छत्तीसगढ़

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छत्तीसगढ़ में उपलब्ध जल संसाधन और कृषि विकास (Available water resources and agricultural development in Chhattisgarh)
Posted on 13 Aug, 2017 01:29 PM

जल-चक्र को नियमित बनाये रखने के लिये वन विनाश को रोका जाये और वन क्षेत्र में रोपण किया जा

जैविक खेती से धान की उपज बढ़ाने की मेडागास्कर पद्धति
Posted on 01 Jul, 2017 04:45 PM
मेडागास्कर पद्धति धान की पैदावार बढ़ाने की नई पद्धति है जिसमें कम पानी, कम बीज और बिना रासायनिक खाद के दोगुना से ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस नई पद्धति में धान के खेत में पानी भरकर रखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि खेत में पानी भरे रखने से पौधे का सम्पूर्ण विकास नहीं होता। अगर खेत में पानी भरा हो तो पौधे की अधिकांश जड़े बालियाँ निकलने से पहले ही सड़ जाती है और उसकी बढ़वार कमजोर हो
धान की खेती
प्राकृतिक संसाधनों की बदहाली से विचलित सोनांचल विकास मंच
Posted on 13 Jun, 2017 11:48 AM


मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिलों को मिलाकर शहडोल संभाग बना है। इस संभाग की कुल आबादी लगभग 24.60 लाख है। संभाग प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। अच्छी खासी बरसात होती है। इस क्षेत्र में कोयले की बहुत सी खदानें हैं। उन खदानों के कारण पूरे देश में इस इलाके की पहचान मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्र के रूप में है। कोयले के अलावा इस इलाके में घने जंगल हैं। इस इलाके की मुख्य नदी सोन है। संभाग की पहचान अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके के रूप में है। इस संभाग में अनेक जनजातियाँ निवास करती हैं।

Sonanchal Vikas Manch
श्रमदान कर तालाब को जिंदा किया
Posted on 11 Jun, 2017 11:46 AM
गुरूर, छत्तीसगढ़। जहाँ चाह होती है, वहाँ राह होती है फिर अड़चनें भी दूर हो जाती हैं। ऐसा ही एक माजरा देखने को मिला है, ग्राम सोरर में। इस गाँव में एक पुराना माता तालाब है जिसकी साफ-सफाई और गहरीकरण को लेकर गाँव वाले काफी चिन्तित थे और प्रशासन से भी मदद माँग रहे थे। तालाब में चट्टान व मुरुम होने के कारण इसके गहरीकरण में दिक्कत आ रही थी। प्रशासन से मदद न मिलते देश ग्रामीणों ने खुद श्रमद
प्यासा है छत्तीसगढ़
Posted on 13 May, 2017 04:47 PM
छत्तीसगढ़ में गाँवों से लेकर शहरों तक जल संकट नक्सली समस्या जैसी बड़ी समस्या बन गई है। क्योंकि नदियों का पानी उद्योगों ने निचोड़ लिया। तालाबों की जान बिल्डरों ने ले ली। नतीजा पानी का हाहाकार राजधानी रायपुर से लेकर गाँवों तक है। पानी की प्राथमिकता अब रोटी, कपड़ा और मकान से अधिक है। क्योंकि एक तरफ धरती प्यासी है तो दूसरी ओर लोग प्यासे हैं।
रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का भौगोलिक अध्ययन : सारांश
Posted on 07 May, 2017 12:22 PM
प्रस्तुत शोध-प्रबंध रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित तालाबों से संबंधित हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब की उपलब्धता का आकलन, तालाबों का वितरण एवं प्रभावित करने वाले कारकों, तालाबों की आकारिकीय समीक्षा तथा तालाबों के मानव जीवन में पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या करना है। रायपुर जिले के पंद्रह विकासखंड, आरंग, अभनपुर, धरसीवां, सिमगा, भाटापारा, बलौदाबाजार, पलारी
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