उत्तर प्रदेश

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तितलियों ने चंबल घाटी को किया इंद्रधनुषी
Posted on 27 Oct, 2013 10:58 AM चंबल घाटी से जुड़े इटावा में बीहड़ के भ्रमण के दौरान करीब 20 से अधिक प्रजाति की अनगिनत तितलियां नजर आई हैं। इससे पहले इतनी ज्यादा संख्या में हाल के दिनों में कभी भी तितलियों को कहीं पर भी देखा नहीं गया है। इन रंगबिरंगी तितलियों को देख कर एक बात कही जा सकती है कि भले ही शहरी इलाकों को विकास पक्षियों के साथ कीट पंतगों को प्रभावित करे लेकिन बीहड़ इनका सबसे खास आशियाना है।जब हम छोटे थे तब रंग बिरंगी तितलियों को पकड़ने की जिद अपने मम्मी पापा से करते थे क्योंकि तितलियां हमको नजर आती थीं हमारी जिद को पूरा करने के लिए घर वाले कभी-कभी पकड़ कर देते भी इस बात को आज हमारे बड़े होने पर घर वाले अमूमन याद दिलाया करते हैं लेकिन आज हमारे बच्चे तितली को दिखाने की बात कहते हैं तो हमारे पास सिवाय इसके कोई जबाब नहीं होता है अब नहीं दिखतीं तितलियां।

कभी रंग बिरंगी तितलियों को देखकर मन इनको पकड़ने के लिए लालायित हुआ करता था ऐसे में अगर कोई कहे कि हम दिखाएंगे सैकड़ों तितलियां। तो इस पर यकीन करना थोड़ा सा मुश्किल होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बीहड़ों में अनगिनत तादाद में नजर आ रही कई प्रजाति की तितलियों ने लोगों के मन में एक खास किस्म का कौतूहल पैदा कर दिया।
पेंटिंग के जरिए बच्चों ने ली पर्यावरण शिक्षा
Posted on 26 Oct, 2013 09:17 AM पेंटिंग के द्वारा पर्यावरण शिक्षाभारत उदय एजुकेशन सोसाइटी एवं पर्यावरण शिक्षण केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में पेट्रोलियम कन्जर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन के स
अफसरों की मेहरबानी से इटावा में नदियों का कत्लेआम
Posted on 25 Oct, 2013 02:24 PM दिन के उजाले में तो बालू का खनन किया जा रहा है रात के अंधेरे में भी बड़े पैमाने पर बालू खनन किया जा रह
अखिलेश के घर तक पहुंचा मनरेगा घोटाला
Posted on 24 Oct, 2013 01:45 PM इटावा जिले के बसरेहर इलाके के रिटौली गांव में तो जांच में 22 फर्जी
कॉमिक्स बुक ‘मॉरवी’ से स्वच्छता का मैसेज देने इलाहाबाद पहुंचे ट्रेवर ब्लैकमैन
Posted on 24 Oct, 2013 12:31 PM 1. शहर में जगह-जगह गंदगी देखकर जताई हैरानी
2. कहा भारत में सभी सरकारों को स्वच्छता व शुद्ध पेयजल को बनाना चाहिए चुनावी मुद्दा

खूखांर चंबल को विख्यात करने का अखिलेश का सपना
Posted on 21 Oct, 2013 12:14 PM दस्यु संरक्षण के लिए कुख्यात रही चंबल की वादी की तस्वीर बदलने के ल
इलाहाबाद : ताप विद्युत घरों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू
Posted on 16 Oct, 2013 10:32 AM

किसानों, मज़दूरों ने झूठे विकास को एक स्वर से नकार दिया


राज्य सरकार, प्रशासन, जनता के प्रतिनिधि, सरकारी दलाल व ठेकेदार यह कहते नहीं थकते कि किसानों ने तो स्वयं ही मुआवजा लिया। किसानों ने अपनी ज़मीन छोड़ी। गांव से हट गए। लेकिन जिला प्रशासन क्या इस बात का वास्तविक प्रमाण दे सकता है कि किसानों ने अपनी सहमति, समझ से ज़मीन दी और मुआवजा लिया, सिवाय प्रशासन के इस दावे के कि कुछ किसानों ने करार पत्र पर हस्ताक्षर किया है और उन्होंने मुआवज़े का चेक प्राप्त कर लिया है। क्या एसडीएम व लेखपाल द्वारा फार्म नम्बर 11 करार पत्र पर हस्ताक्षर होना किसानों की सहमति का आधार है?इलाहाबाद के किसानों व मज़दूरों ने यमुनापार में स्थापित होने जा रहे तीन दैत्याकार ताप विद्युत घरों को सर्वसम्मति से नकारकर निर्णायक संघर्ष प्रारंभ कर दिया है। किसानों द्वारा जोरदार आन्दोलन व न्याय की फरियाद पर करछना में जहां हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण रद्द कर दिया है, वहीं मेजा तहसील के कोहड़ार में एनटीपीसी का दृढ़ता के साथ विरोध किया जा रहा है। मेजा ऊर्जा निगम प्रा.लि. (संयुक्त उपक्रम एनटीपीसी) के नाम से लग रही इस ताप विद्युत उत्पादक कंपनी के खिलाफ भी बड़ा आन्दोलन शुरू हो गया है। यहां पर प्रभावित सात ग्राम सभाओं ने सर्वसम्मति से विस्थापन विरोधी मंच गठित कर न केवल आन्दोलन का आगाज कर दिया है, बल्कि उन्होंने अपनी ज़मीन को अधिग्रहण से मुक्त करने का मजबूत दावा भी प्रस्तुत किया है। इनका आधार बन रहा है, उत्तर प्रदेश लैण्ड एक्यूजन (डिटरमिनेशन ऑफ कम्पंसेशन एण्ड डेक्लरेशन ऑफ अवार्ड बाई एग्रीमेंट) रूल्स 1997, जिसका कलेक्टर द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया गया है।
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