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अल्मोड़ा जिला
चेतने की बारी
Posted on 27 Oct, 2010 11:20 AM बढ़ती आबादी से उत्तराखंड के भंगुर पारिस्थितिकी तंत्र पर लगातार बोझसबकी दीदी, राधा दीदी
Posted on 06 Feb, 2010 11:35 AMराधा भट्ट यूं तो पहाड़ की आम महिलाओं जैसी ही नजर आती हैं. लेकिन वे आम नहीं हैं. साधारण तो कतई नहीं. हां, आप उनसे बातचीत करें तो परत दर परत संघर्ष और अनुशासन का एक ऐसा रचनात्मक संसार खुलता चला जाता है, जो उन्हें सबसे अलग करता है.नौलों-धारों की भी होगी गिनती
Posted on 17 Aug, 2024 08:17 PMभारत सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने प्राकृतिक और मानव निर्मित सभी तरह के जल स्रोतों की दूसरी गणना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले साल हुई पहली गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है, जिसके आधार पर यह पता चला था कि देश में नदियों, नहरों के साथ ही कितने तालाब, पोखर, झील आदि हैं और उनकी स्थिति क्या है?
भारत के पर्वतीय जल स्रोतों (स्प्रिंग्स) की स्थिति और इनके सतत प्रबंधन हेतु जल शक्ति मंत्रालय के प्रयास (भाग 2)
Posted on 21 Jul, 2024 06:16 PM(पिछले से आगे)
तीन जलनायक : शिक्षक एमसी कांडपाल, जगत सिंह जंगली और बृजमोहन शर्मा
Posted on 23 May, 2024 07:53 AM20 मई 2024, देहरादून। पानी को लेकर लगातार संकट गहराता जा रहा है। गर्मियों में उत्तराखंड की राजधानी दून से लेकर राज्य के तमाम शहरों में पीने के पानी के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जिनकी पानी को लेकर मानो नींद ही गायब हो गई है, ये लोग पानी के संरक्षण को लेकर कोई एक नहीं, तीन-तीन दशकों से जुटे हुए हैं। ऐसे लोगों में ही एक है शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल। कानपुर बचपन बीता,
गंगा हेतु रिस्कन नदी में पानी बोना होगा
Posted on 04 Oct, 2023 11:30 AMशास्त्रों के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है। इसलिए पानी को नीर या नर भी कहा जाता है। गंगा नदी का नाम विष्णोपुदोद्दकी भी है अर्थात भगवान विष्णु के पैरों से निकली हुई। गंगा नदी का मुख्य स्रोत गंगोत्री में हैं लेकिन गंगा नदी में उत्तराखंड की कई गैर बर्फीली सहायक नदियाँ भी जुड़ी हैं। तभी गंगा नदी में पानी होता है।
अल्मोड़ा के कई ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए हाहाकार
Posted on 14 May, 2019 05:27 PMगर्मी का मौसम शुरू होते ही नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल किल्लत बढ़ने लगी है। नगर क्षेत्र के कई स्थानों पर समय से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से टैंकर से आपूर्ति करनी पड़ रही है। इस कारण लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है।
जलवायु परिवर्तन पर सम्भव होगी सटीक भविष्यवाणी
Posted on 22 Dec, 2018 12:52 PM
जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों और खतरों से निपटने में आधुनिक सिस्टम डायनेमिक मॉडल अहम भूमिका निभा सकता है। अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड स्थित जीबी पन्त हिमालयन पर्यावरण शोध संस्थान के अलावा बंगलुरु और कश्मीर विवि ने साझा प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है।