोवेरा किसी चमत्कार से कम नहीं है। तो आइये जानें आखिर क्या है एलोवेरा?
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