आरएस तिवारी

आरएस तिवारी
11. अधोभूमि अवरोधक
Posted on 30 Jan, 2010 02:06 PM

: ऊपर से देखने पर इस संरचना में कुछ भी दिखाई नहीं देता। सब कुछ भूमि के अंदर होता है। इस संरचना द्वारा नदी-नालों की सतह से ढलान की ओर जाने वाली पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर डाइक के ऊपर की ओर भू-जल संग्रहण में वृद्धि की जाती है। डाइक के गहराई एवं चौडाई का निर्णय वहाँ की परिस्थिति के अनुसार किया जाता है।

10. रोक बाँध
Posted on 30 Jan, 2010 01:50 PM

ये नदी-नालों पर बनाए गए सीमेंट-कांक्रीट के पक्के अवरोधक है। इसके निर्माण में स्थल चयन का कार्य महत्वपूर्ण है। नदी-नालों के ऊपरी भाग में, जहाँ इनकी चौडाई और गहराई अधिकतम हो तथा इनके दोनों किनारे पक्के हों, वहाँ रोक बाँध का निर्माण किया जा सकता है, जिससे कि अधिक से अधिक जलराशि रोकी जा सके। एक ही नदी-नाले पर कई जगहों पर रोक बाँध का निर्माण किया जा सकता है। रोक बाँध के द्वारा बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई

रोक बाँध
9. रिचार्ज शॉफ्ट
Posted on 30 Jan, 2010 12:47 PM

यह संरचना विशेषतः उन क्षेत्रों में, जहाँ तालाब और नालों की तलहटी में काली मिट्टी की अपारगम्य परत का निर्माण होने से वर्षा का पानी ऊपर से बह जाता है। साथ ही उस क्षेत्र विशेष के कुओं का जलस्तर नीचे चला गया हो, वहाँ पर इसका निर्माण किया जाता है। इस संरचना में तालाब या नाले की सतह पर काली मिट्टी की अपारगम्य पर्त को पार कर पारगम्य चट्टानों तक खोदते हैं, जिसको धँसने से रोकने के लिए मजबूत लोहे की जाली

भू-जल का कृत्रिम पुनर्भरण
Posted on 30 Jan, 2010 09:51 AM

(Artificial Recharge of ground water)

ऐसे किया जा सकता है जल संग्रहण
Posted on 30 Jan, 2010 09:48 AM
सर्वत्र सुगमता से प्राप्त होने के कारण भूजल आदिकाल से सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रमुख स्रोत रहा है। सूखा एवं अकाल के समय यह स्रोत प्रमुख रूप से उपयोगी रहता है। साधारणतः भूजल रोगाणुरहित होने से पाने योग्य जल का सर्वोत्तम स्रोत है। ग्रामीण क्षेत्रों में 90 प्रतिशत से अधिक पेयजल स्रोत भूजल पर ही आधारित होते हैं। 50 से 80 प्रतिशत तक सिंचाई संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति भी इसी स्रोत द्वारा की जाती
×