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सेंदई फ्रेमवर्क के आगे की पहल और भावी नीति
Posted on 07 Feb, 2017 03:07 PM

संपोषणीय आधारभूत ढाँचे में सभी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। जिसमें तेजी से बढ़ते शहरीकर

मनरेगा में कैसे फूँकी जाये जान
Posted on 06 Feb, 2017 03:18 PM
मनरेगा से पहले अकाल राहत के काम के जमाने में, ‘घोस्ट वर्क्स’
Manrega
स्वच्छता पखवाड़ा लेखा-जोखा
Posted on 04 Feb, 2017 12:46 PM
कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय में लगेंगे कचरा प्रबंधन संयंत्र
अब हटेगी किसानों के चेहरे से चिंता की लकीर
Posted on 04 Feb, 2017 12:37 PM
कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है। सूखे और अकाल जैसी स्थिति से निपटने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आई.ए.आर.आई ने ऐसे हाइड्रोजैल का विकास किया है जो पानी की कमी वाले इलाकों में खेती के लिये फायदेमंद साबित हो सकता है। पूसा हाइड्रोजैल के बारे में नेशनल रिसर्च डवलपमेंट कॉर्प के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक केवीएसपी राव कहते हैं कि इस टेक्नोलॉजी का विकास खासकर उन इलाकों को ध्यान में
काश पंच महाभूत भी होते वोटर
Posted on 04 Feb, 2017 12:04 PM

विधानसभा चुनाव 2017 पर विशेष

 


पारम्परिक जलस्रोतों की अनदेखी ने बढ़ाया जल संकटपंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर - पाँच राज्य, एक से सात चरणों में चुनाव। 04 फरवरी से 08 मार्च के बीच मतदान; 11 मार्च को वोटों की गिनती और 15 मार्च तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न। मीडिया कह रहा है - बिगुल बज चुका है। दल से लेकर उम्मीदवार तक वार पर वार कर रहे हैं।

रिश्ते, नाते, नैतिकता, आदर्श.. सब ताक पर हैं। कहीं चोर-चोर मौसरे भाई हो गए हैं, तो कोई दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली कहावत चरितार्थ करने में लगे हैं। कौन जीतेगा? कौन हारेगा? रार-तकरार इस पर भी कम नहीं। गोया जनप्रतिनिधियों का चुनाव न होकर युद्ध हो। सारी लड़ाई, सारे वार-तकरार.. षड़यंत्र, वोट के लिये है। किन्तु वोटर के लिये यह युद्ध नहीं, शादी है।

पारम्परिक जलस्रोतों की अनदेखी ने बढ़ाया जल संकट
ग्रामीण भारत में पेयजल की चुनौतियाँ
Posted on 04 Feb, 2017 12:04 PM
गाँवों में पीने के पानी की समस्या को तीन हिस्सों में देखा जाना चाहिए। एक तो भूजल का गिरता स्तर, दूसरा पीने लायक साफ पानी की आपूर्ति का अभाव और तीसरा, उपलब्ध पानी की गुणवत्ता। ग्रामीण भारत में विद्यमान पेयजल संकट को दूर करने के लिये हमें इन्हीं तीन समस्याओं पर काम करना होगा, जिनकी पहचान हमने ऊपर के हिस्से में की है। भूजल के गिरते स्तर को रोककर उसे बढ़ाने का उपाय करना, उपलब्ध पानी को रिह
बर्बादी रोकनी है, तो नमभूमि बचाएँ
Posted on 02 Feb, 2017 11:05 AM

विश्व नम भूमि दिवस - 02 फरवरी, 2017 पर विशेष


लोकटक झीललोकटक झीलहर्ष की बात है कि विश्व नमभूमि दिवस - 2017 से ठीक दो दिन पहले आस्ट्रेलिया सरकार ने 15 लाख डॉलर की धनराशि वाले ‘वाटर एबंडेंस प्राइज’ हेतु समझौता किया है। यह समझौता, भारत के टाटा उद्योग घराने और अमेरिका के एक्सप्राइज घराने के साथ मिलकर किया गया है।

विषाद का विषय है कि जल संरक्षण के नाम पर गठित इस पुरस्कार का मकसद हवा से पानी निकालने की कम ऊर्जा खर्च वाली सस्ती प्रौद्योगिकी का विकास करने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है।

wetland
Open Defecation Free Villages : Creating and sustaining Nirmal Grams through community participation in Jharkhand
Posted on 31 Jan, 2017 04:52 PM
The Government of Jharkhand has successfully established a workable strategy for creating and sustaining Nirmal Grams (clean villages) through a people-centric, participatory and demand-driven approach. This initiative aims to create Open Defecation Free (ODF) villages through the construction of a functional toilet in every household.
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