जनसत्ता टीम

जनसत्ता टीम
आधुनिक विकास के दौड़ में खत्म होते जंगल
Posted on 04 Jun, 2012 09:41 AM
प्रकृति ने जिस जंगल को हमें देकर न केवल जंगल में औषधि, पशु-पक्षी आदि को अपने गोद में पाला बल्कि हमें भी अपने ही गोद में पालकर अनेक प्रकार के प्राकृतिक औषधियां, पानी, लकड़ी सभी चीजों को उपलब्ध कराया आज उसी जंगल को हम उजाड़ने में लगे हैं कहीं खनन करके तो कहीं बांध बांधकर अपने आधुनिक सुविधाओं की पूर्ति के लिए इन जंगलों को खत्म करने के होड़ में लगे हैं।
जहरीली हो रही हिंडन नदी
Posted on 24 May, 2012 05:00 PM

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के अनुसार नाले को सीधे नदी में नहीं मिलाया जा सकता है। बल्कि पानी को स्वच्छ करन

देश में बढ़ता जल संकट
Posted on 04 May, 2012 03:56 PM
हमारे देश में पनबिजली परियोजनाओं के नाम पर हजारों बांध बनाए जा रहे हैं जिससे अब नदियां सूखती जा रही हैं। गंगा और यमुना जैसी नदियों की सफाई के नाम पर अरबों रुपए खर्च करने के बावजूद हमारी नदियां गंदगी ढो रही हैं। खेतों में रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का भरपूर उपयोग हो रहा है और भूजल के अत्यधिक दोहन से अब देश में जल संकट मडराने लगा है।
गर्मी की दस्तक के साथ बुंदेलखंड में जल संकट
Posted on 14 Apr, 2012 01:07 PM
कुओं और तालाबों पर करोड़ों खर्च, मगर ज्यादातर का इस्तेमाल नहीं, धरी रह गई सरकारी तैयारी
पानी की फिक्र
Posted on 12 Apr, 2012 03:23 PM

यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के शोधन के लिए बने नियम-कायदों की अनदेखी की

जल दोहन रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरतः मनमोहन
Posted on 11 Apr, 2012 10:15 AM
नई दिल्ली, 10 अप्रैल। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में आबादी की तुलना में पहले से ही कम पानी की उपलब्धता के और कम होते जाने पर चिंता जताते हुए कहा है कि अपने स्वामित्व वाली भूमि मनचाहा पानी निकालने की छूट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने भूजल निकालने की छूट को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। राजधानी में ‘भारत जल सप्ताह’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया क
भारतीय जल सप्ताह के उद्घाटन समारोह के मौके पर मंगलवार को दीप प्रज्जवलित करते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
दुनियाभर में गंभीर जल संकट
Posted on 23 Mar, 2012 10:34 AM
नई दिल्ली, 21 मार्च । पूरी दुनिया गंभीर जल संकट से जूझ रही है। दुनिया के देशों ने अगर इसे और नजरदांज किया तो हालात बेकाबू हो जाएंगे। यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र ने इसी महीने जारी अपनी ‘विश्व जल विकास रिपोर्ट’ में दी है। रपट में साफ कहा गया है कि दुनिया के कई हिस्सों में पानी की गंभीर समस्या है और इसकी बर्बादी नहीं रोकी गई तो स्थिति और विकराल हो जाएगी। वर्ष 2050 तक दुनिया की आबादी नौ अरब तक पहुंच जा
विवाद का जोड़
Posted on 13 Mar, 2012 11:05 AM

क्या 2016 तक केंद्र सरकार इतनी बड़ी धनराशि की व्यवस्था कर पाएगी?

अनिता राणा को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का पुरस्कार
Posted on 07 Feb, 2012 05:22 PM
नई दिल्ली, 05 फरवरी। पर्यावरण संरक्षण और सुधार के क्षेत्र में काम कर रही अनिता राणा को भारत स्थित संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तरफ से ग्रीन अर्थव्यवस्था के लिए सामुदायिक पहल के लिए नेतृत्व पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा अर्थ डे नेटवर्क की तरफ से भी वूमेन एंड ग्रीन इकोनामी कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। राणा गैरसरकारी संगठन जनहित फाउंडेशन की निदेशक हैं।
अनिता राणा
केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की योजना
Posted on 02 Feb, 2012 12:35 PM

हमारी तकनीक, आपके द्वार


केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड द्वारा वर्ष 2012-13 के दौरान अपने कार्यक्रमों के अंतर्गत अनुदान पाने के इच्छुक स्वैच्छिक संगठनों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। बोर्ड के कार्यक्रमों में शामिल हैं – परिवार परामर्श केंद्र, जिसके तहत संकटग्रस्त महिलाओं को परामर्श, रेफरल और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाती हैं; महिलाओं के लिए शिक्षा के संक्षिप्त पाठ्यक्रम, जिसके तहत उन महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा प्रदान की जाती है जिन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी हो या जिन्हें औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जुड़ने का अवसर नहीं मिल सका; जागरुकता प्रसार कार्यक्रम, जिसके तहत महिलाओं को उनके सशक्तीकरण के लिए स्वास्थ्य एवं पोषाहार से लेकर संवैधानिक अधिकारों तक के बारे में जानकारी दी जाती है तथा महिलाओं को विभिन्न सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक किया जाता है; पायलट परियोजनाएं, जो जरुरत पर आधारित होती हैं तथा जो निर्धारित योजनाओं के दायरे में नहीं आतीं।

×