दैनिक भास्कर

दैनिक भास्कर
कुंभ में होता है आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार
Posted on 08 Jan, 2013 03:07 PM
विश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां कुंभ और सिंहस्थ जैसे महापर्व मानए जाते हैं। देश के चार तीर्थ स्थलों उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग के तट पर ये महापर्व मनाए जाते हैं। प्रयाग में 14 जनवरी से कुंभ शुरू होगा।
पानी बोओ,पानी पाओ
Posted on 16 Aug, 2011 10:42 AM

होशंगाबाद जिले में पेयजल की कमी संकट के रुप में दिखाई दे रही है। इसका कारण भूमि के जल स्तर का लगातार गिरना है। गर्मी के दौर में यह समस्या विकराल रूप के सामने आ सकती है। 1 लाख 20 हजार की आबादी के क्षेत्र में मात्र 20 मकान ऐसे हैं जहां इस सिस्टम को लगाया गया है। भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक है वर्षा जल के संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) की। जल संकट से निजात पाने के लिए एक मात्र उपाय है व्यर्थ बहन

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से दूर होगी जल संकट
दैनिक भास्कर की तिलक होली
Posted on 14 Mar, 2011 03:41 PM

पानी को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान में वैसे ही किल्लत है। ऊपर से होली पर पानी खर्च करने से किल्

जल विरासत की कहानी कहते जलाशय
Posted on 02 Mar, 2011 01:13 PM

यह किसी कल्पनालोक की कथा या फिर किसी कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि हकीकत है। याद करें साठ-सत्तर का दशक जब जीवन की अहम जरूरत जल छोटे-छोटे गांवों, कस्बों व शहरों के तालाब, नाड़ियों, सरों व कुओं में लबालब भरा रहता था। मनुष्यों की ही नहीं, पशु-पक्षियों तक की जल जरूरतें स्थानीय स्तर पर ही पूरी हो जाया करती थीं। इसके पीछे लोगों की वह मेहनत काम कर रही होती थी, जिसके बल पर जलाशयों का निर्माण कराया गया था

नींद में डूबे हुए-से ऊंघते-अनमने जंगल
Posted on 21 Feb, 2011 10:38 AM

भवानी प्रसाद मिश्र की मशहूर कविता जब बचपन में सुना-पढ़ा करता था तो सतपुड़ा के जंगलों को लेकर तरह-तरह की बातें मन में उठती थीं।

सतपुड़ा के घने जंगल,
नींद में डूबे हुए से,
ऊंघते-अनमने जंगल।

जीवनदायिनी नर्मदा के ‘दिल’ के साथ खिलवाड़
Posted on 22 Oct, 2010 12:20 PM

नदियों तक पानी पहुंचाने वाले 50 फीसदी तटीय क्षेत्र खत्म, एक अध्यन में खुलासा

भोपाल प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी खतरे में है। इसकी वजह है नर्मदा के तटीय क्षेत्रों का तेजी से खत्म होना। इन तटीय क्षेत्रों से ही पानी नर्मदा नदी में पहुंचता है, लेकिन एक ताजा अध्ययन के अनुसार प्रदेश में नर्मदा के 50 फीसदी तटीय क्षेत्र नष्ट हो चुके हैं। ऐसा इन तटीय क्षेत्रों पर अतिक्रमण की वजह से हुआ है।

पांडरपुरी के ग्रामीण बना रहे खंडी नदी में बाँध
Posted on 11 Jan, 2013 11:31 AM

छत्तीसगढ़ के एक गांव में डेढ़ सौ महिला-पुरुषों ने उठाया बीड़ा


श्रमदान कर खंडी नदी में बांध बनाने जुटे पांडरपुरी के ग्रामीणश्रमदान कर खंडी नदी में बांध बनाने जुटे पांडरपुरी के ग्रामीणप्रशासन की लगातार उपेक्षा के बाद गांव की निस्तारी की समस्या को हल करने ग्राम पांडरपुरी के ग्रामीणों ने 150 फीट चौड़ी खंडी नदी में श्रम दान कर अस्थाई बाँध बनाने का बीड़ा उठाया। ग्रामीणों ने 6 जनवरी से बाँध बनाने की शुरुआत भी कर दी है। सीमेंट की खाली बोरियों में रेत भर कर बनाए जा रहे इस अस्थाई बाँध में कोई रकम नहीं लगेगी बल्कि पुरा निर्माण श्रमदान से ही संपन्न होगा। इसके लिए गांव के 150 से अधिक महिला पुरुष जुट कार्य में जुटे हैं।
भू-जल के व्यावसायिक उपयोग पर पाबंदी
Posted on 05 Jan, 2011 10:32 AM

गुड़गांव. साइबर सिटी में औद्योगिक इकाइयां एवं होटल अब भू-जल का अत्यधिक दोहन नहीं कर सकेंगे। भू-जल के बेलगाम दोहन पर लगाम कसने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ट्यूबवेलों के व्यावसायिक प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

फिल्टरेशन पिट से बढ़ेगा कुओं का जल स्तर
Posted on 03 Jan, 2011 09:49 AM

वर्षा की कमी व अत्यधिक दोहन के कारण भू जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। इससे भू जल भंडारण में कमी हो रही है। इसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने नाबार्ड की सहायता से कूप पुनर्भरण योजना बनाई। इसमें कुएं के समीप फिल्ट्रेशन पिट बनाकर कुएं का जल स्तर बढ़ाया जाएगा। इस पिट में वर्षा का जल इकट्ठा किया जाएगा। इसका ग्राम पंचायत क्षेत्र सिलोरा में पहला प्रदर्शनीय प्लांट लगाने के लिए भू-जल विभाग के पदाध

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