नदी शुद्धिकरण पर विचार मंथन करने एक मंच पर उतरे प्रबुद्धजन
अफसर नए सिरे से करेंगे पूरी नदी का अवलोकन
शहर की जीवनदायिनी खान नदी को फिर से जिंदा करने के लिए अब पूरा शहर तैयार हो गया है। अफसर, जनप्रतिनिधि व आम लोग सभी चाहते हैं नदी में साफ पानी बहे। पुराने दिनों की तरह इसकी कल-कल सुनाई दे। सभी ने कहा, अभी तक अलग-अलग टुकड़ों में काम हो रहा है, अब बागडोर किसी एक के हाथ में रहे और समग्र योजना बने। इसमें सरकार की मदद के अलावा जनसहभागिता भी पूरी हो।
रविवार को रेसीडेंसी कोठी में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा कोठी में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के प्रयासों से केंद्र, राज्य सरकार के अफसरों की मौजूदगी में जनप्रतिनिधियों, जनसंगठन व प्रबुद्धजन के साथ खान-सरस्वती नदी शुद्धीकरण योजना को लेकर बैठक की गई। इसमें गंगा शुद्धिकरण अभियान के तकनीकी प्रमुख प्रो. विनोद तारे ने खान नदी को पुनर्जीवित करने की योजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया यह नदी भी गंगा बेसिन का हिस्सा है। इसलिए इसका शुद्धिकरण भी आवश्यक है। इसके लिए पूरा प्रबंधन प्लान देश किया। इसी दौरान यह बात भी कही गई कि सन 2000 में प्रो. धवलीकर ने पूरी खान नदी की पदयात्रा करके इनका विश्लेषण किया था।
प्रो. विनोद तारे ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन से बताया, वर्तमान में जो शहर नदी के किनारों पर बसे हैं, वहां की सारी गंदगी, कचरा नदियों में बहाया जा रहा है। इससे नदियां प्रदूषित हो रही है। एक नदी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में रखते हुए शुद्ध किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता नदी के प्रवाह को बनाए रखना है। खान-सरस्वती को भी इसी प्रक्रिया से पुनर्जीवित किया जा सकता है।
इस पर काम करें
1. इसमें इंदौर का सीवरेज जा रहा है। इसे रोकने की जरूरत है।
2. ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर पानी का पुर्नउपयोग करना होगा।
3. मानसूनी पानी का स्टोरेज करें।
4. नदी के चैनल व केचमेंट एरिया को बनाए रखना।
5. पीपीपी मॉड पर पानी का पुनर्उपयोग व पुनर्चक्रण करना।
6. समग्र प्लान बना कर कार्य करना।
1. खान-सरस्वती नदी बनी अब गंगा शुद्धीकरण अभियान का हिस्सा
2. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर बनेगी समग्र योजना
3. संभागायुक्त संजय दुबे को सौंपी, सभी से तालमेल की जिम्मेदारी
शहर के मध्य से बहने वाली खान-सरस्वती नदी भी अब लंदन की टेम्स और अहमदाबाद की साबरमती के समान फिर से कल-कल करने की राह पर चल पड़ी है। नदी को अब केंद्र सरकार के गंगा शुद्धिकरण अभियान का हिस्सा बनाया गया है। अब केंद्र से इसे पूरी मदद मिलेगी।
यह जानकारी गंगा शुद्धिकरण अभियान के तकनीकी प्रमुख प्रो. विनोद तारे ने दी। वे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर रेसीडेंसी कोठी पर आयोजित बैठक में हिस्सा ले रहे थे। प्रो. तारे ने ‘पत्रिका’ को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा गंगा बेसिन की सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की व्यापक योजना पर काम शुरू किया है।
खान गंगा बेसिन की नदी है। इसकी गंदगी क्षिप्रा में मिलती है और क्षिप्रा चंबल में। चंबल यमुना में और यमुना गंगा में। ऐसे खान से गंगा अशुद्ध हो रही है। गंगा बेसिन के लिए एक लाख करोड़ की योजना बनाई गई है। इसी से खान भी जिंदा होगी। - विनोद तारे, तकनीकी प्रमुख, गंगा अभियान
केंद्रीय मंत्री उमा भारती चर्चा के बाद बैठक बुलाई। अब सुधार पर शीघ्र काम शुरु हो। सरकार से मिल रहे सहयोग की एक-एक पाई का सही उपयोग किया जाए। सभी विभागों से तालमेल कर संभागयुक्त संजय दुेबे समग्र प्लान तैयार करेंगे। -सुमित्रा महाजन, लोकसभा स्पीकर
अफसर नए सिरे से करेंगे पूरी नदी का अवलोकन
शहर की जीवनदायिनी खान नदी को फिर से जिंदा करने के लिए अब पूरा शहर तैयार हो गया है। अफसर, जनप्रतिनिधि व आम लोग सभी चाहते हैं नदी में साफ पानी बहे। पुराने दिनों की तरह इसकी कल-कल सुनाई दे। सभी ने कहा, अभी तक अलग-अलग टुकड़ों में काम हो रहा है, अब बागडोर किसी एक के हाथ में रहे और समग्र योजना बने। इसमें सरकार की मदद के अलावा जनसहभागिता भी पूरी हो।
रविवार को रेसीडेंसी कोठी में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा कोठी में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के प्रयासों से केंद्र, राज्य सरकार के अफसरों की मौजूदगी में जनप्रतिनिधियों, जनसंगठन व प्रबुद्धजन के साथ खान-सरस्वती नदी शुद्धीकरण योजना को लेकर बैठक की गई। इसमें गंगा शुद्धिकरण अभियान के तकनीकी प्रमुख प्रो. विनोद तारे ने खान नदी को पुनर्जीवित करने की योजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया यह नदी भी गंगा बेसिन का हिस्सा है। इसलिए इसका शुद्धिकरण भी आवश्यक है। इसके लिए पूरा प्रबंधन प्लान देश किया। इसी दौरान यह बात भी कही गई कि सन 2000 में प्रो. धवलीकर ने पूरी खान नदी की पदयात्रा करके इनका विश्लेषण किया था।
लोगों को जोड़ते हुए समग्र योजना बनाएं
प्रो. विनोद तारे ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन से बताया, वर्तमान में जो शहर नदी के किनारों पर बसे हैं, वहां की सारी गंदगी, कचरा नदियों में बहाया जा रहा है। इससे नदियां प्रदूषित हो रही है। एक नदी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में रखते हुए शुद्ध किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता नदी के प्रवाह को बनाए रखना है। खान-सरस्वती को भी इसी प्रक्रिया से पुनर्जीवित किया जा सकता है।
इस पर काम करें
1. इसमें इंदौर का सीवरेज जा रहा है। इसे रोकने की जरूरत है।
2. ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर पानी का पुर्नउपयोग करना होगा।
3. मानसूनी पानी का स्टोरेज करें।
4. नदी के चैनल व केचमेंट एरिया को बनाए रखना।
5. पीपीपी मॉड पर पानी का पुनर्उपयोग व पुनर्चक्रण करना।
6. समग्र प्लान बना कर कार्य करना।
‘उम्मीदों की खान’ को अब गंगा मैया का भी साथ
1. खान-सरस्वती नदी बनी अब गंगा शुद्धीकरण अभियान का हिस्सा
2. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर बनेगी समग्र योजना
3. संभागायुक्त संजय दुबे को सौंपी, सभी से तालमेल की जिम्मेदारी
शहर के मध्य से बहने वाली खान-सरस्वती नदी भी अब लंदन की टेम्स और अहमदाबाद की साबरमती के समान फिर से कल-कल करने की राह पर चल पड़ी है। नदी को अब केंद्र सरकार के गंगा शुद्धिकरण अभियान का हिस्सा बनाया गया है। अब केंद्र से इसे पूरी मदद मिलेगी।
यह जानकारी गंगा शुद्धिकरण अभियान के तकनीकी प्रमुख प्रो. विनोद तारे ने दी। वे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर रेसीडेंसी कोठी पर आयोजित बैठक में हिस्सा ले रहे थे। प्रो. तारे ने ‘पत्रिका’ को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा गंगा बेसिन की सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की व्यापक योजना पर काम शुरू किया है।
खान गंगा बेसिन की नदी है। इसकी गंदगी क्षिप्रा में मिलती है और क्षिप्रा चंबल में। चंबल यमुना में और यमुना गंगा में। ऐसे खान से गंगा अशुद्ध हो रही है। गंगा बेसिन के लिए एक लाख करोड़ की योजना बनाई गई है। इसी से खान भी जिंदा होगी। - विनोद तारे, तकनीकी प्रमुख, गंगा अभियान
केंद्रीय मंत्री उमा भारती चर्चा के बाद बैठक बुलाई। अब सुधार पर शीघ्र काम शुरु हो। सरकार से मिल रहे सहयोग की एक-एक पाई का सही उपयोग किया जाए। सभी विभागों से तालमेल कर संभागयुक्त संजय दुेबे समग्र प्लान तैयार करेंगे। -सुमित्रा महाजन, लोकसभा स्पीकर
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