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हिमालय में भूमिदोहन से बदल रहा पारिस्थितिकीतंत्र : निकट भविष्य के लिये बड़ी चेतावनी
Posted on 11 May, 2017 10:12 AM
ध्रुवीय क्षेत्रों के बाद पृथ्वी पर सबसे बड़ा हिमाच्छादित क्षेत्र कहा जाने वाला जैवविविधता से समृद्ध हमारा हिमालय विश्व के सुंदरतम प्राकृतिक स्थलों में से एक है। भूवैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी का यह सबसे युवा पर्वत हमारा हिमालय आज भी निरंतर ऊपर की ओर बढ़ रहा है। इसका कारण सम्भवतः लगभग सात करोड़ साल पूर्व की वे दो इण्डो-आस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेटें ही हैं, जिनके आपस में टकराने से हिमालय
Indian Himalayan States
जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में तेजी से घट रही है ऑक्सीजन
Posted on 08 May, 2017 11:03 AM
न्यूयार्क, आईएएनएस : दुनिया के महासागरों के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा पिछले बीस-तीस वर्षों से लगातार घट रही है। एक नए अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। इस अध्ययन के लिये शोधकर्ताओं ने पिछले पचास सालों में महासागर सम्बन्धी आँकड़ों का अध्ययन किया और इस क्रम में दीर्घावधि के रुझानों का विश्लेषण किया। महासागरों में तापमान बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन का स्तर अस्सी के दशक से ही गिरना शुरू हो गया था। ज
कौन चाहता है गंदगी में रहना
Posted on 08 May, 2017 10:51 AM

देश के हर शहर में अभिजात्य वर्ग और आम जनता की रिहाइश में काफी बड़ा अन्तर है। 90 प्रतिशत ग

शरीर को रखें पानी से लबरेज बने रहेंगे फिट-हिट
Posted on 08 May, 2017 10:31 AM
गर्मी के मौसम शरीर में पानी की कमी आपके ऊर्जा के स्तर को कम कर सकती है, नतीजतन आप सुस्त और बीमार हो सकते हैं, ऐसे में केवल पानी और लिक्विड डाइट से शरीर को लबरेज रखते हुए खुद को स्वस्थ और तन्दरुस्त बना सकते हैं।
फ्री क्लाउड स्टोरेज सर्विसेज से बनेगा काम
Posted on 08 May, 2017 10:07 AM
कुछ खास क्लाउड सर्विसेज सिक्योर एक्सेस और मल्टीपल प्लेटफॉर्म की सुविधा प्रदान करती हैं। जानते हैं इनके बारे में-
फायदेमंद हो सकती है घरेलू गंदे पानी से सिंचाई
Posted on 06 May, 2017 01:12 PM

अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक फिलहाल ये शुरुआती नतीजे हैं और इस पर अभी अधिक अध्‍ययन करने की जर

Dirty water
आइये, ब्रह्मपुत्र को जानें - भाग 01
Posted on 04 May, 2017 11:36 AM

 

रिकाॅर्डधारक ब्रह्मपुत्र


जैसे पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों के बिना भारत के बाजूदार नक्शे की कल्पना अधूरी है, वैसे ही ब्रह्मपुत्र के बिना पूर्वोत्तर भारत का कल्पनालोक भी अधूरा ही रहने वाला है। ब्रह्मपुत्र, पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति भी है, सभ्यता भी और अस्मिता भी। ब्रह्मपुत्र बर्मी भी है, द्रविड़ भी, मंगोल भी, तिब्बती भी, आर्य भी, अनार्य भी, अहोम भी और मुगल भी। उसने खुद अपनी आँखों से इन तमाम संस्कृतियों को आपस में लड़ते, मिलते, बिछुड़ते और बढ़ते देखा है। तमाम बसवाटों को बसते-उजड़ते देखने का सुख व दर्द। दोनों का एहसास ब्रह्मपुत्र में आज भी जिंदा है। ब्रह्मपुत्र, पूर्वोत्तर भारत की लोकास्थाओं में भी है, लोकगीतों में भी और लोकगाथाओं में भी। ब्रह्मपुत्र, भूपेन दा का संगीत भी है और प्रकृति का स्वर प्रतिनिधि भी। पूर्वोत्तर की रमणियों का सौंदर्य भी ब्रह्मपुत्र में प्रतिबिम्बित होता है और आदिवासियों का प्रकृति प्रेम भी और गौरवनाद भी। आस्थावानों के लिये ब्रह्मपुत्र, ब्रह्म का पुत्र भी है और बूढ़ा लुइत भी। लुइत यानी लोहित यानी रक्तिम।

Brahmaputra river
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