राजस्थान पत्रिका

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विकास की आंधी में सूख गए तालाब
Posted on 10 Nov, 2014 12:00 PM
कुछ निजी कंपनियां उन्नयन के नाम पर तालाबों को गोद आस-पास के क्षेत्र
पूरे साल के पानी का इंतजाम
Posted on 25 Sep, 2014 10:10 AM

सुमेरपुर (पाली), पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख जलस्रोत जवाई बांध ने पिछले साल का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें जिले का हलक तर करने के लिए वर्ष भर के पानी प्रबंध हो गया है। वर्तमान में बांध के लाइव स्टोरेज में करीब 1147 एमसीएफटी से अधिक पानी उपलब्ध है। सेई बांध में उपलब्ध जल राशि में से करीब सात सौ एमसीएफटी पानी जवाई बांध में आना तय है, जबकि जलदाय विभाग वर्ष भ

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खान को जिंदा करने इंदौर राजी
Posted on 13 Aug, 2014 03:56 PM
नदी शुद्धिकरण पर विचार मंथन करने एक मंच पर उतरे प्रबुद्धजन
अफसर नए सिरे से करेंगे पूरी नदी का अवलोकन

प्रदेश के 374 गांवों में फ्लोराइड का प्रकोप
Posted on 13 Aug, 2014 01:37 PM
रायपुर, छत्तीसगढ़ के 16 जिलों के 374 गांवों में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई है। लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री रामसेवक पैकरा ने भाजपा के सदस्य संतोष बाफना के ध्यानाकर्षण के तहत उठाए गए मुद्दे के संबंध में यह जानकारी दी। बाफना ने विधानसभा में रायपुर संभाग के 246 गांवों में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से अधिक होने और बस्तर जिले के 9 गांवों में फ्लोराइड के कारण बच्चो
डूब जाएगी दुनिया
Posted on 23 Nov, 2009 08:36 AM

पिघलते ग्लेशियर्स का ड्रैकुला मुंह फाडे मालदीव को निगलने के लिए बढ़ रहा है। हालात इसी तरह रहे तो मालदीव जल प्रलय का पहला शिकार बन सकता है। मालदीव ने दुनिया को यही संदेश देने के लिए अपने कैबिनेट की बैठक समुद्र के भीतर की। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर इसी तरह पृथ्वी का वायुमंडल गरम होता रहा तो सन् २०२१ तक मालदीव समुद्र में समा जाएगा। १७ अक्टूबर को संपन्न हुई मालदीव कैबिनेट की यह बैठक करीब आधे

भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के घोषणा पत्रों में बस इतना सा है पर्यावरण

पर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है। The issue of environment has been much discussed in the last decades. Be it global warming or the problem of drinking water or falling ground water level, all are matters of concern. The increasing heat due to global warming has also affected the average voting in the first phase. There is BJP's 'Environment Friendly' versus Congress's 'Environment Justice', but both seem just like slogans. At present, there seems to be indifference towards the danger to the earth.
Posted on 01 May, 2024 09:40 AM

पर्यावरण का मुद्दा पिछले दशकों में काफी चर्चा में रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की बात हो या पीने के पानी की समस्या या फिर गिरता भू-जल स्तर, सभी चिंता के विषय हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ती गर्मी ने प्रथम चरण के औसतन मतदान को भी प्रभावित किया है। भाजपा का 'पर्यावरण अनुकूल' बनाम कांग्रेस का 'पर्यावरण न्याय' है, पर दोनों केवल नारों जैसे ही लगते हैं। फिलहाल धरती के खतरे के प्रति लापरवाही ही दिखती है।

घोषणा पत्रों में पर्यावरण नाममात्र
सिर्फ 15 दिन का पानी
Posted on 27 Jul, 2010 09:01 AM

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ शहर का मुख्य पेयजल स्त्रोत भैरड़ा माइंस में नाममात्र का पानी बचा है। मानसून की बेरूखी क चलते शहर के साथ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के होश भी फाख्ता है। यही स्थिति रही तो माह के अन्त तक भीषण पेयजल संकट खड़ा हो सकता है। संभावित संकट को देखते हुए विभाग अब आपात योजना तैयार कर रहा है।
विकास के \"प्यासे\" प्याऊ
Posted on 27 May, 2010 08:59 AM


रतलाम, मप्र.। राह चलते राहगीर के कदम घड़ीभर का सुकून लेने व अपनी प्यास बुझाने की खातिर पानी की प्याऊ के पास आते ही ठिठक जाते हैं। वर्षो पूर्व शहर में एक दर्जन से अधिक प्यास बुझाने वाले स्रोतों की संख्या एक दर्जन थी, लेकिन आज ये अस्थायी साधन नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं।

कोपेनहेगन सम्मेलन पर मंडराया संकट
Posted on 12 Dec, 2009 07:19 AM

कोपेनहेगन। विकसित देशों की शह पर डेनमार्क द्वारा तैयार एक मसौदे के लीक होने से कोपेनहेगन सम्मेलन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। विकसित और विकासशील देशों के बीच इस मसौदे को लेकर गहरे मतभेद पैदा हो गए हैं। यह मसौदा सम्मेलन से पहले तैयार कर लिया गया था और गत एक-दो दिसम्बर को भारत, चीन समेत कुछ गिने-चुने देशों को पढाया गया था। एक ब्रिटिश समाचार पत्र में मसौदे के अंश प्रकाशित होने के बाद जी-77 देश

जल संरक्षण के तरीके सीखे
Posted on 16 Nov, 2009 01:16 PM

रायसेन। कन्या महाविद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में कॉलेज की छात्राओं ने जल संरक्षण करने के तरीके सीखे। कार्यक्रम में आए विशेषज्ञों ने छात्राओं और उपस्थित जन समूह को जल संरक्षण के साथ इसके महत्व को विस्तार से बताया। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी संचार परिषद नई दिल्ली तथा मेगपास्ट के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

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