शिरीष खरे

शिरीष खरे
स्वच्छ भारत मिशन : मूल्यांकन और सर्वे के बहाने केन्द्र जाँचेगी राज्यों की हकीक़त
Posted on 15 Nov, 2015 12:29 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष


रायपुर। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत केन्द्र सरकार अब मूल्यांकन और सर्वे के बहाने राज्य सरकारों की हकीक़त जाँचेगी। इसके लिये देश के 75 शहरों का चयन किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ से दुर्ग और रायपुर के नाम शामिल है। सर्वे के आधार पर अच्छा काम करने वाले शहरों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

केन्द्र के इस सर्वे में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिये शहरों में 60 फीसदी अंक दिये जाएँगे। इस स्थिति में रायपुर और दुर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

रायपुर और दुर्ग शहर में लगभग 50 फीसदी वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा एकत्र किया जा रहा है, लेकिन कचरा निपटान के लिये अभी तक कोई भी ठोस व्यवस्था नहीं बनी है।
दीवाली रोशनी का पर्व है प्रदूषण का नहीं
Posted on 07 Nov, 2015 10:04 AM

दीपावली विशेष

अकाल की मार से किसान तबाह
Posted on 20 Oct, 2015 11:17 AM

इन्द्रावती नदी के किनारे बसे ग्राम कालीपुर, बालीकोन्टा, कुड़कानार, कवि आसना आदि गाँवों के खेतों

छत्तीसगढ़ के सवा लाख स्कूली बच्चों को पानी और स्वच्छता की कमी
Posted on 30 Sep, 2015 10:43 AM

स्वच्छता दिवस, 02 अक्टूबर 2015 पर विशेष

 

तीन लाख से ज्‍यादा बेटियों के लिये नहीं है शौचालय


. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के पाँच साल बाद भी छत्तीसगढ़ के प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के करीब 1700 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी का कोई इन्तज़ाम नहीं है। इसलिये पहली से बारहवीं तक पढ़ने वाले सवा लाख बच्चे पीने के पानी के लिये तरस रहे हैं।

वहीं प्रदेश के 4 हजार 347 स्कूलों में 2 लाख 88 हजार 301 बालिकाओं के लिये अभी शौचालय नहीं बन पाया है। शौचालय के अभाव में स्कूल जाने वाली बालिकाएँ लगातार शर्मसार हो रही हैं। इनमें रायपुर के 73 स्कूल शामिल हैं। बालिकाओं की तरह ही 12 हजार 893 स्कूलों में तो बालकों के लिये भी शौचालय नहीं है।

sanitation
अपनी मौत पर रो रही है नदी
Posted on 24 Sep, 2015 01:54 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


रायपुर/खारून नदी के किनारे सात मीटर के एक टीले के प्रारम्भिक सर्वेक्षण में ही पुरातत्व शास्त्रियों को चौंकाने वाले सबूत मिले हैं।

दो हजार साल पुराने कुषाण राजाओं के तांबे से बने दो गोल सिक्के और सातवाहन राजा के शासनकाल का चौकोन सिक्का मिला है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को पहचान देने वाली इस नदी के किनारे ग्राम जमराव में दो से ढाई हजार साल पुरानी एक और बसाहट मिली है। यह गाँव पाटन तहसील में आता है।

जिस तरह के मिट्टी के बर्तन, पासे और दूसरी चीजें यहाँ मिलीं हैं, उसे देखते हुए जमराव के तरीघाट की तरह बड़ी बसाहट मिलने की उम्मीद है। नतीजों से उत्साहित राज्य पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के डायरेक्टर राकेश चतुर्वेदी अगले सीजन में यहाँ खुदाई या उत्खनन की अनुमति लेने की तैयारी में हैं।
छत्तीसगढ़ के जंगलों की खिसक रही ‘जमीन’
Posted on 20 Sep, 2015 01:37 PM
बारिश के दिनों में छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने का वादा दम तोड़ रहा है। हर साल ऐसा होता है। कई सालों से ऐसा ही हो रहा है। मगर छत्तीसगढ़ की हरियाली है कि बढ़ती नहीं। वन विभाग के आसमानी दावों को मानें तो 15 सालों में 75 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं। पेड़ लगाने के नाम पर महकमे ने हर साल 150 करोड़ रुपए खर्च किये। लेकिन ये पेड़ हैं कहाँ?
छत्तीसगढ़ में धान होगा कम
Posted on 19 Sep, 2015 12:20 PM

खेत-खलिहानों में पड़ रही सूखे की स्थिति ने कृषि विभाग से संचालित सिंचाई योजनाओं की पोल खुलने लगी

तबाही की कगार पर किसान
Posted on 19 Sep, 2015 10:22 AM
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में में अवर्षा और सूखे की स्थिति पर प्रारम
कन्हर बाँध को लेकर छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश में तकरार
Posted on 21 Aug, 2015 01:40 PM
छत्तीसगढ़ के किसानों-ग्रामीणों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी : डॉ. रमन सिंह
छत्तीसगढ़ की नदियाँ भी हो रही हैं मैली
Posted on 21 Aug, 2015 12:48 PM
रायपुर। प्रदेश की जीवनदायिनी तीन प्रमुख नदियाँ महानदी, अरपा और शिवनाथ का पानी प्रदूषण की सारी सीमाओं को लाँघ रहा है। हालात ये बन गए हैं कि अब जलीय जीव-जन्तुओं और पौधों का इनमें रहना मुश्किल हो रहा है और उनके जीवन के लिये खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इन नदियों में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर सामान्य से दस गुना ज्यादा हो चुका है। यही वजह है कि इन्हें यमुना जैसी देश की सबसे प्रदूषित नदियों की सूची में शामिल किया गया है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। बैक्टीरिया हजारों गुना ज्यादा सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार महानदी, अरपा और शिवनाथ जैसी नदियों का पानी स्वच्छता के पैरामीटर पर खरा नहीं उतरा। नियमों के मुताबिक 100 मिलीलीटर पानी में बैक्टीरिया की संख्या 500 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन खतरनाक बात है कि इन नदियों में पैरामीटर से हजारों गुना ज्यादा बैक्टीरिया पाया गया है।
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