समाचार और आलेख

Term Path Alias

/sub-categories/news-and-articles

जल बोर्ड मुख्यालय के पास पानी की गंभीर समस्या
Posted on 06 Jan, 2014 11:37 AM दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के आसपास के इलाकों में आम जनता को वर्षों से पानी की समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। स्थिति ऐसी है कि यहां के लोगों को आज भी ठेलों के जरिए पानी की आपूर्ति होती है। पहाड़गंज क्षेत्र के कई इलाकों के लोगों को पेयजल की किल्लत झेलनी पड़ रही है। दिल्ली जल बोर्ड का मुख्यालय पहाड़गंज क्षेत्र में स्थित है। पहाड़गंज क्षेत्र के चीनोट बस्ती, लक्ष्मण पुरी, नई बस्ती, अमरपुरी, कृष्णा
शिक्षा अधिकार का लक्ष्य साधती कोड़ाकू बेटियां
Posted on 05 Jan, 2014 11:56 AM शिक्षा का अधिकार साधती कोड़कू बेटियांकहें कि यह पत्थर तोड़कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले आदिवासी कोड़ाकू समुदाय की पहली शिक्षा से जुड़ी बेटियों की पीढ़
अजेंद्र अजय को “केदार रत्न” पुरस्कार
Posted on 04 Jan, 2014 01:24 PM अजेंद्र अजयउत्तराखंड के आपदा पीड़ितों की विभिन्न समस्याओं और प्रदेश में आपदा पीड़ितों के विस्थापन व पुनर्वास की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे राज्य मीडिया सलाहकार समिति के प
आसान नहीं शहर को मुफ्त पानी की राह
Posted on 03 Jan, 2014 02:19 PM मात्र चार साल में कर्नाटक के जुड़वा शहर हुबली-धारवाड़ में स्थानीय प्रशासन ने 40 करोड़ की लागत से करीब आठ बड़ी झीलें, तीन तालाब, 8
water
दिल्ली में पानी पर घमासान
Posted on 03 Jan, 2014 11:37 AM दिल्ली में पानी के मामले में घमासान की स्थिति दिखाई पड़ रही है। पानी मुफ्त में सब्सिडी पर उपलब्ध होना महत्वपूर्ण सवाल नहीं है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि दिल्ली अपना पानी के बारे में कब सोचेगी?
જીવન માટે જળનો આ દશકોઃ હવે તો જળસંચય એ જ ઉપાય
Posted on 02 Jan, 2014 01:13 PM જળ, જમીન, જંગલ અને પર્યાવરણની જાળવણી, સંરક્ષણ અને સંવર્ધન બાબતે માત્ર સરકાર એકલે હાથે જ આ બધું કરી દેશે એવી વધુ પડતી અપેક્ષાવાદી માનસિકતામાંથી લોકોએ બહાર આવવું જરૂરી છે. રાજ્ય સરકાર વિવિધ યોજનાઓ દ્વારા પાણીપ્રશ્ન ઉકેલવાના પ્રયાસો તો કરે છે, પરંતુ એ પૂરતું નથી. લોકોએ, સમુદાયોએ, સમાજે અને દરેક નાગરિકે પાણીનો પ્રશ્ન હલ કરવાના કાર્યમાં સહયોગી બનવું જરૂરી છે.
गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे चारागाह इटावा में बने कौतूहल का विषय
Posted on 31 Dec, 2013 10:13 AM चंबल के बीहड़ में हरी-भरी हरियालीकश्मीर के गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे चारागाह अगर देश के किसी दूसरे हिस्से में देखने को मिल जाए तो इसे बहुत बड़ी बात मानी जा
बर्बादी की बाढ़, समझ का अकाल
Posted on 28 Dec, 2013 12:39 PM जब अंग्रेज हमारे यहां आए थे तो हमारे देश में कोई सिंचाई विभाग नहीं था। कोई इंजीनियर नहीं था, इंजीनियरि
deforestation
बच्चों के स्वास्थ्य की कुंजी है साफ पानी व स्वच्छता
Posted on 24 Dec, 2013 04:05 PM बच्चों के लिए साफ पानी पर आधारित बैठकविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डायरिया से होने वाली 88 फीसदी मौत असुरक्षित पेयजल और स्वच्छता सुविधाओं के अभाव क
×