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नदियां
गंगा: मेरी माँ
Posted on 14 Jan, 2016 02:03 PMनदियाँ, पर्वत-पठार एवं वन किसी भी राष्ट्र की अमूल्य धरोहरें हैं।
संस्कृतियों की जननी-नदियाँ
Posted on 05 Jan, 2016 02:36 PMनदी प्रकृति की विशिष्ट एवं सुरम्य रचना है। प्रकृति की यह अनुप
कतार में खड़े ढेरों ताप बिजली घर निहितार्थ और युक्तिसंगत बनाने की ज़रूरत
Posted on 12 Dec, 2015 01:58 PMभूमिका
मैं अड्यार बोल रही हूँ
Posted on 11 Dec, 2015 04:43 PM मैं अड्यार नदी हूँ, दक्षिण के महानगर चेन्नई की जीवनरेखा भी कहते हैं मुझे। मैं भी जीवनरेखा ही बनी रहना चाहती हूँ लेकिन लोग हैं कि अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिये मेरी रेखा को ही छोटा करते रहे हैं।
कभी भी नहीं चाहा था मैंने कि हवाई जहाज और ट्रेनें नावों की तरह मुझ पर बहती नजर आये। वे तो आसमान में और मुझ पर बनाए गए पुलों के ऊपर से गुजरती ही ठीक लगतीं हैं। मैनें कभी नहीं चाहा था कि यह महानगर टापू में तब्दील हो जाये और समुद्र का आर्थिक दोहन करते–करते सागर का ही एक हिस्सा नजर आने लगे।
आज हर शख्स मुझे देख कर डर रहा है, अपनी माँ को देखकर डर रहा है? मेरे इन बच्चों को मुझ पर तब दया नहीं आई जब मेरे पाट पर ही पूरा हवाई अड्डा तैयार किया जा रहा था। क्या स्मार्ट सिटी के रास्ते पर तेजी से दौड़ते इस शहर को नहीं पता कि पूरा महानगर ही नमभूमि और कच्छभूमि पर बसा है?
इसलिये ढह गया शिवनाथ नदी पर बना एनीकट
Posted on 11 Dec, 2015 10:39 AMनिर्माण कार्य में रेत और गिट्टी का उपयोग नहीं किया गया। कंक्रीट मिकगाँव को काटती नदी
Posted on 10 Dec, 2015 01:32 PMनदी कटान से प्रभावित लोगों की माँग है कि उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में न बसाया जाए। मौज
गंगा सफाई का छेड़ा अभियान
Posted on 10 Dec, 2015 01:26 PMहरिद्वार के युवाओं की इस टोली ने गंगा सफाई के लिये जो अभियान चलाया है, उसका प्रभाव गहरा होगा। ऐसी कोशिश देश के अन्य भागों में भी हो रही हैं। यदि गंगा सफाई का अभियान बड़े जन-अभियान का स्वरूप धारण कर ले तो निर्मल गंगा कोई असंभव कार्य नहीं रह जाएगा।
नदी और जल के सवाल पर दुनिया की साहसी महिलाओं का अभियान
Posted on 26 Nov, 2015 12:23 PMगंगा का सवाल पूरे देश के लिये महत्त्वपूर्ण सवाल है। एक ओर करोड़ों देशवासियों के आस्था का प्रतीक है। हमारे पर्व त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान नदियों के किनारे होते हैं। वहीं एक बड़ी आबादी की जीविका का आधार भी है। देश की तमाम नदियाँ कचरा ढोने वाले मालवाहक के रूप में तब्दील हो गई है। इससे जहाँ प्रदूषण का स्तर बढ़ा है और तरह-तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। वहीं