पानी को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान में वैसे ही किल्लत है। ऊपर से होली पर पानी खर्च करने से किल्लत होनी तय है। सिर्फ होली पर ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी पानी की बचत करना जरूरी होगा वरना आने वाले समय पर लोगों को बूंद-बूंद को तरसना होगा।
गर्मी की दस्तक के साथ ही पानी को लेकर न सिर्फ सरकारी महकमे सचेत होने लगे हैं बल्कि आमजन भी चिंतित होने लगा है। मौजूदा जल की उपलब्धता, शहर में दिनों दिन बढ़ रही पानी की खपत और अंतराल को दूर करने के साधन तैयार नहीं हो पा रहे हैं। सर्दियों को देखते हुए तो शहर के तीन फिल्टर प्लांट मौजूदा जनसंख्या को जलापूर्ति करने में सक्षम हैं लेकिन गर्मी की दस्तक के कारण जलदाय विभाग के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। फिलहाल पानी की प्रति व्यक्ति खपत 135 लीटर माना जा रहा है और सर्दी में इतना पानी देने के लिए जलदाय विभाग सक्षम भी है लेकिन गर्मी में प्रति व्यक्ति पानी की खपत 150 लीटर हो जाएगी। इतना ही नहीं प्रत्येक उन घरों में 50 से 100 लीटर पानी की खपत भी बढ़ जाएगी जिन घरों में औसतन एक कूलर है। कुछ घरों में दो से तीन कूलर भी हैं। एक कूलर 24 घंटे में 50 लीटर तक पानी खर्च करता है इस कारण गर्मियों में पानी की अतिरिक्त खपत बढऩी तय है लेकिन अतिरिक्त पानी के आवक की दूर-दूर तक आशा नहीं है। कुल मिलाकर गर्मी के कारण अब पानी की खपत बढऩे वाली है। शहर में दो पानी के स्रोत हैं। एक बीछवाल जलाशय जहां से 73 एमएलडी और शोभासर जलाशय से 40 एमएलडी पानी आपूर्ति होती है। मार्च के प्रथम सप्ताह तक पानी इतनी ही मांग है लेकिन आने वाली गर्मी को देखते हुए पानी की खपत बढ़ेगी और उसके लिए लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा। हालांकि कंवरसेन लिफ्ट से फिलहाल 35 क्यूसेक पानी प्रतिदिन शोभासर जलाशय को मिल रहा है और इससे फिलहाल काम चलाया जा रहा है मगर अप्रैल में नहरों की सफाई होगी और इस दौरान नहरबंदी भी होनी है। इस कारण पानी की किल्लत आनी तय है मगर इसके बचाव के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी प्रयास करना होगा।
बीकानेर की कुल आनुमानित जनसंख्या - करीब सात लाख
औसतन प्रति व्यक्ति पानी की खपत - 135 लीटर
वर्तमान में मौजूद पानी की मौजूदगी - 130 लीटर
गर्मियों में प्रति व्यक्ति अतिरिक्त बढ़ेगी मांग - 150 लीटर
प्रत्येक परिवार में औसतन कूलर - एक से दो
कूलर 24 घंटे में खर्च करेगा पानी - 50 लीटर
तिलक होली मनाओ-पानी बचाओ
दैनिक भास्कर ने इस वर्ष भी पानी की किल्लत को देखते हुए तिलक होली का आह्वान किया है। राजस्थान और उसमें भी पश्चिमी राजस्थान के हालात पानी को लेकर विकट हैं। पूरे देश का एक प्रतिशत पानी राजस्थान में है। उसमें भी पश्चिमी राजस्थान में इससे भी कम। शुक्र है इंदिरा गांधी नहर परियोजना का जिससे लोगों की प्यास बुझ रही है वरना यहां पानी के बिना जनजीवन स्थापित होना मुश्किल था मगर स्थितियों को देखते हुए पानी की बचत अब भी जरूरी है। कुछ लोग गर्मियों में घरों के आगे पानी से छिड़काव करते हैं जिससे हजारों लीटर पानी की बर्बादी होती है। इसके अलावा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण भी लाखों लीटर पानी बर्बाद होता है। भास्कर ने स्थितियों को देखते हुए ही आमजनों से तिलक होली मनाने का आग्रह किया है।
होली पर चाहिए प्रति व्यक्ति 200 लीटर पानी
आम दिनों में 135 लीटर पानी का उपयोग करने वाले लोग होली के दिन 200 लीटर पानी खर्च करेंगे। जलदाय विभाग को होली के दिन विशेष जलापूर्ति करनी पड़ती है। इस एक दिन में दो बार जलापूर्ति करनी पड़ती है। यानी होली के दिन प्रति व्यक्ति करीब 60 से 65 लीटर पानी अतिरिक्त चाहिए। होली पर अतिरिक्त पानी जितना खर्च होता है उतने पानी से शहर की करीब साढ़े तीन लाख आबादी को एक दिन की जलापूर्ति की जा सकती है। पानी को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान में वैसे ही किल्लत है। ऊपर से होली पर पानी खर्च करने से किल्लत होनी तय है। सिर्फ होली पर ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी पानी की बचत करना जरूरी होगा वरना आने वाले समय पर लोगों को बूंद-बूंद को तरसना होगा।
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