प्राकृतिक भूगोल

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प्रकृति का उपहार
विभिन्न प्राकृतिक कारकों के आपसी समन्वय के परिणामस्वरूप पृथ्वी पर जीवन कायम है। हवा, जल, मिट्टी, वन एवं ऊर्जा पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने वाले अहम कारक हैं। इन कारकों ने पृथ्वी को जीवनदायी ग्रह बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस अध्याय में हम प्रकृति के इन अमूल्य उपहारों की चर्चा करेंगे।

Posted on 24 Aug, 2023 05:00 PM

पृथ्वी का अमृतः जल

पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों के जल में माना जाता है। जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। तब से ही जल पृथ्वी पर जीवन का प्रतीक है। महासागरों, नदियों, झरनों, तालाबों, झीलों, पोखरों, भू-जल आदि जल स्रोतों में उपलब्ध जल जीवन के विविध रूपों को पनाह देता है। ये जल स्रोत विभिन्न गतिविधियों के लिए जल उपलब्ध कराने के साथ पर्यावरण पर भी महत्वप

प्राकृति का उपहार
भारत के जल संसाधन
भारत लगभग 2.45 % दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र, दुनिया के 4% जल संसाधनों और लगभग 16% दुनिया की आबादी में योगदान देता है।

Posted on 07 Jul, 2023 11:31 AM

भारत के जल संसाधन :-

भारत लगभग 2.45 % दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र, दुनिया के 4% जल संसाधनों और लगभग 16% दुनिया की आबादी में योगदान देता है।

भारत को वार्षिक वर्षा अर्थात् 4000 घन किमी और सतह और भूजल स्रोतों से पानी प्राप्त होता है अर्थात् 1869 घन किमी. लेकिन पानी के इन दो स्रोतों से केवल 60 % (1122 क्यूबिक किमी.  ) ही लाभकारी और उपयोगी है।

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पर्यावरण संरक्षण के लिए श्रेयस्कर है गांधी मार्ग
महात्मा गांधी ने जीवन जीने का ज्ञान देते हुए कहा था कि आज शुद्ध जल, शुद्ध पृथ्वी और शुद्ध वायु हमारे लिए अपरिचित हो गए हैं। हम आकाश और सूर्य के अपरिमेय मूल्य को नहीं पहचानते। अगर हम पंच तत्वों का बुद्धिमतापूर्ण उपयोग करें और सही तथा संतुलित भोजन करें तो हम युगों का काम पूरा कर सकेंगे। इस ज्ञान के अर्जन के लिए न डिग्रियों की आवश्यकता है Posted on 09 May, 2023 12:25 PM

वर्तमान में तथाकथित आधुनिक, विकसित और सुख सुविधा से पूर्ण जीवन जीने की कभी तृप्त न होने वाली लालसा के कारण पूरी पृथ्वी में पर्यावरण के विनाश की लीला खेली जा रही है। आर्थिक और भौतिक विकास की अंधी दौड़ के कारण, दुनिया में विज्ञान और तकनीकी के हर चार बढ़ते कदम के साथ प्रकृति एक कदम पीछे धकेली जाने लगी है। बढ़ती जनसंख्या, गरीबी शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और विकास संबंधी कार्य, वनोन्मूलन तीव्र यातायात के

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मेरा पानी मेरी विरासत योजना जल संरक्षण
ग्रामीण क्षेत्रों में 90% आबादी पीने के लिए भू-जल पर निर्भर है क्योंकि कई बार शहर के जल आपूर्ति विभाग या कंपनियां उन्हें पीने के लिए पानी की बुनियादी आवश्यकता प्रदान करने में विफल रहती हैं। वर्ष 2015 में लगभग 48% सिंचाई प्रक्रिया इसी भू-जल के माध्यम से की गई थी और तब से जल स्तर तेजी से घट रहा है।  Posted on 08 May, 2023 03:26 PM

प्राकृतिक जलभृत के रूप में माना जाने वाला भू जल हमारे लिए उपलब्ध सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों में से एक घरों या सार्वजनिक कार्यालयों में लगभग 33% जलापूर्ति इसी भू जल के माध्यम से होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में 90% आबादी पीने के लिए भू-जल पर निर्भर है क्योंकि कई बार शहर के जल आपूर्ति विभाग या कंपनियां उन्हें पीने के लिए पानी की बुनियादी आवश्यकता प्रदान करने में विफल रहती हैं। वर्ष 2015 में लगभ

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प्राचीन जल विज्ञान - बादलों की उत्पत्ति, वर्षा और इसका मापन (Part-I)
प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा मापन के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकों पर भी प्रकाश डालता है।
Posted on 25 Mar, 2023 10:18 AM

वर्षा उन तीन मुख्य प्रक्रियाओं (वाष्पीकरण, संघनन, और वर्षा) में से एक है जिनके द्वारा जलविज्ञानीय चक्र, वायुमंडल और पृथ्वी की सतह के बीच पानी का निरंतर आदान-प्रदान संचालित होता है। इस अध्याय में प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा

चित्र 3.1: बादलों की उत्पति की प्रक्रिया (स्त्रोत: https://climate.ncsu.edu/edu/CloudFormation)
वायु प्रदूषण कम करने के लिए बिहार बना रहा है नई कार्ययोजना
बिहार राज्य के कई शहरों में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर गंभीर चिंता का विषय है। वायु गुणवत्ता में सुधार देखने के लिए हमें कुछ वर्षों तक लगातार प्रयास करने की जरूरत है। बीएसपीसीबी जल्द ही राज्य में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सभी हितधारकों के लिए अपनी कार्य योजना लेकर आएगा। Posted on 01 Dec, 2022 11:18 AM

बिहार में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने कहा कि वह जल्द ही इस खतरे से निपटने के लिए एक कार्य योजना प्रकाशित करेगें । मीडिया से बात करते हुए  बीएसपीसीबी के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने के लिए कुछ वर्षों तक लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।उन्होंने कहा "हम राज्य में वायु प्रदूषण के स्त

बिहार में वायु प्रदूषण कम करने के लिए बना प्लान,फोटो-flickerIndiawaterportal
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