डॉ. दिनेश मिश्र
डॉ. दिनेश मिश्र
आपदा प्रबन्धन के लिए बढ़ती ललक
Posted on 14 Sep, 2012 01:22 PMसदियों से उन कठिन परिस्थितियों में रह कर जीने वालों और उनके पारम्परिक ज्ञान का यह सीधा-सीधा अप
स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका
Posted on 14 Sep, 2012 12:57 PM पुरानी गाँधीवादी संस्थाओं का विकास ढलान पर है और 1974 के छात्र आन्अपर्याप्त राहत और वायदा खिलाफी
Posted on 14 Sep, 2012 12:41 PM ऊँचे प्लेटफार्म के नाम पर जो कुछ बना वह केवल भुरभुरी मिट्टी का एक मीटर ऊँचा ढेर भर थाराहत-राज्य की चौथी फसल
Posted on 14 Sep, 2012 12:37 PMअप्रत्याशित वर्षा, नदियों के बढ़ते प्रवाह, नहरों और तटबन्धों के लगातार टूटते रहने के कारण खरीफ की फसल उत्तर बिहार के एक बड़े क्षेत्र पर मारी जाती है। जहाँ खरीफ की फसल नहीं उगती वहाँ रिलीफ की फसल अच्छी होती है। सरकारी अफसरान रिलीफ पैकेज के बारे में लोगों की जानकारी के अभाव, और अन्यथा भी, राहत सामग्री के बंटवारे में अपने विशेषाधिकार का प्रयोग जम कर करते हैं क्योंकि उनके कार्य कलापों पर न तो किसी तरहराहत के बदले गोली
Posted on 14 Sep, 2012 12:34 PM 1947 के बाद से अब तक कुछ भी नहीं बदला है सिवाय इसके कि अब कोई यहराजनैतिक पार्टियों का द्वन्द्व
Posted on 14 Sep, 2012 12:25 PM सभी नदियों पर पानी को नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। ले-दबाढ़ के साथ राजनीति का खेल
Posted on 14 Sep, 2012 12:16 PMएक कारण तो यह समझ में आता है कि अभी तक जो तकनीक विकसित हुई है उसके अनुसार नेपाल में पैदा होने