ये नदी-नालों पर बनाए गए सीमेंट-कांक्रीट के पक्के अवरोधक है। इसके निर्माण में स्थल चयन का कार्य महत्वपूर्ण है। नदी-नालों के ऊपरी भाग में, जहाँ इनकी चौडाई और गहराई अधिकतम हो तथा इनके दोनों किनारे पक्के हों, वहाँ रोक बाँध का निर्माण किया जा सकता है, जिससे कि अधिक से अधिक जलराशि रोकी जा सके। एक ही नदी-नाले पर कई जगहों पर रोक बाँध का निर्माण किया जा सकता है। रोक बाँध के द्वारा बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पशुपालन तथा भूमिगत जल की वृद्धि की जा सकती है, ये दो प्रकार से बनाए जा सकते हैं-
(1) मेसोनरी स्टॉपडेम।
(2) दरवाजे वाले स्टॉपडेम।
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