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कार्यक्रम
डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन की कृषि-जल संबंधी मुद्दों के नवाचार-स्केलेबल समाधानों के लिए करोड़ों के पुरस्कार की घोषणा
Posted on 18 Jul, 2023 05:05 PMडीसीएम श्रीराम फाउंडेशन और द/नज इंस्टीट्यूट ने कृषिजल संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए 2.6 करोड़ रुपये के प्राइज चैलेंज की घोषणा की है। डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन के अध्यक्ष अमन पन्नू ने चैलेंज की घोषणा करते हुए कहा कि, “बड़े पैमाने पर पानी के संरक्षण के उद्देश्य से किए गए किसी भी प्रयास को कृषि की जरूरतों के साथ निकटता से जोड़ना चाहिए।” इसी को ध्यान में रखकर डीसीएम श्रीराम अगवाटर चैलेंज को द/नज इं
![डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन एग्री-वाटर चैलेंज,PC-DCM](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/Dcm%20SriramFoundation.png?itok=5Tx7tK_l)
एक दिवसीय नदी संवाद संगोष्ठी का आयोजन
Posted on 23 Jun, 2023 12:41 PMनदियां हमारी आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का आधार है। भोग पर आधारित आधुनिक विकास नीति एवं समाज की उपेक्षा के कारण नदियां आज अपने अस्तित्व का संकट झेल रही हैं। सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित हुई है, लेकिन आधुनिक सभ्यता नदियों को मार रही है। नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। इन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करना आज का युग धर्म है। इसलिए नदियों को बचाने व पुनर्जीवित करने के लिए अनेक व्यक्ति व
![एक दिवसीय नदी संवाद संगोष्ठी का आयोजन,PC-FREEPIC](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8_0.png?itok=QEXGBpqp)
जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए NAPM का राष्ट्रीय सम्मेलन
Posted on 14 Mar, 2023 12:37 PMप्रिय साथियो,
जिदाबाद!
![जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए NAPM का राष्ट्रीय सम्मेलन,Pc-sabrangindia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-03/NAPM.jpeg?itok=QoWAh3dB)
गंगा महाबैठक का निमंत्रण
Posted on 11 Feb, 2023 12:37 PMहम सब मां गंगा की मुनाफाखोरों के हाथों हो रही निरंतर निरंकुश अवैज्ञानिक क्षति रोकने के लिए अथक कार्यरत हैं। ताकि मां गंगा की त्रासदी निवारण हो सके और आने वाली पीढ़ियों की संपदा बचाई जा सके। यह भी सत्य है कि हम सब के निजी और संस्था के प्रयत्नों का निचोड़ यही है कि मां गंगा की त्रासदी निरंकुश बढ़ती जा रही है।
![फोटो साभार - सचिन सिंह](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-02/sachin-singh-xBj61v5PiHU-unsplash.jpg?itok=qLqXDNsd)
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं के मुद्दे पर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
Posted on 07 Feb, 2023 10:24 AMदिनांक : 12 - 14 फरवरी 2023
स्थान - मातृ सदन, जगजीतपुर, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखण्ड (भारत) 249408
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिए देश-विदेश से कई गणमान्य हिस्सा लेने पहुँच रहे हैं। सम्मेलन में तीन सत्र हैं और तीनों में अलग अलग पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
![मातृ सदन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-02/matri_Sadan.jpg?itok=OnTBgDIo)
यूपी के किसानों को मिलेगी मुफ्त सिंचाई सुविधा
Posted on 14 Dec, 2022 12:54 PMउत्तरप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दूसरे कार्यकाल के अपने वित्तीय बजट में राज्य में 15,000 नए सोलर पंप लगाने की घोषणा की है यह प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान योजना के तहत किसानों को मुफ्त सिंचाई प्रदान करने के लिए किया गया है
![यूपी के किसानों को मिलेगी मुफ्त सिंचाई सुविधा,फोटो- flickerIndiawaterportal](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%AA%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80%20%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%AB%E0%A5%8D%E0%A4%A4%20%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%20.png?itok=hygFF99G)
जन, जल, जंगल, ज़मीन को समर्पित लखनऊ का संगठन लोकभारती
Posted on 11 Dec, 2022 10:17 AMप्रकृति के एक चक्र के टूटने से अनेक चक्र टूटते हैं, जैसे परस्पर सहकार, स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, मानवता और वसुधैव कुटुंबकम की श्रेष्ठ भावना। किसमें निहित है शोषण नहीं पोषण, भोग नहीं उपभोग, सहअस्तित्व, प्रकृति से जितना लेना, उतना लौटाना और सबसे महत्वपूर्ण है शाश्वतता का सिद्धांत, जिसे आधुनिक विकास ने पूर्णतः ध्वस्त किया, अब सस्टेनेबल की खोज में लगे हैं।
![कुकरैल नदी संरक्षण अभियान, फोटो साभार - लोकभारती](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/IMG-20221210-WA0039.jpg?itok=WcAG9OVs)