प्रयाग पांडे

प्रयाग पांडे
चेतने की बारी
Posted on 27 Oct, 2010 11:20 AM
बढ़ती आबादी से उत्तराखंड के भंगुर पारिस्थितिकी तंत्र पर लगातार बोझ
Disaster
बिजली की रोशनी से जगमगाया नैनीताल
जानिए नैनीताल में जल विद्युत परियोजना और जलापूर्ति की व्यवस्थाओं के बारे में
Posted on 07 Mar, 2024 05:17 PM

1920 में जल विद्युत परियोजना का काम प्रारंभ हो गया। पहले साल इस काम में 4,13,948 रुपये खर्च हुए। नगर पालिका ने 1650 रुपये खर्च कर मनोरा के संक्रामक अस्पताल तक पानी की लाइन डाली। तीन हजार रुपये की लागत से खुर्पाताल तक पानी की लाइन बिछा दी गई। इस साल वाटर वर्क्स को चलाने के लिए नगर पालिका के कोयले का भण्डार समाप्ति की ओर था गोदाम में सिर्फ 24 टन कोयला बचा था। नगर में पानी की आपूर्ति बाधित होने का

बिजली की रोशनी से जगमगाया नैनीताल
नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ  
जाने नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ के बारे में  
Posted on 07 Mar, 2024 03:32 PM

1915 में काठगोदाम-नैनीताल मोटर सड़क बनकर तैयार हो गई थी। लेफ्टिनेंट राइडर ने जिला इंजीनियर होल्मस के निर्देशन में इस सड़क का निर्माण कार्य सम्पन्न कराया। उस दौर में इस सड़क की वार्षिक मरम्मत में 29 हजार रुपये खर्च किए जाते थे। अब नैनीताल में गाडियां आने लगी थी। ताँगा अब यातायात का मुख्य साधन नहीं रह गया था। ताँगे को जल्दी ही टा-टा कह दिया गया। बेबरी से कार्ट रोड द्वारा कुलियों के सामान ढोने पर

नैनीताल में यातायात और पर्यावरणीय समस्याएँ  
नैनीताल:नलों से घरों में पहुँचा पानी
जानिए किस तरह नैनीताल में भाप संचालित पंपों द्वारा घरों में नलों द्वारा पानी पहुँचने की शुरुआत हुई | Know how tap water supply to homes started through steam powered pumps in Nainital
Posted on 05 Mar, 2024 01:40 PM

1899 की शुरूआत में नैनीताल वाटर वर्क्स का काम शुरु हुआ। अप्रैल 1899 में पानी का पंप हाउस काम करने लग गया। इसके साथ ही नलों द्वारा घरों में पानी पहुँचने की शुरुआत हो गई। पंप हाउस में कई स्रोतों से पानी लिया जाता था। भाप से संचालित पंपों द्वारा नगर की ऊँची पहाड़ियों में बनी विशालकाय टंकियों तक पानी पहुँचाया जाता था। टंकियों से प्राकृतिक बहाव के जरिये नलों से घरों तक पानी पहुँचता था। भाप संचालित प

नलों से घरों में पहुँचा पानी
कैलाखान भूस्खलन की जांच में कई कारण आए सामने
जानिए कैलाखान भू-स्खलन की जाँच पर विस्तृत रिपोर्ट
Posted on 05 Mar, 2024 12:31 PM

17 अगस्त 1898, नैनीताल।

1.उपरोक्त विषय पर मेरी प्रारंभिक आख्या जो उत्तर, पश्चिम प्रान्त और अवध के शासन को मैंने मुख्य आंकलन के बाद भेजी। मेरे नैनीताल में कुछ समय रहने के बाद यह आख्या मेरे द्वारा स्वयं देखी गई और रखी गई।

कैलाखान भू-स्खलन की जाँच 
नैनीताल में पहाड़ों की सुरक्षा और विकास
जानिए नैनीताल में पहाड़ों की सुरक्षा और विकास कितनी बड़ी चुनौती है
Posted on 04 Mar, 2024 04:38 PM

1895 में सर एंटोनी पेट्रिक मैकडॉनल नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस के लेफ्टिनेंट गवर्नर बने। उनके गवर्नर बनने के बाद नैनीताल के विकास को एकाएक पंख लग गए। सर एंटोनी पेट्रिक मैकडॉनल ने नैनीताल के अधिसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास में व्यक्तिगत तौर पर दिलचस्पी दिखाई। उनके कार्यकाल के दौरान नैनीताल में उच्च तकनीकी से लैस एक नया और नायाब नालातंत्र विकसित हुआ। घरों में नलों द्वारा पीने के साफ एवं स्वच्छ पानी

नैनीताल में पहाड़ों की सुरक्षा और विकास
नैनीताल भू-स्खलन: विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट
जानिए वर्ष में 1880 में नैनीताल में आये भू-स्खलन की विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट में क्या विशेष है
Posted on 02 Mar, 2024 03:24 PM

शेर-का-डांडा पहाड़ी के 18 सितंबर, 1880 के भू-स्खलन के बाद इस क्षेत्र में तैनात विशेष सिविल अधिकारी मिस्टर एच. सी. कोनीबीयरे, ( ई.एस.क्यू.सी. एस.) ने 11 अक्टूबर, 1880 को नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस एण्ड अवध के सचिव को भू-स्खलन के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट का हिन्दी भावार्थ निम्न प्रकार थाः-

नैनीताल भू-स्खलन विशेष सिविल अधिकारी की रिपोर्ट
नैनीताल में बसावट शुरु होते ही भू-स्खलन
जानिए नैनीताल में बसावट शुरु होने के महज 25 साल बाद भू-स्खलन क्यों हुआ
Posted on 01 Mar, 2024 05:19 PM

ब्रिटिश हुक्मरान नैनीताल में अधिसंरचनात्मक सुविधाओं के प्रबंध में जुटे ही थे कि बसावट शुरु होने के महज 25 साल बाद अगस्त 1867 में मल्लीताल के पॉपुलर स्टेट में भू-स्खलन हो गया। इस भू-स्खलन में विक्टोरिया होटल का नव निर्मित एक कॉटेज दब गया था। विक्टोरिया होटल के पास स्थित पुलिया में एक हिन्दुस्तानी की मृत्यु हो गई थी। इस भू-स्खलन ने अंग्रेजों को नैनीताल की क्षण भंगुर पारिस्थितिक तंत्र की इत्तला दे

नैनीताल में बसावट शुरु होते ही भू-स्खलन
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