पीयूष रौतेला

पीयूष रौतेला
भूकम्प की भविष्यवाणी (Earthquake prediction)
Posted on 14 Feb, 2017 12:49 PM

किसी भी खतरे से बचने का सबसे सरल तरीका यह है कि हमें समय रहते पता चल जाये कि कब, कहाँ, क्या व कितना बड़ा होने वाला है और वैसा होने से पहले हम खतरे की सीमा से दूर चले जायें या फिर कुछ ऐसा करें जिससे या तो वह खतरा टल जाये या फिर उसका हम पर ज्यादा प्रभाव न पड़ पाये।
भूकम्प की तीव्रता (The intensity of earthquakes)
Posted on 14 Feb, 2017 12:31 PM

जहाँ परिमाण भूकम्प में अवमुक्त ऊर्जा को दर्शाता है वहीं भूकम्प आने पर किसी क्षेत्र में महसूस किये जाने वाले झटकों की तीव्रता या भूकम्प से क्षेत्र में हुयी क्षति या भूकम्प के कारण उस स्थान पर स्थित अवसंरचनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने के लिये मैकाली पैमाने (Mercalli Scale) का उपयोग किया जाता है। यह पैमाना भूकम्प से उत्पन्न कम्पनों के पृथ्वी की सतह, मनुष्यों एवं मानव निर्मित संरचनाओं
भूकम्प का परिमाण (Earthquake Magnitude)
Posted on 13 Feb, 2017 01:22 PM

भूकम्प के झटके महसूस करने पर ‘‘कहाँ आया भूकम्प ?’’ के बाद जो दूसरा प्रश्न हम पूछते हैं वह शायद यह कि ‘‘कितना बड़ा था भूकम्प?’’ इस प्रश्न के उत्तर में हमें जो जवाब मिलता है वह भूकम्प का परिमाण होता है जिसका संबंध भूकम्प में अवमुक्त ऊर्जा से होता है।
अभिकेन्द्र का निर्धारण
Posted on 13 Feb, 2017 01:03 PM

Identification of epicenter

भूकम्प के कारण उत्पन्न होने वाली हलचलों या कम्पनों के प्रारूप को भूकम्पमापी द्वारा दर्ज किया जाता है। जैसा कि हम अब तक जान चुके हैं भूकम्प में प्रमुख रूप से दो प्रकार की तरंगें उत्पन्न होती हैं। इन तरंगों की विशिष्टताओं के कारण इन्हें भूकम्पमापी द्वारा दर्ज किये गये प्रारूप में अलग-अलग पहचाना जाता है।
earthquake
भूकम्पीय तरंगें
Posted on 13 Feb, 2017 12:48 PM
Seismic waves
earthquake
कहाँ आते हैं भूकम्प (Where Frequent Earthquake)
Posted on 13 Feb, 2017 12:31 PM

जैसा कि हम जान गये हैं, ज्यादातर भूकम्प जमीन के अन्दर होने वाली गतिविधियों के कारण ही आते हैं और हमारी पृथ्वी महाद्वीप के आकार के भूखण्डों से मिलकर बनी है जो एक दूसरे के सापेक्ष गतिमान हैं। भूखण्डों की इस गति के कारण इन भूखण्डों के छोर पर स्थित चट्टानें तनाव या दबाव की स्थिति में रहती है और यही भूकम्प का कारण है। यही वजह है कि ज्यादातर भूकम्प महाद्वीप के आकार के इन भूखण्डों के छोर पर आते हैं
Uttarakhand map
क्यों आते हैं भूकम्प (Why Earthquakes)
Posted on 13 Feb, 2017 12:20 PM

पृथ्वी की सतह हमें प्रायः स्थिर व अखण्ड प्रतीत होती है, परन्तु वास्तव में ऐसा है नहीं। पृथ्वी की सतह न तो स्थिर है और न ही अखण्ड। सच कहें तो पृथ्वी की सतह महाद्वीप के आकार के विशाल भूखण्डों (plates) से मिलकर बनी है। इन भूखण्डों को पृथ्वी की सतह पर स्थित चट्टानों की ठोस परत के रूप में समझा जा सकता है और इनका विस्तार महाद्वीपों के साथ-साथ समुद्र में भी है।
भूकम्प (Earthquake)
पृथ्वी की सतह पर अचानक महसूस किये जाने वाले कम्पनों को हम भूकम्प या भूचाल कहते हैं। यहाँ उत्तराखण्ड के लोग स्थानीय भाषा में इन्हें चलक कहते हैं जिसका तात्पर्य है कि यहाँ के लोग भूकम्प के झटके प्रायः महसूस करते रहे हैं।इन कम्पनों के कारण कभी-कभी घरों, मकानों एवं अन्य संरचनाओं को भारी नुकसान होता है परन्तु भूकम्प के यह झटके हमेशा ही इतने तेज नहीं होते हैं। यह इतने धीमे भी हो सकते हैं कि संवेदनशील उपकरण न होने पर हमें इनके आने का पता ही न चल पाये। आपको शायद विश्वास न हो पर हमारे द्वारा महसूस न किये जाने वाले यह छोटे भूकम्प काफी बड़ी संख्या में नियमित रूप से आते हैं।
Posted on 12 Feb, 2017 04:41 PM


पृथ्वी की सतह पर अचानक महसूस किये जाने वाले कम्पनों को हम भूकम्प या भूचाल कहते हैं। यहाँ उत्तराखण्ड के लोग स्थानीय भाषा में इन्हें चलक कहते हैं जिसका तात्पर्य है कि यहाँ के लोग भूकम्प के झटके प्रायः महसूस करते रहे हैं।

भूकम्प (Earthquake)
पुस्तक परिचय - कहीं धरती न हिल जाये
भूकम्प रोज-रोज तो आते नहीं हैं; यहाँ हमारे क्षेत्र में 1999 के बाद से नुकसान कर सकने वाला कोई भूकम्प नहीं आया है। भूकम्पों के बीच सालों या फिर दशकों का अन्तर होने के कारण हम में से ज्यादातर भूकम्प सुरक्षा के प्रति प्रायः उदासीन हो जाते हैं और देखा जाये तो हमारी यही उदासीनता भूकम्प से होने वाले ज्यादातर नुकसान के लिये जिम्मेदार है।
Posted on 12 Feb, 2017 03:58 PM

पुस्तक परिचय - कहीं धरती न हिल जाये
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