फजल इमाम मल्लिक
फजल इमाम मल्लिक
रिश्तों की प्यास
Posted on 10 Mar, 2015 04:28 PMमैथ्यू साहब की बात सुन कर मुझे काफी हैरत हुई। सच पूछें तो एक सकते जैसी स्थिति मुझ पर तारी हो गई। ‘पानी के इस रंग' से पहले मेरी वाक्फियत नहीं थी। लेकिन उस दिन पानी का यह नया रूप सामने आया था। पानी भी किसी को तोहफे में देने की चीज है, यह सवाल पहली नजर में बेमानी-सा लगता है। पर हुआ ऐसा ही था। मैथ्यू साहब को किसी ने तोहफे में पानी दिया था और उन्होंने किस![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/16566423507_90cfa80357_n_4.jpg?itok=m8BKglTm)