Kritsnam where engineering meets hydrology, founded by K. Sri Harsha focuses on developing accurate, easy to install, tamper-proof, and weather-proof smart water metering solutions to deal with the growing water crisis in India.
The rising trend of abandoning open wells for borewells in Chikkaballapur and Annamayya districts, and the potential negative consequences of this shift.
बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:09 PM पंचायत समिति, भीनमाल (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 13 Nov, 2015 12:06 PM पंचायत समिति, आहोर (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:55 PM पंचायत समिति, लक्ष्मणगढ़ (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:53 PM पंचायत समिति, खण्डेला (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:50 PM पंचायत समिति, श्रीमाधोपुर (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:31 PM पंचायत समिति, पिपराली (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 12:23 PM पंचायत समिति, नीम का थाना (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 11:40 AM पंचायत समिति, धोद (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 11:37 AM पंचायत समिति, दाँतारामगढ़ (जिला सीकर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सीकर जिले में 3956 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 3140 मिलियन घनमीटर रह गई है।
भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 12 Nov, 2015 11:35 AM पंचायत समिति, सवाई माधोपुर (जिला सवाई माधोपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा सवाई माधोपुर जिले में 1783 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 1497 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।