रतलाम, मप्र.। राह चलते राहगीर के कदम घड़ीभर का सुकून लेने व अपनी प्यास बुझाने की खातिर पानी की प्याऊ के पास आते ही ठिठक जाते हैं। वर्षो पूर्व शहर में एक दर्जन से अधिक प्यास बुझाने वाले स्रोतों की संख्या एक दर्जन थी, लेकिन आज ये अस्थायी साधन नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं।
नगर में एक समय अनेक स्थायी प्याऊ हुआ करते थे, जहां वर्षभर राहगीरों को शीतल जल का वितरण करना लोग सेवा का कार्य समझते थे। वर्ष दर वर्ष सेवा का यह दायरा घटता गया और जहां एक ओर सरकारी मशीनरी ने इन शीतल जल केंद्रों को लावारिस छोड़ दिया, वहीं सामाजिक संस्थाओं ने भी अनदेखी करना शुरू कर दी।
शहर में डेढ़ दशक पहले तक नाहरपुरा, जिला अस्पताल राम मंदिर चौराहा, अखंड आश्रम के समीप, सैलाना बस स्टैंड, दो बत्ती (जनता होटल के सामने), नागरिक विश्राम गृह के सामने, निगम कार्यालय के सामने, दो मुखी बावड़ी, चौमुखीपुल क्षेत्रों में लगी प्याऊ जल वितरण का प्रमुख माध्यम हुआ करते थे। इन्हें लेकर सरकारी उपेक्षा शुरू हुई तो सामाजिक संस्थाओं ने कदम बढ़ाए, लेकिन ये कदम भी प्याऊ के विकास में ज्यादा सफर तय नहीं कर पाए।
मिटने लगा अस्तित्व
वर्षो पूर्व स्थापित कई प्याऊ का तो अब अस्तित्व ही मिटने लगा है। दो बत्ती स्थित जनता होटल के सामने रोटरी क्लब की ओर से स्थापित प्याऊ एक दशक से बंद पड़ी है और अब ढहने की कगार पर है। नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने स्थित प्याऊ जीर्ण-शीर्ण होकर अनुपयोगी हो गई तो इसके ही समीप दो मुंह की बावड़ी की सड़क से जुड़ी प्याऊ का उपयोग सायकल रिपेरिंग की दुकान चलाने वाला कर रहा है। ऎसा ही आलम अन्य पुरानी प्याऊ का भी है, जो अब कब्जे या अतिक्रमण का शिकार हैं।
जलसेवा के तरीके
वर्तमान में गर्मी शुरू होते ही शहर के सैकड़ों प्रमुख चौराहों पर अस्थायी प्याऊ लगाकर राहगीरों को पानी पिलाया जाता है। ऎसी ही सेवा के बीच हास्यास्पद स्थिति तब बनती है, जब कार्यालय के सामने लगी दो प्याऊ की अनदेखी करने वाले निगमकर्मी स्वयं ही कार्यालय परिसर में अस्थायी प्याऊ लगाकर सेवा का मेवा लेना चाहते हैं। गर्मियों में लगने वाली इन प्याऊ में पानी भरने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी जाती है। कुछ अस्थायी प्याऊ तो इसलिए भी लगाए जाते हैं कि समीप की होटल पर आने वाले ग्राहक पानी प्याऊ पर पीएं और चाय नाश्ता होटलों में करें।
100 प्याऊ की जानकारी
नगर निगम जलकार्य समिति प्रभारी पवन सोमानी ने बताया कि गर्मी में शहर में करीब 100 प्याऊ को जल वितरण किया जाएगा। शहर की पुरानी प्याऊ में सुधार के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्याऊ पर पहुंचे पानी का दुरूपयोग करने वालों पर भी निगाह रखी जाएगी।
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