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ब्रह्मपुत्र
गंगा मैया
Posted on 20 Oct, 2010 09:10 AM हिन्दुस्तान में अनगिनत नदियां है, इसलिए संगमों का भी कोई पार नहीं हैं। इन सभी संगमों में हमारे पुरखों ने गंगा-यमुना का यह संगम सबसे अधिक पसन्द किया है, और इसीलिए उसका ‘प्रयागराज’ जैसा गौरवपूर्ण नाम रखा है। हिन्दुस्तान में मुसलमानों के आने के बाद जिस प्रकार हिन्दुस्तान के इतिहास का रूप बदला, उसी प्रकार दिल्ली-आगरा और मथुरा-वृन्दावन के समीप से आते हुए यमुना के प्रवाह के कारण गंगा का स्वरूप भी प्रयाग के बाद बिलकुल बदल गया है। गंगा कुछ भी न करती, सिर्फ देवव्रत भीष्म को ही जन्म देती, तो भी आर्य-जाति की माता के तौर पर वह आज प्रख्यात होती। पितामह भीष्म की टेक, भीष्म की निःस्पृहता, भीष्म का ब्रह्मचर्य और भीष्म का तत्त्वज्ञान हमेशा के लिए आर्यजाति का आदरपात्र ध्येय बन चुका है। हम गंगा को आर्यसंस्कृति के ऐसे आधारस्तंभ महापुरुष की माता के रूप में पहचानते हैं।नदी को यदि कोई उपमा शोभा देती है, तो वह माता की ही। नदी के किनारे पर रहने से अकाल का डर तो रहता ही नहीं। मेघराजा जब धोखा देते हैं तब नदी माता ही हमारी फसल पकाती है। नदी का किनारा यानी शुद्ध और शीतल हवा। नदी के किनारे-किनारे घूमने जायें तो प्रकृति के मातृवात्सल्य के अखंड प्रवाह का दर्शन होता है। नदी बड़ी हो और उसका प्रवाह धीरगंभीर हो, तब तो उसके किनारे पर रहनेवालों की शानशौकत उस नदी पर ही निर्भर करती है। सचमुच नदी जन समाज की माता है।
ब्रह्मपुत्र महानद का जलविज्ञानीय विश्लेषण (भाग 1)
Posted on 31 Jul, 2024 05:31 AMपर्वतराज हिमालय विश्व के तीन प्रमुख नदी तंत्रों सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल है। भारतवर्ष का लगभग एक तिहाई भू-भाग गंगा-ब्रह्मपुत्र-बराक बेसिन से आच्छादित है। गंगा एवं ब्रहपुत्र नदियों का संगम बांग्लादेश में होता है जिसके बाद इसे पद्मा नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी अंततः मेघना नदी में मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। भारत, नेपाल एवं बांग्लादेश के अंतर्गत गंगा,
विस्थापन व युद्ध से बचाव हेतु विश्वशांति जलयात्रा : चीन
Posted on 24 Jan, 2023 08:41 AMभारत अपनी प्रकृति रक्षा की आस्था से शांति कायम करने की दिशा पकड़ सकता है। लेकिन वर्तमान में इस दिशा में आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। क्योंकि जिस अच्छे संस्कार हेतु हम दुनिया में जाने जाते थे, उन्हें अब अपना नहीं रहे हैं। चीन अपनी पूंजी बढ़ाने वाला देश व दुनिया का नेता बनना चाहता है। इसलिए यहां का भौतिक विकास बहुत तेजी से बढ़ा है। इससे यहां का प्राकृतिक विनाश बहुत हुआ है। परिणामस्वरूप इसी देश स
ब्रह्मपुत्र नदी
Posted on 23 Sep, 2008 07:58 AMब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র ) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है।प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है।