दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के आसपास के इलाकों में आम जनता को वर्षों से पानी की समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। स्थिति ऐसी है कि यहां के लोगों को आज भी ठेलों के जरिए पानी की आपूर्ति होती है। पहाड़गंज क्षेत्र के कई इलाकों के लोगों को पेयजल की किल्लत झेलनी पड़ रही है। दिल्ली जल बोर्ड का मुख्यालय पहाड़गंज क्षेत्र में स्थित है। पहाड़गंज क्षेत्र के चीनोट बस्ती, लक्ष्मण पुरी, नई बस्ती, अमरपुरी, कृष्णा बस्ती की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इसके अलावा गली झंडेवाली, मारवाड़ी बस्ती, अशोक बस्ती, महावीर गली, प्रिंस गली, किला कदम शरीफ जैसे इलाकों में पानी की दिक्कत होती है।
कैसे होती है पानी की आपूर्ति : इन इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए लगभग 50 ठेला-रिक्शे की व्यवस्था की गई है। गलियों से बाहर रोड पर एक जगह टैंकर के जरिए पानी लाया जाता है, जिसे आम जनता अपनी टंकियों में भरकर ठेला के जरिए घरों तक ले जाती है। स्थानीय निवासी हीरालाल सोढ़ी का कहना है कि गर्मी में भी यहां पानी के लिए काफी दिक्कत होती है। क्षेत्र के कई ट्यूबवेल खराब पड़े हुए हैं।
दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पिछले दो सालों से अपडेट होने का इंतजार कर रही है। टैंकर के जरिए पानी की आपूर्ति के लिए वेबसाइट पर डाला गया आंकड़ा दो साल पुराना है। परिणामस्वरूप आम जनता को वेबसाइट के जरिए पानी संकट से निजात पाना मुश्किल है। वेबसाइट पर अधिकांश टैंकर चालकों और आपातकालीन कक्ष का नंबर भी उपलब्ध नहीं है। कुछ स्थानों का नंबर दिया गया है तो वह भी ठप है। शास्त्री नगर स्थित आपातकालीन सेवा पर फोन करने पर नंबर ठप जा रहा है। वेबसाइट को 5 दिसंबर 2011 के बाद अपडेट नहीं किया गया।
कैसे होती है पानी की आपूर्ति : इन इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए लगभग 50 ठेला-रिक्शे की व्यवस्था की गई है। गलियों से बाहर रोड पर एक जगह टैंकर के जरिए पानी लाया जाता है, जिसे आम जनता अपनी टंकियों में भरकर ठेला के जरिए घरों तक ले जाती है। स्थानीय निवासी हीरालाल सोढ़ी का कहना है कि गर्मी में भी यहां पानी के लिए काफी दिक्कत होती है। क्षेत्र के कई ट्यूबवेल खराब पड़े हुए हैं।
दो साल से अपडेट नहीं हुई डीजेबी की वेबसाइट
दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पिछले दो सालों से अपडेट होने का इंतजार कर रही है। टैंकर के जरिए पानी की आपूर्ति के लिए वेबसाइट पर डाला गया आंकड़ा दो साल पुराना है। परिणामस्वरूप आम जनता को वेबसाइट के जरिए पानी संकट से निजात पाना मुश्किल है। वेबसाइट पर अधिकांश टैंकर चालकों और आपातकालीन कक्ष का नंबर भी उपलब्ध नहीं है। कुछ स्थानों का नंबर दिया गया है तो वह भी ठप है। शास्त्री नगर स्थित आपातकालीन सेवा पर फोन करने पर नंबर ठप जा रहा है। वेबसाइट को 5 दिसंबर 2011 के बाद अपडेट नहीं किया गया।
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