यह संरचना विशेषतः उन क्षेत्रों में, जहाँ तालाब और नालों की तलहटी में काली मिट्टी की अपारगम्य परत का निर्माण होने से वर्षा का पानी ऊपर से बह जाता है। साथ ही उस क्षेत्र विशेष के कुओं का जलस्तर नीचे चला गया हो, वहाँ पर इसका निर्माण किया जाता है। इस संरचना में तालाब या नाले की सतह पर काली मिट्टी की अपारगम्य पर्त को पार कर पारगम्य चट्टानों तक खोदते हैं, जिसको धँसने से रोकने के लिए मजबूत लोहे की जाली लगाते हैं। सतह के ऊपर नाले या तालाब से अधिकतम जलस्तर से 0.5 मीटर नीचे एक पक्की संरचना तैयार की जाती है। इस शॉफ्ट में नीचे बोल्डर, ग्रेवल और ऊपर रेत भरते हैं। इस प्रकार इस संरचना द्वारा उस क्षेत्र में स्थित मृतप्राय कुओं और नलकूपों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। इस विधि में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि शॉफ्ट के ऊपरी हिस्से में भरी गई रेत में मिट्टी न भर जाए। अतः समय-समय पर रेत से मिट्टी निकालना आवश्यक है, वरना मिट्टी की पर्त पानी के रिसाव में अवरोध उत्पन्न करेगी।
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