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जर्मनी को जानिए जल से, जहाज़ से
Posted on 03 Nov, 2010 09:49 AM


जर्मनी में यूं तो तेज़ रफ़्तार ट्रेनें और सस्ती एयरलाइंस भी हैं लेकिन नदी की धारा और उस पर हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ने वाले जहाज़ में बैठने का मज़ा सबसे निराला है। आपको इतिहास भी दिखेगा, तकनीक भी और संस्कृति भी।

आप जर्मनी को जानना चाहते हैं और आप पैदल चलकर अपने पांवों को दर्द में कांपते नहीं सह सकते। बसों और ट्रामों की यात्राओं से उकता गए हैं। साइकल से भी सवारी के पक्ष में कतई नहीं। तो चिंता किस बात की। आपके लिए एक विकल्प है, एक शाही विकल्प।

राइन नदी में आवाजाही
Posted on 03 Nov, 2010 09:34 AM


जर्मनी में यूं तो कई नदियां हैं पर छह नदियां प्रमुख हैं। इनमें राइन भी हैं। जिसे फादर राइन कहा जाता है। जर्मनी में नदियों पर बड़े बड़े जहाज़ भी चलते हैं, सैर सपाटे के लिए क्रूज़ भी और उनके साथ ही चलता है इतिहास भी।

नदियों के रास्ते जर्मनी की खोज
Posted on 03 Nov, 2010 09:17 AM


जर्मनी को कुदरत के विलक्षण उपहार के रूप में मिली नदियां यहां के लोगों की आत्मा की तरह हैं और प्रेरणा भी। सैलानियों के लिए यह नदियों के रास्ते जर्मनी की एक अविस्मरणीय खोज बन सकती है। आइये इनकी यात्रा पर निकलें।

नदियों पर टेढ़ी होती मौसम की नजर
Posted on 03 Nov, 2010 08:58 AM


एशिया में जल स्तर तेज़ी से असंतुलित हो रहा है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से आने वाले वर्षों में भारत में कई नदियां सूखे मैदान में तब्दील हो सकती हैं। संकट के लक्षण दिखने लगे हैं।

पैसफिक में मछली पालन उद्योग की उम्र 25 साल
Posted on 03 Nov, 2010 08:53 AM
प्राकृतिक संसाधनों के अत्याधिक दोहन का कुपरिणाम सामने आने लगा है। पैसेफिक (प्रशांत) कम्युनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2035 तक इन इलाकों में मछली पालन उद्योग पूरी तरह खत्म हो जाएगा। मत्स्य उद्योग के लिए अधिक मछली पकड़ना, इंसानों की बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन खतरनाक साबित हो रहा है। पैसफिक द्वीप समूह में 22 देश आते हैं।
भरी गर्मी में बारिश-ओले, कहीं लेने के देने न पड़ जाएं
Posted on 03 Nov, 2010 08:47 AM
अमेरिका के दक्षिण पूर्वी इलाके में पिछले कुछ दशकों से गर्मी के मौसम में अधिक वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहे इन बदलावों के चक्कर में लेने के देने पड़ सकते हैं। ड्यूक यूनिवर्सिटी के पर्यावरणविदों ने इसके पीछे भी ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार माना है। उन्होंने इसका संबंध उत्तरी अटलांटिक उपोष्णकटिबंधीय (नैश) से जोड़ा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि नैश
मंगल पर भी है पानी, नासा को रोवर के जरिए मिले सबूत
Posted on 03 Nov, 2010 08:43 AM
नासा के खगोलविदों को मंगल की उपसतह पर पानी के साक्ष्य मिले हैं। नासा को ये सबूत मंगल पर करीब साल भर से फंसे रोवर यान से मिले है। उल्लेखनीय है कि नासा ने मंगल पर पानी व अन्य सबूतों की तलाश में रोवर यान भेजा था। पिछले साल रोवर के पहिए मंगल की सतह पर धंस गए और 22 मार्च के बाद से नासा के खगोलविदों और रोवर के बीच संपर्क कट गया था, लेकिन खगोलविदों ने फंसे रोवर को खोज लिया है और उससे उन्हें मंगल की
तूफानों के सामने को रहें तैयार, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ी ताकत
Posted on 03 Nov, 2010 08:32 AM
दुनिया को धीरे-धीरे अपनी चपेट में ले रही ग्लोबल वार्मिंग ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अटलांटा, चीन और इंडोनेशिया में तूफानों के कहर में ग्लोबल वार्मिंग की अहम भूमिका है। पिछले कुछ सालों में दुनिया भर के कई देशों में तूफानों की संख्या में इजाफा हुआ है। नवीनतम शोध के मुताबिक इस सदी के अंत तक अटलांटा और न्यूयॉर्क में तूफानों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। रिसर्
एक भोपाल है, एक है मेक्सिको की खाड़ी
Posted on 02 Nov, 2010 12:16 PM अमेरिका में किसी भारतीय कंपनी की फैक्टरी में भोपाल गैस कांड सरीखी तबाही हुई होती, तो क्या अमेरिकी सरकार उस कंपनी और उसके लोगों को ऐसे ही छोड़ देती? क्या तब कानूनी प्रक्रिया के छेद से कोई भारतीय कंपनी निरापद बाहर निकल सकती थी क्योंकि वहाँ तो किसी अमेरिकी कंपनी को भी नहीं छोड़ा जाता। इसका प्रमाण है मेक्सिको की खाड़ी में बी.पी. तेल रिसाव को लेकर अमेरिकी सरकार की पहल।
ग्लोबल वॉर्मिंग का बढ़ता असर
Posted on 02 Nov, 2010 09:51 AM

पिघलती बर्फ से तापमान में वृद्धि

जर्मन मौसम विभाग (डीडब्ल्यूडी) द्वारा इस साल का अप्रैल महीना 1820 से अब तक का सबसे गर्म अप्रैल माह दर्ज किया गया है। डीडब्ल्यूडी ने यह भी रिपोर्ट की है कि बीते साल की गर्मियाँ अपेक्षाकृत गरम रही हैं और तापमान औसतन 8.3 के बजाय 9.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है। तापमान में होती इस बढोतरी के चलते इस धारणा को भी बल मिला है कि ग्लोबल वॉर्मिंग अनुमान से ज्यादा औ

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