दिल्ली और एनसीआर में घटते भूजल स्तर से चिंतित केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों में फिर से जान भरने के लिए एक नई कार्य योजना को मंजूरी दी है।शहरी विकास मंत्रालय के एनसीआर योजना बोर्ड ने दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों में भूजल की स्थिति की समीक्षा और इसके स्तर में सुधार के लिए इस कार्य योजना को मंजूरी दी है।
सूत्रों के मुताबिक उन जगहों की पहचान पहले ही कर ली गई है जहां संबधित राज्य सरकारें भूमिगत जल में सुधार कर सकती हैं। इसके लिए काम भी शुरू कर दिया गया है।
एनसीआर योजना बोर्ड की हाल ही में हुई बैठक में यह मुद्दा उठा जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, हरियाणा के भूपिंदर सिंह हुड्डा और उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के मंत्री भी शामिल हुए थे।
केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्लूए) ने राजधानी के ज्यादातर क्षेत्रों और हरियाणा के गुड़गांव, सोनीपत और फरीदाबाद तथा गाजियाबाद और मेरठ में सीमा से अधिक भूजल उपयोग को लेकर चेतावनी दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल संरक्षण के लिए संबंधित राज्य सरकारों द्वारा लाए जा रहे विधेयकों में दंडात्मक प्रावधान शामिल करने के लिए केंद्र उन पर दबाव डालेगा।
ठीक इसी तरह वर्षा जल के संचयन को भी खास तवज्जो दी जाएगी और एनसीआर में जो इसे स्वेच्छा से अपनाएंगे उन्हें इसके लिए कुछ छूट भी दी जाएगी। गौरलतब है कि कुछ इलाकों के बड़े भवनों के लिए वर्षा जल का संचयन पहले से ही अनिवार्य है।
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