कृषि

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Meta Description
Agriculture, an important sector of our economy accounts for 14 per cent of the nation’s GDP and about 11 per cent of its exports. India has the second largest arable land base (159.7 million hectares) after US and largest gross irrigated area (88 milion hectares) in the world. Rice, wheat, cotton, oilseeds, jute, tea, sugarcane, milk and potatoes are the major agricultural commodities produced. More importantly, over 60 per cent of the country’s population, comprising several million small farming households, depends on agriculture as a principal income source and land continues to be the main asset for livelihood security. 
Meta Keywords
Flowers, trees
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Building the resilience of women farmers (Image: ICRISAT, Flcikr Commons)
हरी खाद का उपयोग करें, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ायें
Posted on 13 Aug, 2011 09:30 AM

वर्तमान समय में खेती में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं सीमित उपलब्धता को देखते हुये अन्य पर्याय भी उपयोग में लाना आवश्यक हो गया है तभी हम खेती की लागत को कम कर फसलों की प्रति एकड़ उपज को भी बढ़ा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी अगली पीढ़ी के लिये बरकरार रख सकेंगे। रसायनिक उर्वरकों के पर्याय के रूप में हम जैविक खादों जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद आदि को उपयोग कर सकते

हमारी कृषि नीतियों को खुद खाद की जरूरत
Posted on 13 Aug, 2011 08:44 AM

ऐसे प्रयासों से उन किसानों तक सही संदेश जायेगा जो फार्मयार्ड व हरी पत्ती वाली खाद के इस्तेमाल

जैविक खेती का खेल
Posted on 12 Aug, 2011 01:41 PM

गाय को जैविक खेती का आधार बनाने से खेती में किसान की लागत भी शून्य हो जाती है और उसे अच्छी फसल

कम्पोस्ट खाद \\नाडेप कम्पोस्ट खाद बनायें
Posted on 09 Aug, 2011 04:19 PM

अपने खेत से आने वाले सभी प्रकार के पुआल घास, खरपतवार पत्तियां, घर का झाडन एंव पशुओं के गोबर को जलाये नहीं बल्कि इकट्ठा करके पेड़ो की छाया मे या नाडेप गड्ढे मे कम्पोस्ट खाद बनाये |
 

कीटनाशकों के बिना खेती
Posted on 09 Aug, 2011 03:55 PM

आखिरकार भारतीय खेती के प्रदूषित और अंधियारे क्षितिज पर आशा की एक सुनहरी किरण चमक ही गई। आंध्र प्रदेश को प्रधानमंत्री सहायता कोष से 182 करोड़ रुपए की राशि मिली है, जिससे वह हरित क्रांति की कुछ भयंकर भूलों में सुधार करेगा यानि अवांछित रासायनिक कीटनाशकों से छुटकारा पाएगा। कोई कीटनाशक नहीं, कोई बीटी काटन नहीं और कोई कीट भी नहीं। यही रास्ता है नुकसानदायक कीटनाशकों की ओवरडोज खपाने वाले लाखों किसानों

कुदरती खेती करेगा तो किसान मजदूर नहीं बनेगा
Posted on 09 Aug, 2011 03:30 PM

पंजाब में इस समय नए रचनात्मक कृषि सृजन का शंखनाद हो चुका है। खेती विरासत मिशन रासायनिक कृषि के बुरे नजीते भुगत रहे पंजाब के किसानों को नया विचार, नया जीवन व नया संसार देने के लिए प्रयासरत है। पिछले ढाई वर्षों में यह आंदोलन तेजी से कामयाबी की ओर बढ़ा है। शुरू-शुरू में इस आंदोलन के विचार को गए जमाने की बात बता कर इस पर हंसने वाले भी अब इसकी ताकत को समझने व स्वीकारने लगे हैं। यह उस महान व्यक्ति की

सेबों से बनेगी खाद
Posted on 09 Aug, 2011 03:12 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार बर्बाद सेबों का उपयोग खाद बनाने के लिए करेगी। किसानों से खरीदे गये सेबों में से संग्रहण केन्द्रों पर 10 प्रतिशत से भी ज्यादा सेब सड़ जाते हैं। बागवानी विभाग के निदेशक गुरूदेव सिंह ने बताया कि प्रदेश का बागवानी विभाग सड़ रहे सेबों से खाद (उर्वरक) बनाने के मकसद से तकनीकी सहयोग के लिए वाइ एस परमार बागवानी और वन विभाग के साथ संपर्क में है।

आर्गेनिक खाद पर मिले ज्यादा सबसिडी
Posted on 09 Aug, 2011 02:49 PM

नई दिल्ली — पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस ने पारिस्थितिकी के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2011-12 के बजट में रासायनिक की बजाय आर्गेनिक खाद को सबसिडी बढ़ाने तथा स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा में ज्यादा से ज्यादा राशि आबंटित करने की मांग की है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ बजट पूर्व सलाह मशविरे में ग्रीनपीस ने सुझाव दिया है कि वित्तीय नीति निर्धारण

vermi compost
सफलता की कहानी, अरुण पंडित, गाँव: अझौला, जिला: बेगुसराय
Posted on 09 Aug, 2011 01:37 PM

हर किसी का झुकाव नौकरी कि ओर होता है नौकरी से थक हार कर खेती का विचार पनपता है। इसी राह पर चल रहे हैं बेगुसराय जिले के अझौर गाँव के अरुण पंडित। खेती प्रारंभ करने से पूर्व अरुण पंडित कई शहरो की खाक छान मजदूरी करते-करते थक गए। कही परिश्रम से कम पैसा तो कहीं समय पर मजदूरी नहीं चारो ओर समस्याए ही समस्याए, समाधान कोसों दूर। खैर, करते ही क्या?

कृमि खाद
Posted on 09 Aug, 2011 01:32 PM

अपशिष्ट या कूड़ा-करकट का मतलब है इधर-उधर बिखरे हुए संसाधन। बड़ी संख्या में कार्बनिक पदार्थ कृषि गतिविधियों, डेयरी फार्म और पशुओं से प्राप्त होते हैं जिसे घर के बाहर एक कोने में जमा किया जाता है। जहाँ वह सड़-गल कर दुर्गंध फैलाता है। इस महत्वपूर्ण संसाधन को मूल्य आधारित तैयार माल के रूप में अर्थात् खाद के रूप में परिवर्तित कर उपयोग में लाया जा सकता है। कार्बनिक अपशिष्ट का खाद के रूप में परिवर्तन

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