भारत

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धरती अंजुरी क्यों नहीं बन सकती?
Posted on 02 Aug, 2011 08:23 AM

क्यों न भरपूर सावन के उल्लास को हम संग्रहण के प्रण का भी एक अवसर बना लें। खुद से यह पूछना बहुत

आस्था का डंका, गटर ही गंगा
Posted on 01 Aug, 2011 09:37 AM

गंगा नदी में जारी अवैध खनन को रोकने के लिए आमरण अनशन पर बैठे स्वामी निगमानंद की मौत के बाद स्व

पर्यावरण सुरक्षा और भारत
Posted on 30 Jul, 2011 04:56 PM

क्योटो प्रोटोकॉल के प्रति भारत का दृष्टिकोण

जोहानेसबर्ग पृथ्‍वी सम्‍मेलन था दीर्घकालिक विकास के लिए
Posted on 30 Jul, 2011 01:01 PM

दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में जो वैश्विक सम्मेलन (डब्ल्यूएसएसडी), 2002 में हुआ था, वह मूल रूप से दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित था, हालांकि तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने उसका बहिष्कार किया था। इसीलिए उसके एजेंडे में ग्लोबल वार्मिंग का मुद्‌दा उतना अहम नहीं था। इससे भी बड़ी बात यह थी कि अनेक महत्वपूर्ण फैसले कहीं दूर लिए जा रहे थे। चीन और रूस, जो कि दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े

पर्यावरण बचाएं
वैश्विक पर्यावरण की सुरक्षा
Posted on 30 Jul, 2011 11:15 AM

यदि मानवजनित गतिविधियां अपनी मौजूदा गति से जारी रहीं तो औद्योगिक युग से पहले के मुकाबले औसत वैश्विक तापमान में सात डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो जाएगी। तापमान में यह वृद्धि 15000 साल पहले, आखिरी हिमयुग (आइस एज) के बाद पृथ्वी के तापमान में आई वृद्धि से भी ज्यादा है। उस दौरान पृथ्वी के तापमान में पांच डिग्री का इजाफा हुआ था और वह भी 5000 साल के दरम्यान फिर यह भी कि हिमयुग में तापमान में हुई वृद

पर्यावरण अब संकट में
पर्यावरण सहित हो विकास
Posted on 30 Jul, 2011 10:27 AM

हमारे मुल्क में लंबे समय से नीतिगत निर्णयों के समय विकास के नाम पर पर्यावरण संरक्षण के तकाजे की बलि दी जाती रही है। आर्थिक वृद्धि के नाम पर पर्यावरण को जमकर नुकसान पहुंचाया गया। इसी का नतीजा है कि हालिया सालों में पर्यावरण संबंधी विवाद खूब उभरकर आए। इस पर विराम लगाने के लिए आखिरकार, हमारी सरकार संजीदा हुई है। औद्योगिक और खनन परियोजनाओं में पर्यावरण संबंधी विवादों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही एक

अपने पर्यावरण को समझें
कहीं बाढ़ कहीं सूखा
Posted on 30 Jul, 2011 09:38 AM

नेहरू जी ने बापू से कहा कि, “आप लोटे से हाथ-मुंह क्यों धो रहे हैं?

अब पेयजल के लिए अलग मंत्रालय
Posted on 29 Jul, 2011 04:30 PM

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तेजी से कम हो रहे इस कीमती संसाधन पेयजल एवं स्वच्छता के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया। मुम्बई के नेता गुरदास कामत को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। कामत पूर्व गृह राज्यमंत्री हैं। अब वह ग्रामीण विकास मंत्रालय से अलग हुए पेयजल एवं स्वच्छता के स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री होंगे।

गुरदास कामत
हाथियों का हत्यारा कौन?
Posted on 29 Jul, 2011 11:40 AM

नेपाल सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जनपद खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में अभी हाल ही में एक साथ तीन हाथियों की बिजली की हाई टेंशन तारों के कारण दर्दनाक मौत हो गयी। इस घटना में सबसे हृदय-विदारक मौत उस गर्भवती हथिनी को मिली, जिसकी कोख से अपरिपक्व बच्चा बिजली के तेज झटके लगने के कारण मां के पेट से बाहर आ गया। हाथियों के झुंड का गुस्सा रास्ते के जंगल में लगे हाईटेंशन पोल पर तब उतरा, जब वे गांव में अपने

ट्रेन से कटकर मरी एक हाथी
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