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प्राकृतिक भूगोल
पर्यावरण प्रदूषण एवं स्वास्थ्य संकट
Posted on 04 Jun, 2024 08:51 PMपर्यावरण के किसी भी तत्व में होने वाला अवांछनीय परिवर्तन, जिससे जीव जगत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, प्रदूषण कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण में मानव की विकास प्रक्रिया तथा आधुनिकता का महत्वपूर्ण योगदान हैं। यहां तक मानव की वे सामान्य गतिविधियां भी प्रदूषण कहलाती है, जिनसे नकारात्मक फल मिलते हैं। उदाहरण के लिए उद्योग द्वारा उत्पादित नाइट्रोजन आक्साइड प्रदूषक हैं। हालांकि उसके तत्व प्रदूषक नही है। य
पर्यावरण प्रदूषण के पीछे तत्विक शक्तियों की खोज
Posted on 04 Jun, 2024 08:03 PMप्रदूषण आज मानवता के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिसका सीधा असर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर हो रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तेजी से बढ़ती उन्नति ने विभिन्न तत्वों के प्रयोग में बदलाव किया है, जिनसे प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हुई है। इस अभियान में, हम पर्यावरण प्रदूषण के पीछे तत्विक शक्तियों की खोज करने का प्रयास करेंगे, जिनसे हमारे पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण के कारणों को समझने में
पर्यावरण प्रदूषण : एक वैश्विक चुनौती
Posted on 03 Jun, 2024 03:58 PMपर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक चुनौती है, क्योंकि पेंटागन की एक रिपोर्ट में 2004 में ही चेतावनी दी गयी थी कि इससे जान-माल दोनों के नुकसान होने की संभावना है। एन्ड्रयू मार्शल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि वातावरण में अचानक आने वाले परिवर्तनों से पूरे विश्व में अफरा-तफरी मच सकती है। रिपोर्ट के प्रमुख लेखकों डा० रेडाल व पीटर स्क्वार्ट्ज़ ने आगाह किया था कि इन बदलावों पर तत्काल प्रभाव स
जयपुर, लापोड़िया : पानी ने बदली 70 गांवों की कहानी
Posted on 12 May, 2024 05:23 PMजयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके का एक गांव है- लापोड़िया। यह गांव लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयास की बदौलत आशा की किरणें बिखेर रहा है। इसने अपने वर्षों से बंजर पड़े भू-भाग को तीन तालाबों (देव सागर, फूल सागर और अन्न सागर) के निर्माण से जल-संरक्षण, भूमि-संरक्षण और गौ-संरक्षण का अनूठा प्रयोग किया है। इतना ही नहीं, ग्राम
प्रकृति का उपहार
Posted on 24 Aug, 2023 05:00 PMपृथ्वी का अमृतः जल
पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों के जल में माना जाता है। जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। तब से ही जल पृथ्वी पर जीवन का प्रतीक है। महासागरों, नदियों, झरनों, तालाबों, झीलों, पोखरों, भू-जल आदि जल स्रोतों में उपलब्ध जल जीवन के विविध रूपों को पनाह देता है। ये जल स्रोत विभिन्न गतिविधियों के लिए जल उपलब्ध कराने के साथ पर्यावरण पर भी महत्वप
भारत के जल संसाधन
Posted on 07 Jul, 2023 11:31 AMभारत के जल संसाधन :-
भारत लगभग 2.45 % दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र, दुनिया के 4% जल संसाधनों और लगभग 16% दुनिया की आबादी में योगदान देता है।
भारत को वार्षिक वर्षा अर्थात् 4000 घन किमी और सतह और भूजल स्रोतों से पानी प्राप्त होता है अर्थात् 1869 घन किमी. लेकिन पानी के इन दो स्रोतों से केवल 60 % (1122 क्यूबिक किमी. ) ही लाभकारी और उपयोगी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए श्रेयस्कर है गांधी मार्ग
Posted on 09 May, 2023 12:25 PMवर्तमान में तथाकथित आधुनिक, विकसित और सुख सुविधा से पूर्ण जीवन जीने की कभी तृप्त न होने वाली लालसा के कारण पूरी पृथ्वी में पर्यावरण के विनाश की लीला खेली जा रही है। आर्थिक और भौतिक विकास की अंधी दौड़ के कारण, दुनिया में विज्ञान और तकनीकी के हर चार बढ़ते कदम के साथ प्रकृति एक कदम पीछे धकेली जाने लगी है। बढ़ती जनसंख्या, गरीबी शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और विकास संबंधी कार्य, वनोन्मूलन तीव्र यातायात के
मेरा पानी मेरी विरासत योजना जल संरक्षण
Posted on 08 May, 2023 03:26 PMप्राकृतिक जलभृत के रूप में माना जाने वाला भू जल हमारे लिए उपलब्ध सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों में से एक घरों या सार्वजनिक कार्यालयों में लगभग 33% जलापूर्ति इसी भू जल के माध्यम से होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में 90% आबादी पीने के लिए भू-जल पर निर्भर है क्योंकि कई बार शहर के जल आपूर्ति विभाग या कंपनियां उन्हें पीने के लिए पानी की बुनियादी आवश्यकता प्रदान करने में विफल रहती हैं। वर्ष 2015 में लगभ
प्राचीन जल विज्ञान - बादलों की उत्पत्ति, वर्षा और इसका मापन (Part-I)
Posted on 25 Mar, 2023 10:18 AMवर्षा उन तीन मुख्य प्रक्रियाओं (वाष्पीकरण, संघनन, और वर्षा) में से एक है जिनके द्वारा जलविज्ञानीय चक्र, वायुमंडल और पृथ्वी की सतह के बीच पानी का निरंतर आदान-प्रदान संचालित होता है। इस अध्याय में प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा
वायु प्रदूषण कम करने के लिए बिहार बना रहा है नई कार्ययोजना
Posted on 01 Dec, 2022 11:18 AMबिहार में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने कहा कि वह जल्द ही इस खतरे से निपटने के लिए एक कार्य योजना प्रकाशित करेगें । मीडिया से बात करते हुए बीएसपीसीबी के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने के लिए कुछ वर्षों तक लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।उन्होंने कहा "हम राज्य में वायु प्रदूषण के स्त