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बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर कर रहे खेती
Posted on 20 May, 2024 06:39 AMभारत 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। देश की कुल 32 करोड़ 90 लाख हेक्टेयर भूमि में से 12 करोड़ 95 लाख सत्तर 70 हेक्टेयर भूमि बंजर है। भारत देश में बंजर भूमि के ठीक-ठीक आकलन के लिए अभी तक कोई विस्तृत सर्वेक्षण नहीं हुआ है, फिर भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का अनुमान मुताबिक सर्वाधिक बंजर जमीन मध्यप्रदेश में है-2 करोड़ 1 लाख 42 हेक्टेयर। उसके बा
इंसानों के पास 'दुनिया को बचाने के लिए' 2 साल बचे हैं: संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी
Posted on 12 Apr, 2024 04:02 PMदुनिया को बचाने के लिए धरती पर रहने वाले लोगों के पास केवल दो साल का समय बचा है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु एजेंसी प्रमुख साइमन स्टिल ने बुधवार को चेतावनी दी और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ जल्द से जल्द कदम उठाने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी जलवायु सचिव साइमन स्टिल ने कहा कि वह जानते हैं कि उनकी चेतावनी नाटकीय लग सकती है। स्टिल ने कहा कि दुनिया के देशों की सरकारों को प्रदूषण पर अंकुश ल
सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून की स्थिति
Posted on 03 Apr, 2024 11:21 AMपरंपरागत सिंचाई की वर्तमान प्रणालियाँ
चर्चा प्रारंभ करने के पूर्व मगध की सीमा एवं परंपरा के अर्थ को समझ लेने से चर्चा को आगे बढ़ाने में सुविधा होती है। परंपरा शब्द का प्रयोग करते ही अतीत से लेकर वर्तमान की कड़ियाँ सामने आने लगती हैं। मगध की सीमा कई बार घटती-बढ़ती रही है। वस्तुतः यह मगध साम्राज्य की सीमा का बढ़ना या घटना हुआ है। सांस्कृतिक दृष्टि से मगध की सीमा
विश्व जल दिवस पर यूसर्क द्वारा दो दिवसीय जल को जानो कार्यक्रम प्रारंभ
Posted on 22 Mar, 2024 11:53 AM(Know the Water)" Experiential Learning
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा विश्व जल दिवस 2024 के अवसर पर दिनाँक 21 मार्च 2024 को यूसर्क के सभागार में दो दिवसीय Experiential Learning program के अंतर्गत "पानी को जानो (Know the Water)" कार्यक्रम शुभारंभ किया गया।
वन में निहित है जीवन का अस्तित्व
Posted on 14 Mar, 2024 03:08 PMवन, पर्यावरण और मानव का अटूट संबंध है। मानव अपनी सभी उमंगों का आनंद वन और पर्यावरण के संग ही पा सकता है। प्रकृति की हरियाली और शीतल वायु सभी का मन मोह लेती है, यहाँ आ कर मनुष्य अपनी सारी थकावट और मानसिक तनाव से मुक्त हो जाता है। प्रकृति की गोद में पर्यावरण के संग रहना ऐसा सुखद लगता है जिसका वर्णन शब्दों में करना बहुत कठिन है। वनों और संतुलित पर्यावरण से ही हमारा अस्तित्व है, वनों का विनाश मानव
जलवायु परिर्वतन और बढ़ता तापमान के खतरे से अनजान हैं आम इंसान
Posted on 13 Mar, 2024 12:33 PMजलवायु परिवर्तन का ही असर माने कि समुचे यूरोप में कड़ाके की ठंड के दिनों में भीषण गर्मी पड़ी। यूरोप के कम से कम आठ देशों में ऐसे हालत देखे गए। इस वर्ष युरोप के इन आठ देशों में औसतन पीछले कई वर्षों के मुकाबले लगभग 15 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान रहा। भारत में 1877 के बाद इस साल फरवरी का महीना सबसे गर्म रहा और औसत अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उसके बाद अप्रैल महीने में भयंकर गर
जैविक खेती से भी क्यों बेहतर है प्राकृतिक खेती
Posted on 15 Feb, 2024 12:07 PMदेश में खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रचलन में आई रासायनिक कृषि के दुष्परिणमों से आज हम सभी अवगत हैं। रासायनिक खेती से त्रस्त होने के बाद उसके विकल्पों की तलाश प्रारंभ हुई। इस रूप में जैविक कृषि सामने आई। लेकिन अपनी जटिलता और महंगी लागत के कारण जैविक खेती विधि की उपयोगिता खेती-किसानी के लिए बहुत सीमित सिद्ध हुई है। यही कारण है कि ऐसे किसानों की संख्या बहुत अधिक है जिन्होंने विकल्प के रूप
सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से ग्राम कार्य योजना तैयार करना
Posted on 06 Feb, 2024 04:35 PMनांहली गाँव नंदुरबार मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर दोंडाईचा राजमार्ग पर स्थित है। 1,305 की आबादी वाले इस गाँव में लगभग 265 घर हैं। इस गाँव में प्राथमिक विद्यालय और गाँव के बीच में एक आंगनवाड़ी केंद्र और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है। पहले, लोग पीने के पानी के लिए ग्राम पंचायत के कुंए पर निर्भर थे, लेकिन 2005 के बाद इस पानी की गुणवत्ता में गिरावट शुरू हो गई।
हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन
Posted on 23 Jan, 2024 02:51 PMहाइड्रोजन ब्रह्मांड में विपुल मात्रा में पाया जाने वाला हल्का तत्व है। जल का प्रमुख घटक है। इसके दहन से जलवाष्प ही बनता है, अतः प्रदूषण मुक्त है। भविष्य का प्रमुख ईंधन है। तभी तो प्रधानमंत्री की घोषणानुसार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई है। मिशन के तहत 50लाख मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित क्षमता के साथ, भारत 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकता है।
मनुष्य के जीवन का छह महीना कम कर रहा जलवायु परिवर्तन
Posted on 23 Jan, 2024 12:01 PMजलवायु परिवर्तन खतरनाक रूप से आगे बढ़ रहा है, जिससे मानवता के लिए खतरा बढ़ रहा है। जैसा कि एक अध्ययन में कहा गया है कि मानव- प्रेरित ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित वर्षा औसत मानव जीवन काल को लगभग छह महीने तक कम कर सकती है।