आगरा जिला

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सूबे में 1951 के अभिलेखों में दर्ज तालाबों को करें बहाल: हाईकोर्ट
Posted on 07 Nov, 2019 04:40 PM

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश  भर के तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर बहाल करने को लेकर कड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में 1951-52 के राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों से अतिक्रमण हटाकर उन पर दिए गए पट्टे समाप्त किए जाएं और तालाबों को पूर्व की स्थिति में बहाल किया जाए।

सूबे में 1951 के अभिलेखों में दर्ज तालाबों को करें बहाल: हाईकोर्ट
स्पर्श के लायक भी नहीं रहा यमुना का पानी
Posted on 03 Jan, 2017 10:35 AM
वर्तमान स्थितियों में प्रदूषण सम्बन्धी तमाम रिपोर्टों के बाव
Yamuna
फ्लोराइड के चपेट में ताज नगरी के गाँव
Posted on 25 Nov, 2016 03:15 PM


मुगलों ने अजूबे ताजमहल का निर्माण कर प्रेम की बेमिसाल इबारत लिख विश्व में एक अमिट स्थान भले ही बनाया हो लेकिन वर्तमान के हुक्मरानों की संवेदनाएँ मर गई हैं। यही वजह है कि आगरा शहर से सटे कई गाँवों के लोग पीने के पानी में फ्लोराइड के कारण फ्लोरोसिस जैसी बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं।

पचगाँय गाँव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद भी दूषित जल पी रहे हैं ग्रामीण
बेफिक्र सरकार, फूल-फल रहा पानी का कारोबार
Posted on 22 Aug, 2016 04:02 PM


सरकार जब अपने दायित्वों से मुँह मोड़ लेती है तो निजी कम्पनियाँ उसका फायदा उठाती हैं। पेयजल के मामले में भी यही हो रहा है। जिन क्षेत्रों में साफ पेयजल उपलब्ध नहीं है वहाँ सरकार की तरफ से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है लिहाजा निजी कम्पनियाँ इन क्षेत्रों में अपने पाँव फैलाने लगी हैं।

फ्लोरोसिस के शिकंजे में बचपन
Posted on 20 Aug, 2016 02:49 PM


बेहतर कल गढ़ने का दारोमदार बच्चों के कन्धों पर होता है लेकिन बचपन ही अगर विकलांगता की जद में आ जाये तो आने वाले कल की तस्वीर निश्चित तौर पर बेहद बदरंग और धुँधली होगी।

आगरा जिले के बरौली अहिर ब्लॉक के कई गाँवों में नौनिहाल फ्लोरोसिस जैसी बीमारी के चंगुल में आहिस्ता-आहिस्ता फँसे जा रहे हैं।

बरौली अहिर ब्लॉक के पचगाँय खेड़ा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले सभी तीन गाँवों में रहने वाले अधिकांश बच्चों में फ्लोरोसिस के संकेत देखने को मिल रहे हैं।

बच्चों में फ्लोरोसिस का प्राथमिक लक्षण दाँतों में दिखता है। दाँतों में पीले और सफेद दाग पड़ जाते हैं। इन गाँवों के बच्चों में ये दाग साफ देखे जा सकते हैं। इक्का-दुक्का बच्चों पर तो फ्लोरोसिस ने इतना असर डाल दिया है कि उनके पैरों की हडि्डयों में टेढ़ापन आ गया है।

बदरंग आगरा
Posted on 24 Feb, 2016 01:32 PM


लगभग 4 हजार किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला उत्तर प्रदेश का आगरा चार जिलों धौलपुर, मथुरा, फिरोजाबाद और भरतपुर से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की आबादी लगभग 44 लाख है। यहाँ मुख्यतः ब्रजभाषा बोली जाती है। आगरा विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के साथ ही दूसरी तारीखी इमारतों के लिये मशहूर है लेकिन फ्लोराइड का कहर इसकी लोकप्रियता में सेंध लगा रहा है। हाल के कई सर्वेक्षणों में आगरा में फ्लोराइड के कहर पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की गई है। इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) आगरा में फ्लोराइड के असर को लेकर विस्तृत कवरेज देने जा रहा है जिसमें हर पहलू पर रोशनी डाली जाएगी। पेश है इस कवरेज का पहला भाग...

.उत्तर प्रदेश के आगरा का जिक्र आता है तो सबसे पहले सफेद मार्बल से बने 384 वर्ष पुराने ताजमहल की तस्वीर जेहन में उभरती है। रोज हजारों लोग प्रेम की निशानी इस ताजमहल का दीदार करने आते हैं।

मुगल वंश और लोधी वंश के कई शासकों ने आगरा को अपना घर बनाया। कहा जाता है कि आधुनिक आगरा की स्थापना लोधी वंश के शासक सिकंदर लोधी ने सोलहवीं शताब्दी में की थी। वैसे आगरा ताजमहल के अलावा दूसरी ऐतिहासिक इमारतों के लिये भी जाना जाता है। यहाँ के महलों, मकबरों और मस्जिदों की नक्काशी आकर्षण का केन्द्र है।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अनुसार अकबर के दरबारी इतिहासकार अबु फजल ने अपनी किताब में लिखा था कि यहाँ 5000 से अधिक बंगाली और गुजराती स्थापत्य शैली की बिल्डिंगें थीं लेकिन अधिकांश बिल्डिंगों को जहाँगीर ने तोड़ दिया और सफेद मार्बल से महल बनवा दिये।

अपाहिज जिन्दगी
Posted on 11 Jan, 2016 04:10 PM

Panchagain, Patti Panchgain, Panchagain Kheda, Agraमशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ ने लिखा है-
जिन्दगी क्या किसी मुफलिस की कबा (कपड़ा) है जिसमें हर घड़ी दर्द के पैबन्द लगे जाते हैं। 

 

फैज़ ने ये पंक्तियाँ किन हालातों में लिखी होंगी पता नहीं लेकिन ऐतिहासिक शहर आगरा से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित गाँव पचगाँय के लोगों की जिन्दगी सचमुच उस गरीब के कपड़ों जैसी है जिनमें हर पल दर्द के पैबन्द लगते हैं।

गाँव की आबादी तकरीबन 900-1000 होगी। गाँव पक्की सड़क से जुड़ा हुआ भी है। आमतौर पर पक्की सड़क से जुड़ाव विकास का पैमाना होता है। इस गाँव के लोगों की रोजी-रोटी का जरिया खेती है पर कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं। कुल मिलाकर यहाँ समृद्ध और दरिद्र दोनों तरह के परिवार रहते हैं। इसी तथाकथित विकसित गाँव में दर्जनों लोगों को फ्लोराइड हर घड़ी दर्द दे रहा है। यह फ्लोराइड कहीं और से नहीं बल्कि जिन्दगी देने वाले पेयजल से उनके शरीर में जा रहा है।

आगरा में आर्सेनिक-फ्लोराइड अधिक
Posted on 21 Mar, 2015 10:22 AM भू-गर्भ जल का दोहन चिन्ताजनक, गाजीपुर व बलिया से शुरू होगी आर्सेनिक मुक्त पेयजल योजना सफलता पर पूरे देश में होगा लागू, शौचालय सफाई में तेजाब के प्रयोग पर जल्दी गाइड-लाइन
यमुना में नहीं रुक पा रही गन्दगी
Posted on 13 Feb, 2015 11:13 AM अभी तक यमुना में गिरने वाले गन्दे पानी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही यमुना में जल छोड़ा गया है। इसे लेकर स्थानीय नाव चालकों एवं आने वाले श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है। ज्ञात रहे कि धार्मिक नगरी श्री धाम वृन्दावन में प्रतिवर्ष उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसके चलते दूरदराज से आने वाले लाखों श्रद्धालु सर्वप्रथम माँ यमुना में डुबकी लगाकर यमुना जल आचमन क
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