भंडारण और आपूर्ति

Term Path Alias

/topics/storage-and-supply

Featured Articles
December 29, 2020 Water resources in most Indian cities are overworked and overused, and not adequately replenished.
Cities in India are marked by unequal distribution of water, lack of access, outdated infrastructure and minimal enforcement of rainwater harvesting and other means of supply. (Image: Anish Roy, Pixabay)
November 8, 2020 The National Hydrology Project has created a national platform for water data and is working to enhance the technical capacities of agencies dealing with water resources management.
Breakthrough cloud computing facilities and remote sensing applications have helped showthe filling pattern of a water body (tank or reservoir) through freely available satellite imagery at an interval of five days.  (Image: Maithan dam, Wikimedia Commons)
December 26, 2019 Policy matters this week
The Mandovi river disputed between Karnataka and Goa (Source: IWP Flickr Photos)
December 4, 2019 To adapt well & build resilience, climate change strategies need to factor in efforts towards water security, writes Vanita Suneja, Regional Advocacy Manager (South Asia), WaterAid.
Image credit: WaterAid/Prashanth Vishwanathan
November 18, 2019 Bangalore's water utility is understaffed, under financed and unable to service the city's water needs.
Image credit: Citizen Matters
नैनीताल के विकास का इतिहास
जानिए ब्रिटिश सरकार का नैनीताल की ज्वलंत समस्याओं से निपटने और नैनीताल के विकास को गति देने की दिशा में क्या योगदान रहा | Know about the contribution of the British government towards tackling the burning problems of Nainital and accelerating the development of Nainital Posted on 04 Mar, 2024 04:40 PM

1890 में नैनीताल प्रोपराइटर्स एसोसिएशन' बनी। पलीडवुड विलियम्स इसके अध्यक्ष बने। एसोसिएशन ने नैनीताल के विकास में चेतन्य एवं प्रमा हस्तक्षेप किया। नैनीताल प्रोपराइटर्स एसोसिएशन की सक्रिय पहल से तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और नगर पालिका कमेटी को यहाँ की ज्वलंत समस्याओं से निपटने और नैनीताल के विकास को गति देने की दिशा में जरूरी कदम उठाने पर बाध्य होना पड़ा था। एसोसिएशन की 18 अक्टूबर, 1890 को पहली बैठक

नैनीताल के विकास का इतिहास
भूजल पुनर्भरण एवं प्रबंधन
भूजल प्रबंधन के विभिन्न उपायों एवं पुनर्भरण की विधियों के बारे में विस्तार से समझें | Understand the various measures of groundwater management and methods of recharge. Posted on 17 Jan, 2024 03:03 PM

हमारे देश में हरित क्रांति के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भूजल संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर सिंचित भूमि के 60% से अधिक भू-भाग पर सिंचाई भूजल द्वारा होती है। वर्षा का अधिकतर जल, सतह की सामान्य ढालों से होता हुआ नदियों में जाता है तथा उसके बाद सागर में मिल जाता है। वर्षा के इस बहुमूल्य जल का भूजल के रूप में संचयन अति आवश्यक है। भूजल, कुएँ, नलकूप आदि साधनों द्वारा

भूजल पुनर्भरण एवं प्रबंधन
भारत में जल प्रबंधन की संभावनाएं और चुनौतियां : एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Prospects and challenges of water management in India: A scientific approach)
सामाजिक-आर्थिक प्रक्रियाओं में बदलाव और जनसंख्या में वृद्धि के कारण पिछले कुछ दशकों में भारत में पानी की मांग बढ़ रही है।भारत के जल संसाधनों के सतत, न्याय संगत और कुशल प्रबंधन को विकसित करने में कई चुनौतियाँ हैं। पहला, विभिन्न क्षेत्रों में पानी की मांग, प्रकृति और गुणवत्ता दूसरा प्रौद्योगिकी चुनौतियां। Posted on 14 Oct, 2023 01:25 PM

सारांश 

पूरे भू-गर्भीय युग में भारत एक जल कुशल देश रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के कई हिस्सों में पानी की कमी के कारण अभूतपूर्व घटनाएँ हुई हैं। सामाजिक-आर्थिक प्रक्रियाओं में बदलाव और जनसंख्या में वृद्धि के कारण पिछले कुछ दशकों में भारत में पानी की मांग बढ़ रही है। भू-जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिससे जल स्तर गिरता जा रहा है और भूजल की

भू-जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन
×