छत्तीसगढ़

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महानदी नदी
Posted on 19 Sep, 2008 08:00 PM

छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानन्दा एवं नीलोत्पला भी महानदी के ही नाम हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरीजिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रुप धारण कर चुकी होती है। ऐतिहासिक न

भारत में औसत वार्षिक जल संसाधन क्षमता का मूल्यांकन
Posted on 10 Sep, 2008 02:56 PM

छत्तीसगढ़ न्यूज/ देश में सतही और उप-सतही स्रोतों से जल की उपलब्धता का समुचित मूल्यांकन उचित आयोजना, विकास और प्रबंधन का आधार है। जल संसाधनों की आयोजना, विकास और प्रबंधन को बहु-क्षेत्रीय, बहु-विभागीय और भागीदारीपूर्ण दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय जल नीति, 2002 के अनुसार समन्वित गुणवत्ता, संख्या और पर्यावरण संबंधी पहलुओं पर आधारित एक जलविज्ञान इकाई के आधार

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जल गुणवत्ता पखवाड़ा : जल गुणवत्ता नियंत्रण उपायों के लिए 15 दिवसीय अभियान
इस अभियान के माध्यम से पानी की गुणवत्ता, भंडारण, सुरक्षित जल रख-रखाव और प्रबंधन से संबंधित नियंत्रण उपायों के बारे में जागरूकता का प्रसार करने के लिए 1,00,000 जल बहिनियां, 273 पैनल में शामिल आईएसए और 19,000+ वीडब्ल्यूएससी राज्य के 19,676 गांवों में पहुंचेंगी। Posted on 18 Sep, 2023 02:37 PM

छत्तीसगढ़, जल जीवन मिशन के विजन के लिए प्रतिबद्ध है और यह 2024 तक 'हर घर जल' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से काम कर रहा है। क्षेत्र स्तर पर हर संभव प्रयास करके, छत्तीसगढ़ सरकार, जेजेएम के प्रत्येक घटक अर्थात पानी की गुणवत्ता की पर्यवेक्षण और निगरानी (डब्ल्यूक्यूएमएस), डीपीएमयू और एसपीएमयू की स्थापना और विशेषज्ञों की नियुक्ति, केआरसी को नियोजित करने, नियोजित आईएसए के लिए प्रशिक्षण

पानी की गुणवत्ता की पर्यवेक्षण और निगरानी
जल प्रदूषण निवारण एवं कानूनी नियंत्रण
प्रदूषण आज की एक ज्वलंत समस्या है। प्रदूषण पर्यावरण को ही दीमक की तरह खोखला कर रहा है। आज न केवल मानव जाति, अपितु पशु-पक्षी भी प्रदूषण से व्यथित एवं कुंठित हैं। जन जीवन प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभावित हुआ है। विकलांगता, अंधापन आदि प्रदूषण के ही परिणाम है। प्रदूषण चाहे हवा हो या जल का प्रदूषण मानव जाति के लिए घातक है। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय को इण्डियन कौसिंल फार एन्वायरो लीगल एक्शन बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया (ए.आई.आर. 1996 एस.सी. 1446) के मामले में यह कहना पड़ा कि अब समय आ गया है जब प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन, प्रशासन और स्वैच्छिक संगठनों को पहल करनी होगी।

Posted on 08 Apr, 2023 10:41 AM

प्रदूषण आज की एक ज्वलंत समस्या है। प्रदूषण पर्यावरण को ही दीमक की तरह खोखला कर रहा है। आज न केवल मानव जाति, अपितु पशु-पक्षी भी प्रदूषण से व्यथित एवं कुंठित हैं। जन जीवन प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभावित हुआ है। विकलांगता, अंधापन आदि  प्रदूषण के ही परिणाम है। प्रदूषण चाहे हवा हो या जल का प्रदूषण मानव जाति के लिए घातक है। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय को इण्डियन कौसिंल फार एन्वायरो लीगल एक्शन बनाम यू

जल प्रदूषण निवारण एवं कानूनी नियंत्रण,pc-anokha gyan
छत्तीसगढ़ की औद्योगिक संरचना
Posted on 01 Jan, 2019 12:42 PM

रेडमड जो कि एक खतरनाक ठोस अपशिष्ट है, उसे संयंत्र से 5.6 किमी दूर विशेष प्रकार के पॉलीथीन एवं कंक्रीट की परत से

Industry in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास के मायने
Posted on 21 Dec, 2018 04:56 PM

जिन्दल स्ट्रीप्स लिमिटेड रायगढ़ से 8 किमी की दूरी पर पतरापाली नामक स्थान पर मुख्यतः कच्चे पदार्थों की सुलभ

Chhattisgarh
औद्योगीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव
Posted on 20 Dec, 2018 04:37 PM

पर्यावरण उन सभी भौतिक तथा जैविक परिस्थितियों का समूह है, जो जीवों की अनुक्रियाओं को निरन्तर प्रभावित करते है। सविन्द्र सिंह के अनुसार “पर्यावरण एक अविभाज्य समष्टि है तथा भौतिक, जैविक एवं सांस्कृतिक तत्वों वाले पारस्परिक क्रियाशील तन्त्रों से इसकी रचना होती है। ये तन्त्र, अलग-अलग तथा सामूहिक रूप से विभिन्न रूपों में परस्पर सम्बद्ध होते हैं।” (सिं
गेवरा खनन क्षेत्र
औद्योगिक क्षेत्र
Posted on 22 Nov, 2018 04:15 PM

 

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