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भूकम्प विज्ञान कार्यक्रम को प्राथमिकता
Posted on 12 Apr, 2016 12:19 PM
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भूकम्प विज्ञान को एक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया है। इसका उद्देश्य अनुसन्धान और समाज दोनों के प्रयोग के लिये उच्च कोटि का भूकम्प सम्बन्धी आँकड़ा तैयार करना है। इस कार्यक्रम के अधीन हिमालय क्षेत्र और प्रायःद्वीपीय शील्ड क्षेत्र में दो विशिष्ट परियोजनाएँ शुरू की गई।
आसान नहीं है जल संकट का निदान
Posted on 11 Apr, 2016 03:23 PM

आज देश के नौ राज्य भयंकर सूखे की चपेट में हैं। देश के 91 जलाशयों में पानी का स्तर लगातार

इंजीनियरिंग में हमेशा विकल्प है : स्वामी सानंद
Posted on 10 Apr, 2016 03:31 PM


‘स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद’ का 13वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

.गंगा पर टेस्टिंग के लिये मनेरी-भाली पर पहली परियोजना बनाना तय हुआ। आईआईटी, कानपुर की तरफ से मैं भी 15 दिन के लिये ट्रेनिंग पर गया था। तकनीक ट्रेनी के तौर पर मेरा नाम था। प्रबन्धन प्रशिक्षु के तौर पर जेएल बत्रा और अशोक मित्तल गए थे। जेएल बत्रा तब कानपुर आईआईटी में थे। वह आईआईएम, लखनऊ के पहले डायरेक्टर बने।

1978-79 में मैंने मनेरी-भाली का पर्यावरण देखा है। मेरे मन में प्रश्न उठता है कि तब मैंने विरोध क्यों नहीं किया? दरअसल, तब मुझे यह एहसास ही नहीं हुआ कि इससे गंगा सूख जाएगी। तब तक मैंने टनल प्रोजेक्ट नहीं देखा था। मैंने डैम प्रोजेक्ट देखे थे; भाखड़ा..रिहन्द देखे थे। मुझे लगता था कि पढ़ाई-वढ़ाई से ज्यादा, अनुभूति होती है। वह अनुभूति तब नहीं थी।

टके सेर टमाटर
Posted on 10 Apr, 2016 12:47 PM
बुन्देलखण्ड व मराठवाड़ा-विदर्भ में किसान इस लिये आत्महत्या कर
फ्लोराइड की मार से कुबड़ापन
Posted on 10 Apr, 2016 10:03 AM
फ्लोराइड पानी से आँतों में अल्सर, पुरुषों में नपुसंकता व स्त्रियों में बार-बार गर्भपात की परेशानी होती है।
सिमटती नदियाँ, संकट में मानव सभ्यता
Posted on 08 Apr, 2016 02:28 PM
बहुत पुरानी बात है, हमारे देश में एक नदी थी सिंधु। इस नदी की घाटी में खुदाई हुई तो मोहन जोदड़ों नाम का शहर मिला, ऐसा शहर जो बताता था कि हमारे पूर्वजों के पूर्वज बेहद सभ्य व सुसंस्कृत थे और नदियों से उनका शरीर-श्वांस का रिश्ता था। नदियों के किनारे समाज विकसित हुआ, बस्ती, खेती, मिट्टी व अनाज का प्रयोग, अग्नि का इस्तेमाल के अन्वेषण हुए।
पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार के सुनहरे अवसर
Posted on 05 Apr, 2016 10:49 AM
बाड़मेर जैसे विशाल रेगिस्तानी क्षेत्र के 28,387 वर्ग कि.मी.
पारिस्थितिकी विकास की आवश्यकता
Posted on 04 Apr, 2016 04:18 PM
एक ओर जनसंख्या वृद्धि की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है तथा दूसरी
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