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समाचार और आलेख
जलप्रबंधन का सामाजिक - ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य कोशी क्षेत्र के सन्दर्भ में
Posted on 15 Nov, 2023 01:19 PMवैसे तो कोशी क्षेत्र जल के मामले में हमेशा से आत्मनिर्भर रहा है लेकिन कभी-कभी अत्याधिक आत्मनिर्भरता भी नई त्रासदी को जन्म दे देता है। कोशी क्षेत्र में फैले अकुत जल संपदा का अगर सही प्रबंधन नहीं किया जाता तो आज कोशी वासी पहले की अपेक्षा कोशी की क्रूरता से ज्यादा विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होते। प्राथमिक स्रोत जो कि अधिक प्रामाणिक और महत्वपूर्ण होते हैं के आधार पर 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में
शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत (Need for water resources management for pure water)
Posted on 15 Nov, 2023 12:21 PMधरती पर 70% हिस्से में पानी है। जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0-0.001% जलवाष्प और बादल के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटियों में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों मे 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकियों, जै
भूगर्भ जल दोहन : समस्या और समाधान (Ground water exploitation: problem and solution in Hindi)
Posted on 15 Nov, 2023 12:11 PMभारत विश्व में भूगर्भ जल दोहन करने वाले देशों में सबसे अग्रणी है। पृथ्वी के गर्भ से जल खींचने वाले विश्व के समस्त देशों में भारत प्रथम स्थान पर, दूसरे स्थान पर चीन तथा तीसरे स्थान पर अमेरिका है। आश्चर्य और कौतूहल का विषय है कि चीन और अमेरिका दोनों देशों को जितना भूगर्भ जल प्राप्त होता है, उससे भी ज्यादा अकेले भूगर्भ जल का दोहन भारत करता है। देश में भूगर्भ जल से ही स्वच्छ जल की पूर्ति होती है। य
हाथ धोने की आदत विकसित करने में मददगार हैं ये नवाचार
Posted on 14 Nov, 2023 03:32 PMसाबुन से हाथ धोना कई बीमारियों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है। जागरूकता के बावजूद, हाथों की उचित स्वच्छता की आदत का अभाव होने के कारण इसका पालन नहीं किया जाता है। दुनिया के कई देशों में पानी की कमी है तो कहीं साबुन की उपलब्धता नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 30 हजार महिलाओं और 4 लाख बच्चों को हाइजीन के कारण 1.
पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तकें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के नजरिए से विश्लेषण
Posted on 14 Nov, 2023 02:55 PMभारत में स्कूली शिक्षा कार्यक्रमों के अंतर्गत पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण पद्धतियों को बनाने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2005 दस्तावेज एक खाका प्रदान करता है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के अनुसार, शिक्षा के उद्देश्य हमारे संवैधानिक मूल्यों के आधार पर तय किए गए हैं (एनसीएफ 2005, अध्याय-1, पृ.
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग या आर्टिफिशियल रेनमेकिंग (Cloud seeding in Delhi in Hindi)
Posted on 14 Nov, 2023 12:54 PMदिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, और स्मोग ने उसको और खतरनाक बना दिया है। एक्यूआई यानी एयर-क्वालिटी-इंडेक्स बता रहा है कि दिल्ली की हवा दम घोंट रही है। दिल्ली सरकार दम घोंटू हवा से राहत के लिए क्लाउड सीडिंग को एक समाधान के रूप में देख रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण स्तरों से निपटने के एक उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग को ट्रिगर करने का प्रयास करन
राजस्थान की पर्यावरण की पुस्तकें(Environment Books Of Rajasthan)
Posted on 14 Nov, 2023 12:36 PMवर्तमान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 तथा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के द्वारा यह स्पष्ट है कि समस्त शिक्षण क्रियाओं में 'विद्यार्थी' केंद्र में है। हमारी सिखाने की प्रक्रिया इस प्रकार हो कि विद्यार्थी स्वयं अपने अनुभवों के आधार पर समझ कर ज्ञान का निर्माण करे।
मरुदम में प्रकृति से सीखना : एक शिक्षक का अनुभव
Posted on 14 Nov, 2023 11:50 AMमरुदम, द फॉरेस्ट वे ट्रस्ट द्वारा संचालित एक स्कूल है जो तमिलनाडु में तिरुवन्नामलई की सीमा पर स्थि एक गाँव कान्यामपोन्दी में स्थित है। फॉरेस्ट वे ने करीब 16 साल पहले तिरुवन्नामलई की उजाड़ धरती वनरोपण के लिए काम करना शुरू किया और जैसे-जैसे इस काम में शामिल लोगों का समुदाय बढ़ता गया वैसे ही यह इरादा भी जोर पकड़ता गया कि यहाँ पर एक शैक्षिक संस्थान शुरू किया जाए। शिक्षा के लिए ऐसी जगह की संकल्पन
जल की शिक्षा: कर्नाटक के सरकारी विद्यालयों में जल संरक्षण के प्रयासों का अनुभव
Posted on 14 Nov, 2023 11:23 AM"हमें टैंकर से पानी खरीदने के लिए हर 10-15 दिनों में 100 से 150 रुपए खर्च करना पड़ता है। पंचायत से मिलने वाले पानी की आपूर्ति रुक-रुक कर हो रही है। विद्यालय में हाथ धोने की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय हैं, लेकिन उनमें एक भी नल नहीं है, कोई ओवरहेड टैंक नहीं है जो सीधे शौचालयों या अन्य ज़रूरतों के लिए पानी उपलब्ध करा सके, सेप्टिक टैंक का वाल्व चैम्बर लीक हो रहा है। शौचालय के पास फर्श और नाली का
अदृश्य रह कर भी हमारी आस्था में उपस्थित सरस्वती नदी
Posted on 13 Nov, 2023 03:15 PMभारत में नदियों का इतिहास काफी और संस्कृति के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। भारत में आज लगभग 200 बड़ी नदियां हैं। इनमें से सबसे मशहूर नदी है गंगा। बाकी आपने यमुना, गोदावरी, सिंधु, गोमती, नर्मदा, कावेरी नदी के भी नाम सुने ही होंगे। आपने इन्हें कभी न कभी बहते भी देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम आपने अपनी पुस्तकों में कई बार पढ़ा होगा, लेकिन