दैनिक हिन्दुस्तान
कहीं झीलों का शहर कहीं लहरों पर घर
Posted on 17 Oct, 2010 08:51 AMसोचो कि झीलों का शहर हो, लहरों पे अपना एक घर हो..। कोई बात नहीं जो झीलों के शहर में लहरों पर अपना घर नहीं हो पाए, कुछ समय तो ऐसा अनुभव प्राप्त कर ही सकते हैं जो आपको जिंदगी भर याद रहे। कहीं झीलों में तैरते घर तो कहीं, उसमें बोटिंग का रोमांचक आनन्द। कहीं झील किनारे बैठकर या वोटिंग करते हुए डॉलफिन मछली की करतबों का आनन्द तो कहीं धार्मिक आस्थाओं में सराबोर किस्से। ऐसी अनेक झीलें हैं हमारे देश में जिनमें से 10 महत्वपूर्ण झीलों पर एक रिपोर्ट।डल लेक
जहां लहरों पर दिखते हैं घर
डल लेक का तो नाम ही काफी है। देश की सबसे अधिक लोकप्रिय इस लेक को प्राकृतिक खूबसूरती के लिए तो दुनियाभर में जाना ही जाता है, यह लोगों की आस्था से भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस लेक के किनारे देवी दुर्गा की निवास स्थली थी और इस स्थली का नाम था सुरेश्वरी। लेकिन यह झील ज्यादा लोकप्रिय हुई अपने प्राकृतिक और भौगोलिक
आखिर क्यों उफन जाती हैं नदियां
Posted on 28 Aug, 2010 07:27 AM
मई-जून के महीनों में जब तीन-चौथाई देश पानी के लिए त्राहि -त्राहि कर रहा था, पूर्वोत्तर राज्यों में भी बाढ़ से तबाही का दौर शुरू हो चुका था। अभी बारिश के असली महीने सावन की शुरुआत है और लगभग आधा हरियाणा, पंजाब का बड़ा हिस्सा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार का बड़ा हिस्सा नदियों के रौद्र रूप से पानी-पानी हो गया है।
झारखंड के शहरों में पानी संकट
Posted on 24 Mar, 2009 05:51 AMडॉ हेम श्रीवास्तव / 21 मार्च09/ हिन्दुस्तानबुंडू में नदी-नाले सूखे पेयजल की किल्लत
Posted on 14 Mar, 2009 09:25 AMहिन्दुस्तान ब्यूरोरांची, 10 मार्च। कांची नदी में पानी कम होने के कारण बुंडू पेयजल आपूर्ति योजना बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल रांची पूर्व के कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद गुप्ता ने पत्र में कहा है कि गर्मी शुरू होते ही कांची नदी का जल बहाव काफी कम हो गया है।
साभार – दैनिक हिन्दुस्तान
नियंत्रण हाथ में रखना चाहते हैं नौकरशाह
Posted on 23 Jan, 2010 04:54 PMराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) का लेखा-जोखा के तहत हम नरेगा की केंद्रीय समिति के सदस्य प्रो. ज्यां द्रेज से बातचीत यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। उनका ई-मेल इंटरव्यू किया है वाई.एन.झा ने.Google और LiveHindustan.com का बातों में दम?' प्रतियोगिता
Posted on 25 Dec, 2009 11:10 AMअब अपनी बात कहना और भी आसान! Google और LiveHindustan.com आपके लिए लाया है 'है बातों में दम?' प्रतियोगिता! दी गयीं विषय सूची में से किसी एक को चुनकर उस पर अपने दमदार विचार लिखकर भेजिए. कुछ धमाकेदार बातों को मिलेंगे शानदार इनाम, वहीं कुछ बातें जो धमाकेदार नहीं भी होंगी वे भी पाएंगी लैपटॉप और गिफ्ट वाउचर और छ: महीनों के लिए मुफ्त इंटरनेट सेवा जैसे आकर्षक उपहार.
कोपेनहेगन की सफलता का आधार कार्बन का कारोबार
Posted on 13 Dec, 2009 02:01 PMजलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना जरूरी है। कोपेनहेगन क्लाइमेट कांफ्रेंस से ठीक पहले भारत अपनी ऊर्जा सघनता में कमी करने का ऐलान कर चुका है। और ये कमी संभव कार्बन ट्रेडिंग द्वारा। दुनिया के कई देश इस विकल्प को अपना रहे हैं।
कैसे होती है कार्बन ट्रेडिंग
दिल्ली में भूजल होगा रिचार्ज
Posted on 01 Dec, 2009 07:14 AMदिल्ली और एनसीआर में घटते भूजल स्तर से चिंतित केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों में फिर से जान भरने के लिए एक नई कार्य योजना को मंजूरी दी है।शहरी विकास मंत्रालय के एनसीआर योजना बोर्ड ने दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों में भूजल की स्थिति की समीक्षा और इसके स्तर में सुधार के लिए इस कार्य योजना को मंजूरी दी है।