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जी 20 और जलवायु: भारत दिखाएगा अपनी करिश्माई नीति निर्माण शक्ति
वैश्विक नीति निर्माण की दशा और दिशा बदलने वाली इस बैठक पर रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस बैठक से परहेज करने के हाल के निर्णय असर डालेगा। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के भरसक प्रयासों के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की गैर-मौजूदगी से इस समिट की कामयाबी पर शंका के बादल छा गये हैं। Posted on 09 Sep, 2023 03:34 PM

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत की सरकार ने साल 2021 में पूरी दुनिया को तब चौंका दिया था जब हमारे प्रधानमंत्री ने देश को साल 2070 तक नेट जीरो राष्ट्र बनाने की योजना का ऐलान कर दिया था।इस घोषणा का असर कुछ ऐसा हुआ कि अब जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के जोखिमों से घिरी अर्थव्यवस्थाओं को कर्ज देने के ढांचे में बदलाव कर उन्हें प्राथमिकता देने का एक माहौल तैयार हुआ है। फिलहाल भारत कि अध्यक्ष

भारत दिखाएगा अपनी करिश्माई नीति निर्माण शक्ति,वैश्विक पवन ऊर्जा का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है भारत,PC-(FB Narendra Modi)
स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ते कदम
भारत सरकार ने देश की वृद्धि के साथ पर्यावरणीय प्रबंधन को जोड़ने और उसके बीच संतुलन बनाए रखने की योजना तैयार की है, जिससे वर्ष 2024- 25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने के साथ-साथ वर्ष 2030 तक देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा दिलाया जा सके। Posted on 09 Sep, 2023 03:23 PM

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने अपने भाषण में व्यक्त किया था कि पर्यावरण देश की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और हमने वर्तमान एवं भविष्य की जरूरतों को संतुलित रखते हुए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को सुरक्षित करने के लिए एक स्पष्ट दिशानिर्देश यानी रोडमैप तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया है। कि जहां भारत निर्धन वर्ग को सहायता प्रदान कर रहा है, वह

स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ते कदम
जलवायु परिवर्तन के कारण समंदर हरे हो रहे हैं
ये बदलाव जलवायु परिवर्तन के कारण हुए हैं, यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने अपने अवलोकनों की तुलना एक ऐसे जलवायु मॉडल से की जो बताता है कि ग्रीनहाउस गैस बढ़ने पर समुद्र पारिस्थितिकी तंत्र में किस तरह के बदलाव आएंगे। तुलना में उन्होंने पाया कि मॉडल के नतीजे और उनके अवलोकन मेल खाते हैं।वास्तविक कारण पता लगाना बाकी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि संभवतः यह समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि का सीधा प्रभाव नहीं है Posted on 09 Sep, 2023 03:12 PM

पिछले दिनों नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले 20 सालों में दुनिया के आधे से अधिक समंदर पहले से अधिक 'हरे' हो गए हैं और इसका कारण संभवतः बढ़ता तापमान है । समंदरों का रंग कई कारणों से बदल सकता है। जैसे जब पोषक तत्व गहराई से ऊपर आते हैं तो इनके पोषण से पादप प्लवक (फाइटोप्लांकटन) फलते-फूलते हैं । इन फाइटोप्लांकटन में हरा रंजक क्लोरोफिल होता है। तो, सागरों की सतह से परावर्तित सू

जलवायु परिवर्तन के कारण समंदर हरे हो रहे हैं
राजस्थान : गायब होते गोचर की लड़ाई
देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में गोचर को बचाने का बड़ा मुद्दा है। पिछले साल गायों के प्रति आदर भाव रखने वाले लोगों ने लंबे अरसे तक आंदोलन करके सरकार को उस फैसले को ठंडे बस्ते में डालने पर मजबूर किया था Posted on 09 Sep, 2023 03:03 PM

राजस्थान हमारे देश में पशुपालन के लिए जाना जाता है, लेकिन आजकल इसी पशुपालन के लिए सबसे जरूरी चारागाहों को लेकर भारी बवाल मचा है। एक तरफ, जमीन की लगातार बढ़ती 'भूख' है तो दूसरी तरफ, दुधारू, खेतिहर पशुओं के लिए चारा । इन दोनों जरूरतों से जुड़े हितग्राही अपने-अपने हितों को लेकर आंदोलनरत हैं। राजस्थान में गोचर भूमि को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है। लंबे समय से लगातार हो रहे अतिक्रमणों के कारण ग

गायब होते गोचर की लड़ाई
क्या हिमालय दिवस का विचार केवल चिंता करने तक सीमित था ?
केंद्र की सरकार एक मजबूत केंद्रीय हिमालय नीति बनाने के लिए हिमालय का मंत्रालय तो बनाएगा ही साथ ही हिमालय के पृथक विकास के मॉडल को निर्धारित करने के लिए आमजन द्वारा प्रस्तुत की गई हिमालय लोक नीति के सुझाव के अनुरूप हिमालय नीति का निर्धारण करेगी।  Posted on 09 Sep, 2023 02:56 PM

हिमालय के संवेदनशील पर्यावरण के लिए चिंतित देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओ और पर्यावरणविदों ने मिलकर देहरादून स्थित हैस्को केंद्र शुक्लापुर में 2010 मे एक बैठक की थी। जिसमें हर वर्ष 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। जब यह विचार आया तो हम काफी उत्साहित थे कि हिमालय की गंभीर समस्याओं को लेकर हिमालय दिवस के अवसर पर राज समाज को साथ लेकर यहां के ज्वलंत मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान

हिमालय दिवस
पर्यावरण परिक्रमा(environmental revolution)
उत्तराखंड के चमोली में सीवेज राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) शोधन संयंत्र (एसटीपी) हादसे के बाद अब देश के 10 राज्यों में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बनाए गए सभी एसटीपी का आडिट कराने जा रहा है। इसमें एसटीपी में विद्युत सुरक्षा मानकों के साथ ममें तमाम बिंदुओं पर स्थिति की जानकारी जाएगी। Posted on 09 Sep, 2023 02:38 PM

अंतरिक्ष के कचरे का इसरो ने खोजा समाधान

अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने समाधान खोज निकाला है। इसरो ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी 56 ) को प्रक्षेपित कर सिंगापुर के सात उपग्रहों को ऊंची कक्षा में स्थापित किया। इसके बाद रॉकेट के चौथे चरण को 300 किलोमीटर की निचली कक्षा में लाने के प्रयोग में भी सफलता प्राप्त की है।

पर्यावरण परिक्रमा
देश में बाघों का अमृतकाल
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को जारी इन आंकड़ों से प्रसन्न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाघ का पुनर्स्थापन कठिन काम है । यह समाज के सहयोग के बिना संभव ही नहीं है। अतएव हम सब भावी पीढ़ियों के लिए  प्रकृति संरक्षण का एक बार फिर संकल्प लें। बाघों की यह गिनती 'कैमरा ट्रैपिंग पद्धति से की गई है। Posted on 06 Sep, 2023 05:10 PM

मध्यप्रदेश एक बार फिर 'बाघ राज्य' यानी टाइगर स्टेट के नाम से जाना जाएगा। यहां बाघों की आबादी 526 से बढ़कर 785 पहुंच गई है। जो सभी प्रांतों में सबसे ज्यादा है। केन्द्रीय वन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2022 जारी कर राज्यवार और बाघ आरक्षित क्षेत्र वार बाघों की वर्तमान में मौजूद संख्या के आंकड़े जारी किए हैं।

देश में बाघों का अमृतकाल
महासागरों का प्रबंधन जल जगत
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए यह कहना गलत न होगा कि भविष्य में हमारा विकास और समृद्धि समंदरों पर निर्भर रहेगी। इनके महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में टिकाऊ विकास सम्बंधी सम्मेलन में हरित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाकर नीली अर्थव्यवस्था तक ले जाने पर ज़ोर दिया था। संयुक्त राष्ट्र ने महासागरों, सागरों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण को निर्वहनीय विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में शामिल किया है। Posted on 06 Sep, 2023 04:29 PM

जीवन की उत्पत्ति समंदर में हुई थी। यह अकेला सबसे प्रमुख कारण है कि क्यों समुद्री पर्यावरण की रक्षा की जानी चाहिए। समंदर हमें भोजन, ऊर्जा, खनिज संसाधन तो प्रदान करते ही हैं साथ ही ये जैव विविधता के भंडार भी हैं। ये मौसम और जलवायु को प्रभावित करते हैं और पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करते हैं। इसके अलावा यही समंदर जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा के मुख्य स्रोत हैं और विश्

महासागरों का प्रबंधन जल जगत
उरुग्वे में जल आपातकाल हमारा भूमण्डल
लंबे समय से सूखे के कारण पानी की आपूर्ति करने वाले विभाग को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। यह सब तब हुआ जबकि उरुग्वे दुनिया के सबसे स्वच्छ, सबसे प्रचुर जलस्रोतों वाले देशों में से एक है। वर्ष 2004 में उरुग्वे ने पानी को निजीकरण से बचाने के लिए संविधान में संशोधन किया था और देश में पानी एक मौलिक मानव अधिकार के रूप में चिन्हित किया गया था । Posted on 06 Sep, 2023 04:16 PM

अपनी बेहतरीन फुटबॉल टीम के कारण दुनिया भर में पहचाना जाने वाला दक्षिण अमेरिका का साढे चौंतीस लाख आबादी वाला छोटा सा देश उरुग्वे अब पानी के भीषण संकट से दो-चार है। पानी की यह बदहाली उस देश में हो रही है जहां अभी दो दशक पहले बाकायदा कानून बनाकर पानी के निजीकरण को रोका और उसे मौलिक मानवाधिकार बनाया गया था।

उरुग्वे में जल आपातकाल हमारा भूमण्डल,Pc-पर्यावरण डाइजेस्ट
घायल पर्यावरण को बचाने की गुहार
पृथ्वी पर जीवन कैसे पनपा, उसका विकास और इसमें मानव का क्या स्थान है? प्राचीन काल में अनेक भीमकाय जीव (डायना सोर) विलुप्त क्यों हो गए क्योंकि वह प्रकृति के अनुकूल जीव नहीं था इसलिए अंतरिक्ष से आये उल्का प्रपात ने उनको नष्ट कर दिया और इस पैमाने को मानदंड बनाया जाए तो इस दृष्टि से क्या अनेक वर्तमान वन्यजीवों के लोप होने की आशंका है। क्या मानव को भी कहीं प्रकृति नकार न दें? यदि वन्य जीव भू-मंडल पर न रहें, तो पर्यावरण पर तथा मनुष्य के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ेगा? तेजी से बढ़ती हुई आबादी की प्रतिक्रिया वन्य जीवों पर क्या हो सकती हैं आदि प्रश्न गहन चिंतन और अध्ययन के हैं। Posted on 06 Sep, 2023 12:23 PM

प्रकृति पंच तत्वों के बिना अधूरी है पंच तत्व अर्थात् पानी, हवा, नभ, अग्नि और भूमि ये तत्व ही सृष्टि का संचालन करते हैं। इनके बिना प्रकृति अधूरी है। इस विश्व में खुशहाल देश वही हुए हैं जहां पानी, हवा और भूमि का संरक्षण किया जाता है। हमारा देश भारत वनों, वन्यजीवों एवं विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। समस्त विश्व में अत्यंत ही अदभुत तथा आकर्षक वन्यजीव पाए जाते हैं। हमारे देश में भी

घायल पर्यावरण को बचाने की गुहार
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