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झीलें, तालाब और आर्द्रभूमि
हरपुर बोचहा प्राकृतिक आपदा को बनाया वरदान
Posted on 21 Dec, 2015 11:06 AMपंचायत का एक भी गाँव ऐसा नहीं है, जहाँ तालाब और मन्दिर न हो। यह पुधीमी मौत मर रहा है बड़ा तालाब
Posted on 20 Dec, 2015 10:57 AMगन्दे नालों से आ रही गन्दगी और खेतों की रासायनिक खाद के कारण न केवल भोपाल के मशहूर बड़े तालाब का पानी खराब हो रहा है बल्कि जलीय जीवों के लिये भी खतरा पैदा हो गया है।
तकरीबन 35 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला और 362 वर्ग किलोमीटर जल भराव क्षेत्र वाला भोपाल का बड़ा तालाब शहर के कई मोहल्लों की नालियों की गन्दगी अपने आप में समेटता हुआ धीमी मौत की ओर बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पर्यटकों और पक्षियों को समान रूप से प्रिय इस तालाब से ही शहर की तकरीबन 40 फीसदी आबादी को पेयजल की आपूर्ति की जाती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया कि भोपाल शहर के नेहरू नगर, नया बसेरा, खानुगाँव, हलालपुरा, संजय नगर, राजेन्द्र नगर और बैरागढ़ समेत नौ नालों की गन्दगी लम्बे समय से लगातार बड़े तालाब में मिल रही है।
बच्चों ने रखी तालाब पर ‘स्वच्छता की पाठशाला’
Posted on 15 Dec, 2015 11:51 AM1. एसडीएम एवं नागरिकों से पूछे तीखे सवाल2. नुक्कड़ नाटक कर पढ़ाया स्वच्छता का पाठ
जालौन में तालाबों पर अतिक्रमण, उच्च न्यायालय में पीआईएल नतीजा शिफ़र
Posted on 26 Nov, 2015 02:10 PM
1. नगर में 36 तालाब, अतिक्रमण से कोई अछूता नहीं
2. 2008 में दाखिल हुई पीआईएल
दिल्ली सचिवालय का सदाबहार तालाब
Posted on 03 Nov, 2015 09:54 AMतालाब में इकट्ठे पानी का मुख्य स्रोत वर्षाजल एवं यमुना से आने वालातालाबों के संरक्षण का सरकारी तरीका
Posted on 03 Nov, 2015 09:25 AM दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली के तालाबों, जलाशयों, झीलों और बावड़ियों की स्थिति रिपोर्ट और उनके संरक्षण के लिये सरकार की नीति एवं उठाए गए कदम की जानकारी माँगी थी। उसके बाद दिल्ली में तालाबों एवं जलाशयों की स्थिति पर एक सर्वेक्षण कराया गया। सर्वेक्षण में कई तालाब लुप्त हो चुके थे।
पानीदार बुन्देलखण्ड सूख रहा है
Posted on 12 Oct, 2015 09:04 AMइंटरनेशनल नेचुरल डिजास्टर रिडक्शन दिवस, 13 अक्टूबर 2015 पर विशेष
पड़ाई धारा संरक्षण एवं संवर्धन-एक पहल
Posted on 03 Sep, 2015 03:18 PMवर्तमान में जल स्रोत के नियमित प्रबन्धन व रखरखाव से प्रत्येक परिवार को बिना इन्तजार किये शुद्ध पेयजल मिल रहा है तथा पानी के संग्रहण हेतु टैंक का प्रयोग करने से महिलाओं के समय की बचत हो रही है, साथ ही साथ पशुओं के पानी पीने की अलग से व्यवस्था करने से पशुओं को भी शुद्ध जल प्राप्त हो रहा है।
पड़ाई गाँव अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लाक में स्थित एक छोटा से गाँव है जिसमें रहने वाले परिवारों की कुल संख्या 23 है। इस गाँव का एक मात्र जल स्रोत गाँव से तीन सौ मीटर नीचे की तरफ स्थित है। इस स्रोत पर पड़ाई के 23 परिवारों के अलावा निकटवर्ती गाँव खूना के 20 परिवार गर्मियों में पेजयल एवं अन्य घरेलू उपयोग हेतु निर्भर रहते हैं। ग्रामवासियों के अनुसार 50 वर्ष पूर्व यह स्रोत नौले के रूप में था जो कि भू-स्खलन से दब गया, जिसे बाद में खोद कर धारा बना दिया गया। किन्तु इस धारे की निरन्तर उपेक्षा एवं कुप्रबन्धन के कारण इसमें पानी का प्रवाह काफी कम हो गया था, जिससे गाँव में जल संकट काफी गहरा गया था। गाँव का एक परिवार जब अपने जानवरों को पानी पिलाकर लाता था तभी दूसरा परिवार अपने जानवरों को पानी पिलाने जा पाता था। स्रोत के आस-पास कीचड़ व गन्दगी हो जाने के कारण गर्मी के मौसम में अनेक बीमारियाँ फैल जाती थी।दिल्ली के तालाबों में कंक्रीट के जंगल
Posted on 03 Sep, 2015 11:56 AM दिल्ली में पानी की कमी है। दूसरे राज्यों से आने वाला पानी दिल्ली की प्यास बुझाता है। एक समय था जब दिल्ली में पानी की कोई कमी नहीं थी। दिल्ली के शासकों ने भी शहर में बड़े-बड़े तालाब और झील बनवाए थे। नीला हौज, हौज खास, भलस्वा और दक्षिणी दिल्ली रिज में कई बड़े झील थे। तब दिल्ली के तालाबों और झीलों में लबालब पानी भरा होता था जो पीने और सिंचाई के काम आता था। लेकखत्म होने के कगार पर कांवर झील
Posted on 27 Aug, 2015 11:49 AMउत्तर बिहार के बेगूसराय का कांवर झील प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के कारण प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों का आश्रय स्थल है। वह अब खत्म होने के कगार पर है। यह न सिर्फ अनुकूल जलवायु और वातावरण के कारण पक्षियों का पसंदीदा स्थान है। मौजूदा समय में यह प्रकृति और मानवीय संम्बधों की तलाश कर रहा है।